आवासों में बने व्यापारिक प्रतिष्ठान से ननि करेगा कमाई

  • राजधानी में करीब एक लाख मकानों में गलत रूप से चल रहीं व्यवसायिक गतिविधियां
नगर निगम

भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम।
प्रदेश के सबसे अधिक कर्जदार नगर निगम भोपाल को खाली खजाने की चिंता सताने लगी है। इस चिंता से उबरने के लिए नगर निगम अब आवासों में चल रहे व्यापारिक प्रतिष्ठानों को रेगुलर करने की तैयारी कर रहा है, ताकि उससे बड़ा राजस्व मिल सके। अनुमान के मुताबिक, शहर में एक लाख से अधिक आवासीय प्लॉट पर व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं। अब नगर निगम फीस लेकर इनको नियमित करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए शासन की अनुमति मांगी है। हालांकि, यह फायदा उन्हीं आवासीय भवनों के लिए मिल पाएगा, जो 12 मीटर या उससे अधिक चौड़े मार्गों पर स्थित हैं। गौरतलब है कि राजधानी में मकान बनाने के लिए मिले प्लॉट्स पर रेस्टोरेंट, दुकानें, शॉपिंग सेंटर खुल गए हैं। सबसे पॉश बसाहटों में शुमार अरेरा कॉलोनी में भी लीज शर्तों का उल्लंघन कर बड़े पैमाने पर ऐसा किया गया है। दिलचस्प यह कि इनमें से अधिकांश मकान पाश इलाके अरेरा कालोनी के हैं, जहां आला अफसरों ने अपने रहवासी मकानों को पूरी तरह व्यवसायिक स्वरूप दे दिया है और वहां बड़ी-बड़ी कंपनियों के शो रूम खुल गए हैं। अब इनको रेगुलर करने की तैयारी चल रही है। इससे नगर निगम को करोड़ों रुपए की आमदनी होगी।
शासन का भेजा प्रस्ताव
आवासीय उपयोग की जमीन पर चल शोरूम, दुकानों के खिलाफ नगर निगम ने पिछले साल कार्रवाई की थी। ओल्ड कैंपियन ग्राउंड के सामने बना लोटस शोरूम, सात नंबर स्टॉप के पास फैब इंडिया सील कर दिया था। एक-दो अन्य प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की गई थी। इसके बाद यह सिलसिला थम गया। फिर नगर निगम प्रशासन ने कमाई बढ़ाने के लिए ऐसे सभी संस्थानों को नियमित करने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेज दिया। गौरतलब है कि निगम के सर्वे में आवासीय प्लॉट पर व्यवसायिक गतिविधियां मिली थीं। इनमें  ई-1 में सावरिया ग्रुप ऑफिस, एचडीएफसी बैंक, लोटस इलेक्ट्रॉनिक्स, पारूलकर हॉस्पिटल, अमरावती ट्रेडर्स, ई-2 में उदयराम डायग्नोस्टिक, फेब इंडिया, स्किन क्लीनिक, कॉलोनी हॉस्पिटल, इंडियन बैंक व जिम, डेकोर शोरूम, स्पर्श स्किन क्लीनिक, एसयू फाइनेंस बैंक, इंडसइंड बैंक व नेचुरल सैलून, होटल, कपड़े का शोरूम व पैट शॉप, बैंक ऑफ इंडिया, शॉप, शेक्स, डेस्टिनी, चर्म रोग क्लीनिक, ई-3 में भोपाल फ्रेक्चर हॉस्पिटल, शॉप, सेंट फ्लोरा स्कूल, प्रतिभा कारीगरी, बसंत कुटी गल्र्स हॉस्टल, सान्या हॉस्पिटल, पिहरवा बुटिक व शॉपिंग कॉम्पलेक्स, अरेरा हॉस्पिटल, कैफे, डेंटो केयर, रेमंड शोरूम, डॉक्टर क्लीनिक, फिटनेस सेंटर, गेस्ट्रो और गेस्ट्रो केयर हॉस्पिटल, एसबीआई, आईडीएफसी, ई-4 में आर्शीवाद शोरूम, जेड ब्लू, भोपाल बुकिंग, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, ओयो होटल, होटल आर्चेड इन, नेचर फ्रेश, साइकिल शोरूम, ओशो शॉपी, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, जयश्री फूड प्रोडक्ट, रूपश्री स्टूडियो, हॉकर न्यू रेस्टोरेंट, चरन इलेक्ट्रॉनिक्स, अजवानी हॉस्पिटल, चावला हॉस्पिटल, अनुश्री हॉस्पिटल, ई-5 में मीनाक्षी हॉस्पिटल, ऑनडोर शॉपिंग कॉम्पलेक्स व रेस्टोरेंट, अपेक्स बैंक।
सीएस की अध्यक्षता में बनी कमेटी
उल्लेखनीय है कि अरेरा कॉलोनी, एमएलए क्वार्टर्स, इंद्रपुरी, पिपलानी समेत कई क्षेत्रों में लीज शर्तों को दरकिनार कर वाणिज्यिक गतिविधियां की जा रही हैं। अरेरा कॉलोनी में ई 1 से ई 5 तक कुल 1463 प्लॉट हैं। इनमें से 43 के मालिकों ने टीएंडसीपी से उपयोग परिवर्तन पहले करा लिया था। इसके बाद नगर निगम ने उनको कमर्शियल यूज के लिए बिल्डिंग परमिशन दे दी। निगम के सर्वे में सामने आया था कि 83 भूखंड पर बने भवनों में वाणिज्यिक गतिविधियां चल रही हैं। इनमें 27 पर हॉस्पिटल व नर्सिंग होम, 12 पर बैंक, 37 में शॉपिंग सेंटर व दुकानें, पांच पर होटल और दो प्लॉट पर ऑफिस खुले हैं। यह बिना किसी अनुमति किया गया। ऐसे मामलों पर विचार के लिए मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में कमेटी भी बनाई गई।

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