
भोपाल/गौरव चौहान /बिच्छू डॉट कॉम। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडगे के निर्वाचन के बाद पार्टी की तस्वीर बदलने तय है, जिसका असर प्रदेश में भी कांग्रेस नेताओं पर पड़ना तय माना जा रहा है। नए पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद भी कमलनाथ के पुराने रसूख पर कोई असर नहीं पड़ना वाला है, लेकिन कहा जा रहा है कि जहां पार्टी में दिग्विजय सिंह का कद बढेÞगा तो वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और अजय सिंह जैसे नेताओं की पूछ परख भी बढ़ जाएगी।
दरसअल कमलनाथ दिल्ली जाना नहीं चाहते हैं। खरगे के अध्यक्ष बनने के बाद सबसे अधिक फायदा दिग्विजय सिंह को होने की उम्मीद जताई जा रही है। यह बात अलग है कि खरगे के अध्यक्ष बनने के बाद भी संगठन व अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में अब भी दस जनपथ की राय को ही प्राथमिकता मिलना तय मानी जा रही है, लेकिन खडगे की जीत ने मध्यप्रदेश के कई नेताओं में खुद को लेकर अच्छी संभावनाएं नजर आनी शुरू हो गई हैं। इसकी वजह है कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार को रूप में मल्लिकार्जुन खडगे द्वारा अपने कुछ घंटो के भोपाल प्रवास के समय कई ऐसे नेताओं से भी मुलाकात की थी, जो कांग्रेस में कभी कद्दावर माने जाते थे, लेकिन अब उनकी पूछ परख में कमी आयी है। यही नहीं जिस तरह से उनके द्वारा भोपाल एयरपोर्ट पर इन नेताओं को नाम से बुलाकर उनकी कुशलक्षेम भी पूछी थी, उसके बाद से ही उनके नामों की पार्टी में चर्चाएं शुरू हो गई थी, कि यदि खडगे अध्यक्ष बनते हैं तो मध्यप्रदेश के इन नेताओं का कांग्रेस में कद बढ़ना तय है। माना जा रहा है कि खड़गे द्वारा राज्यसभा के नेता के पद से अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरते ही इस्तीफा दे दिया गया था। इसके बाद से ही यह पद रिक्त बना हुआ है। माना जा रहा है कि अब दिग्विजय सिंह को राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है। इसी तरह से प्रदेश के कई नेता कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के लिए या तो नामांकित हो सकते हैं या फिर उन्हें इस महत्वपूर्ण कमेटियों का सदस्य बनने के लिए चुनाव लड़ने का मौका दिया जा सकता है। गौरतलब है कि कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद अब पार्टी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी ( सीडब्ल्यूसी) के भी चुनाव कराए जाने हैं। पार्टी में ये चुनाव भी वर्ष 1997 के बाद कराए जा रहे हैं, जिसमें शीर्ष समूह के सदस्यों को चुना जाएगा। आखिरी बार सीडब्ल्यूसी के चुनाव कोलकाता अधिवेशन में कराए गए थे, उसके बाद से हर बार पार्टी अध्यक्ष को ही सीडब्ल्यूसी का गठन करने का अधिकार दिया जाता रहा है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी के 23 में से 12 सदस्य चुने जाएंगे, जबकि 11 को नामित किया जाएगा। अगर सीडब्ल्यू की चुनी जाने वाली सीटों पर 12 से ज्यादा उम्मीदवार निर्वाचन पत्र दाखिल करते हैं तो तो चुनाव कराए जाएंगे।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों का हो सकता है चुनाव
कांग्रेस के अंसतुष्ट गुट कहे जाने वाले जी-23 समूह द्वारा भी सीडब्ल्यूसी का चुनाव कराने को एक बड़ा मुद्दा मानकर उठाया था। समूह लगातार मांग करता रहा कि सीडब्ल्यूसी के सदस्य चुनावी प्रक्रिया के तहत चुने जाएं। समूह के नेताओं ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठन में सुधार करने की मांग की थी। जानकारों का मानना है कि नए अध्यक्ष द्वारा कांग्रेस वर्किंग कमेटी के लिए 11 सदस्यों को नामांकित किया जाएगा, तो उसमें मप्र के कई दिग्गज नेताओं के नाम शामिल हो सकते हैं। इतना ही नहीं, अध्यक्ष द्वारा जब भी अपनी नई टीम का गठन किया जाएगा तो उसमें मप्र के कुछ युवाओं और नेताओं को प्रतिनिधित्व मिल सकता है। बताया गया है कि इस बार कांग्रेस की सबसे अहम कमेटी में स्थान पाने मप्र के कई नेता सक्रिय हो गए हैं। इनमें से कुछ यूथ नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो पद यात्रा में भी दिखाई दे रहे हैं। हालांकि सूत्रों का ये भी कहना है कि कांग्रेस अपनी राष्ट्रीय टीम में मध्यप्रदेश को प्रतिनिधित्व देते वक्त क्षेत्रीय और जातीय समीकरण का भी विशेष ध्यान देगी।
कमलनाथ ने दी बधाई
पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने नया अध्यक्ष चुने जाने पर मल्लिकार्जुन खडगे को बधाई दी। कमलनाथ ने खडगे को बधाई देते हुए कहा हमें पूरी उम्मीद है कि उनके अनुभव का लाभ कांग्रेस संगठन को मिलेगा और उनके कुशल नेतृत्व में कांग्रेस नये मुकाम हासिल करेगी व संगठन और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि खडगे के अनुभव कर कांग्रेस को लाभ तो मिलेगा ही साथ ही उनके कुशल नेतृत्व में निश्चित ही कांग्रेस पार्टी नए आयाम छुएगी।