शिवराज के आत्म निर्भर रोडमैप पर मोदी की मुहर

शिवराज सिंह चौहान
  • प्रदेश का विकास पकड़ेगा तेज गति, रोजगार पर भी फोकस

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। शिवराज सिंह चौहान ने मप्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विकास का जो रोडमैप तैयार किया है उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दे दी है। गत दिनों मुख्यमंत्री नई दिल्ली में जब प्रधानमंत्री से मिले तो उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए तैयार किए गए प्रस्तावों का प्रेजेंटेशन दिया। उसके बाद मोदी ने मप्र के  विकास में भरपूर सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।  वर्ष 2018 के उतरार्द्ध से लेकर मार्च 2020 तक की अवधि को छोड़ दिया जाए तो मप्र पिछले 17 साल  से विकास के स्वर्णीम दौर से गुजर रहा है। इसका पूरा श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जाता है। उन्होंने अपनी जिद और जुनून से आज प्रदेश को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में ला खड़ा किया है। अपनी चौथी पारी में तो शिवराज की कुछ कर गुजरने की ललक देखी जा सकती है।  जिसका परिणाम है कि आज मप्र देश के लिए विकास का मॉडल बना हुआ है। शायद यही वजह है की प्रधानमंत्री भी समय-समय पर मप्र के विकास कार्यों की समीक्षा करते रहते हैं। 23 अप्रैल को एक बार फिर प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान के साथ मप्र के विकास पर मंथन किया। इस दौरान शिवराज ने मप्र के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं का प्रेजेंटेशन दिया। मुख्यमंत्री ने पीएम को बताया कि मप्र में रोजगार दिवस का आयोजन करते हैं। हर महीने एक दिन रोजगार दिवस होता है। हमारा टारगेट होता है कि, कम से कम दो लाख स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराएं। इसके लिए लोन दिया जाता है। केंद्र और राज्य दोनों मिलकर रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री से गेहूं के निर्यात को लेकर भी चर्चा की। सीएम ने दावा किया है कि प्रदेश में इस बार हम 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं और निर्यात करेंगे। 
तेजी से बढ़ रही है विकास दर
मुख्यमंत्री ने पीएम को जानकारी दी की मध्यप्रदेश साल 2021-22 में प्रचलित दरों पर 19.7 प्रतिशत विकास दर हासिल करने में सफल रहा है। देश की अर्थव्यवस्था में राज्य के योगदान का 3.6 प्रतिशत से बढक? 4.6 प्रतिशत हो गया है। राज्य की प्रति व्यक्ति आय बढक? 1 लाख 24 हजार रुपए प्रति वर्ष से भी अधिक हो गई है। राज्य सकल घरेलू उत्पाद अब बढक? 11 लाख 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो गया है, जो कि प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक है। 2020-21 में पूंजीगत व्यय बढक? 31 हजार 586 करोड़ और वर्ष 2021-22 में हमारा पूंजीगत व्यय 40 हजार 415 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो कि एक नया रिकॉर्ड है। 2022-23 के बजट में सरकार ने पूंजीगत मद में 48 हजार 800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है , जो कि राज्य के इतिहास में अब तक का सर्वाधिक है। 2007 से वर्ष 2020 तक लगभग 14 सालों में मध्यप्रदेश का कुल निर्यात 2.9 बिलियन डॉलर से ब?कर 6.4 बिलियन डॉलर हो गया है। निर्यात में वृद्धि उस समय संपूर्ण भारत की औसत निर्यात वृद्धि से लगभग 5 गुना है। मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था में स्वसहायता समूहों का योगदान 4 हजार करोड़ रुपए से बढक? 20 हजार करोड़ रुपए हो गया है।
प्रदेश में जल जीवन मिशन का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। अब तक ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 30 हजार 600 करोड़ रुपये से अधिक की नल जल योजनाएं मंजूर की। 2 वर्षों में 6000 करोड़ से अधिक राशि खर्च कर प्रदेश के 40 प्रतिशत घरों तक नलों से पानी पहुंचाया गया। प्रदेश के 4270 से अधिक गांवों में 100 फीसदी घरों में नलों से जल पहुंच चुका है। मिशन अंतर्गत 48 लाख 75 हजार से अधिक घरों में नल कनेक्शन किया जा चुका है।
केंद्र-राज्य मिलकर देंगे रोजगार
प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चलाई जा रही रोजगार की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि युवाओं को स्व-रोजगार से जोडऩे पर सरकार का फोकस है। प्रदेश में उद्यमी युवाओं को ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश में स्वामी विवेकानंद जयंती 12 जनवरी 2022 से हर महीने प्रदेशभर में रोजगार दिवस का आयोजन किया जा रहा है। अब तक कुल 3 रोजगार दिवस कार्यक्रमों का आयोजन हुआ है। इन रोजगार दिवसों में 13.6 लाख से अधिक लोगों को लगभग 7.7 हजार करोड़ की राशि का ऋण वितरण किया गया है। युवाओं के स्वरोजगार के लिए 5 अप्रैल 2022 को मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना की शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत प्रदेश के 1815 युवाओं को 112 करोड़ के ऋण स्वीकृत किए गए हैं।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार की नीतियों का असर अब पूरी तरह दिखने लगा है।  प्रदेश में औद्योगिक विकास, योजनाओं-परियोजनाओं के क्रियान्वयन और रोजगार सम्मेलनों के कारण बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मिला है। इसका असर यह पड़ा है कि मप्र में बेरोजगारी दर न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। मप की बेरोजगारी दर 1.4 प्रतिशत हो गई है। देश में इससे कम केवल छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर 0.6 प्रतिशत है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मप्र में सरकार ने इस साल अब तक 13,65,000 युवाओं को रोजगार दिया है। जनवरी में 526000 व 16 फरवरी को 504000 लोगों को रोजगार मिला है। 30 मार्च को यानी बुधवार को 335000 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया।
योजनाओं से भी अवगत कराया
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को प्रदेश में चल रही योजनाओं से भी अवगत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रत्येक जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर के निर्माण की बात कही गई है, जिससे एक-एक बूंद पानी का संचय किया जा सके। प्रदेश में 52 जिलों में 75 संरचना के हिसाब से कुल 3825 अमृत सरोवरों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया था। प्रदेश में अब तक लगभग 2100 करोड़ रुपए की लागत के 5534 अमृत सरोवर स्वीकृत किए जा चुके हैं। इस पहल से अब तक प्रदेश में लगभग 500 करोड़ रुपए का मजदूरी के रूप में भुगतान किया जा चुका है। योजना अंतर्गत अब तक कुल 2 करोड़ 70 लाख कार्ड बनाए जा चुके हैं। मप्र के 96 प्रतिशत पात्र परिवारों के पास कम-से-कम एक कार्ड उपलब्ध है। प्रदेश में कुल 11,107 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दिसंबर, 2022 तक डेवलप करने का टारगेट। अब तक प्रदेश में 9,230 सेंटर चालू हो चुके हैं। योजना के पहले चरण में 5 लाख 11 हजार पथ विक्रेताओं को 511 करोड़ रुपए का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया। योजना के दूसरे चरण में 42,581 पथ विक्रेताओं को 85 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया गया। योजना के क्रियान्वयन में मप्र, देश में पहले स्थान पर है।
स्टार्टअप पॉलिसी को लॉन्च करेंगे
मप्र में स्टार्टअप बड़ी तेजी से उभर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने अपनी स्टार्टअप की पॉलिसी बनाई है। मप्र में स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहन की जानकारी मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को दी। स्कूल और महाविद्यालयीन स्तर से छात्रों में नवाचार एवं स्टार्ट-अप की भावना जागृत करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाने का प्रावधान भी नीति में है। प्रदेश में 1,900 से अधिक स्टार्टअप इंडिया से अधिमान्य स्टार्टअप अब तक स्थापित हो चुके हैं। प्रदेश में न्यूनतम 1 स्टार्ट-अप को प्रतिष्ठित यूनिकॉर्न स्टार्टअप का दर्जा प्राप्त हुआ। 

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