
- प्राइवेट परीक्षा देकर 80 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले लैपटॉप की राशि से वंचित
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम।
स्कूल शिक्षा विभाग की भर्राशाही कम होने का नाम नहीं ले रही है। खास बात यह है कि स्कूल शिक्षा की नीतियों के चलते मेधावी विद्यार्थी परेशान हो रहे है। ऐसा ही एक मामला इन दिनों विवादों में फंसा हुआ है। दरअसल रेगुलर से प्राइवेट हुए छात्रों ने मेहनत कर 80 फीसदी से ज्यादा अंक लाए, लेकिन उन्हें लैपटॉप की राशि नहीं मिली। यही नहीं मेधावी विद्यार्थियों की समस्या का सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद भी निराकरण नहीं हो पा रहा है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की पहल पर वर्ष 2009 से परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने वाले विद्यार्थियों की प्रोत्साहन देने के लिए यह योजना शुरू की गई थी। प्रारंभ में यह योजना सिर्फ शासकीय स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए थीं। 2009-10 में प्रतिभाशाली छात्र – छात्राओं की संख्या 473 थी। इसके बाद इस योजना में प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों को शामिल किया गया। तत्कालीन समय तक 85 फीसदी वाले विद्यार्थियों को राशि दी जाती थीं। बाद में इसे सामान्य व ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 85 फीसदी व एससी- एसटी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 75 फीसदी कर दिया गया। इससे 2017-18 में यह संख्या लगभग 47 गुना बढ़कर 22,035 हो गई। 2018 में सामान्य व ओबीसी वर्ग के विद्यार्थी भी 75 फीसदी प्रतिशत पर लैपटाप के लिए राशि की मांग करने लगे। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने सभी 75 फीसदी वाले छात्रों को लैपटाप के लिए राशि देने की घोषणा की। पिछले साल 2021 में मेरिट नहीं बनने के कारण किसी विद्यार्थी को लैपटॉप के लिए राशि नहीं दी गई।
इस बार 91 हजार से अधिक को लैपटॉप की राशि
इस साल वर्ष 2022 में विभाग द्वारा बारहवीं 75 फीसदी अंक वाले करीब 91 हजार 493 विद्यार्थियों लैपटॉप के लिए 25- 25 हजार रुपए की राशि दी गई। लेकिन खास बात यह है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा में प्राइवेट रूप से शामिल होने वाले विद्यार्थियों को इस योजना से बाहर रखा गया है। प्राइवेट विद्यार्थियों ने भी 75 फीसदी से ज्यादा अंक प्राप्त किए, लेकिन उन्हें लैपटाप की राशि नहीं दी गई। अभा विद्या निकेतन स्कूल सेमरा कला स्कूल के बारहवीं के विद्यार्थियों ने वर्ष 2021-22 में नियमित रूप से माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा का फार्म भरा। विद्यार्थियों की परीक्षा मंडल ने रेगुलर छात्रों के रूप में ली। बाद में स्कूल प्रबंधन व शासन के बीच मान्यता को लेकर मामला उलझा जिससे अभा विद्या निकेतन की बारहवीं की मान्यता समाप्त कर दी। इससे रेगुलर रूप से परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों का रिजल्ट प्राइवेट छात्र के रूप में घोषित किया। इसी स्कूल की बारहवीं की छात्रा महिमा चौधरी ने 82 से ज्यादा अंक प्राप्त किए। उक्त छात्रा को मेधावी प्रोत्साहन योजना के तहत लैपटॉप के लिए 25 हजार रुपए की राशि मिलना थी। लेकिन शासन ने रेगुलर रूप से परीक्षा देने वाली छात्रा को प्राइवेट मानकर 25 हजार रुपए राशि देने से इंकार कर दिया। अब मामले में छात्रा ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की है। छात्रा का कहना है कि हमने रेगुलर रुप से एडमिशन लिया। मंडल ने रेगुलर विद्यार्थी के रूप में फार्म स्वीकार किए। रेगुलर परीक्षा दी। बाद में शासन व स्कूल प्रबंधन के बीच मान्यता का जो भी मामला था, उसमें हमें प्रायवेट कर दिया। इसमें हमारी गलती कहां है, लेकिन अधिकारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है।