हँसी की चिकित्सा से बनाएं जीवन को रंगीन

  • 4 मई विश्व हास्य दिवस हँसी का वैश्विक उत्सव
  • प्रवीण कक्कड़
हँसी की चिकित्सा

हर साल मई के पहले रविवार को पूरा विश्व विश्व हास्य दिवस मनाता है। यह दिन सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि हँसी के माध्यम से मानवता को जोडऩे, तनाव मुक्त करने और आंतरिक आनंद को जगाने के लिए समर्पित है। 2025 में यह 4 मई को मनाया जाएगा। हँसी सिर्फ़ मुस्कान नहीं, बल्कि जीवन का अमृत है।
कभी-कभी, यह हंसी सिर्फ एक भावना से कहीं बढक़र हो जाती है – यह थेरेपी बन जाती है। जब दुख और निराशा हमें घेर लेते हैं, तो एक सच्ची हंसी संजीवनी बूटी का काम करती है, हमें दर्द से उबरने और नई उम्मीदों के साथ आगे बढऩे की शक्ति देती है। तनाव कम करने के लिए तो लाफ्टर थेरेपी एक जानी-मानी तकनीक है।
हँसी थेरेपी: जब हँसना दवा बन जाए
कई बार हँसी थेरेपी का रूप ले लेती है। अस्पतालों में लाफ्टर क्लब्स बनाए जाते हैं, जहाँ मरीजों को हँसाकर उनके उपचार में तेजी लाई जाती है। शोध बताते हैं कि 15-20 मिनट की हँसी 2 घंटे की नींद के बराबर आराम देती है। कैंसर, डिप्रेशन और हृदय रोगों में भी हँसी थेरेपी कारगर साबित हुई है।  
हँसी: प्रकृति का सर्वश्रेष्ठ उपहार
हँसी न सिर्फ़ मन को हल्का करती है, बल्कि योग से भी बढक़र है। इसे डायाफ्रामिक एक्सरसाइज कहा जाता है, जो फेफड़ों को मजबूत करती है और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखती है। वैज्ञानिकों ने सिद्ध किया है कि हँसने वाले लोगों की आयु अधिक होती है, क्योंकि यह रक्तचाप नियंत्रित करके हृदय को स्वस्थ रखती है।  
हँसी का इतिहास: एक सकारात्मक क्रांति
1998 में डॉ. मदन कटारिया ने की थी, जो हास्य योग आंदोलन के संस्थापक हैं। आज 70 से अधिक देश इस दिन को उत्साह के साथ मनाते हैं, जो साबित करता है कि हँसी की भाषा सीमाओं से परे है।  डॉ. कटारिया ने फेशियल फीडबैक हाइपोथीसिस से प्रेरणा लेकर यह सिद्ध किया कि कृत्रिम हँसी भी वास्तविक खुशी ला सकती है। उनका मानना था कि यदि व्यक्ति जबरदस्ती भी हँसता है, तो उसके मस्तिष्क को लगता है कि वह खुश है और वह एंडोर्फिन (खुशी के हार्मोन) छोड़ता है। इसी विज्ञान पर आधारित पहला विश्व हास्य दिवस मई, 1998 को मुंबई में मनाया गया, और आज यह एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है।  
हँसते रहिए, मुस्कुराते रहिए!
– चार्ली चैप्लिन ने कहा था, हँसी के बिना एक दिन, बर्बाद दिन है। यह बात सच है, क्योंकि हँसी:
– तनाव कम करती है – कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) घटाती है।
– रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है – श्वेत रक्त कोशिकाओं को सक्रिय करती है।
– दर्द निवारक है – एंडोर्फिन रिलीज करके प्राकृतिक पेनकिलर का काम करती है।  
– सामाजिक रिश्ते मजबूत करती है – हँसी साझा करने से भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता है।
खुलकर हँसने का रहस्य
– हम अक्सर बड़े होकर शिष्टाचार के चक्कर में हँसना भूल जाते हैं। पर हँसने के लिए कोई मजाक ही क्यों हो? आप:  
– दर्पण के सामने मुस्कुराएँ – यह मस्तिष्क को खुशी का संकेत देता है।  
– बच्चों के साथ समय बिताएँ – वे बिना वजह हँसते हैं, सीखें उनसे।  
– कॉमेडी फिल्में देखें या जोक्स पढ़ें – हँसी को दिनचर्या का हिस्सा बनाएँ।  
– हास्य योग (लाफ्टर योगा) आजमाएँ – यह ध्यान और हँसी का अनूठा मिश्रण है।  
हँसो, जीतो, जीवन को जी भर के जियो!  
हँसी मुफ्त की दवा है, जिसे हर कोई ले सकता है। यह न सिर्फ आपको स्वस्थ रखती है, बल्कि आपके आसपास के वातावरण को भी सकारात्मक बनाती है। तो इस विश्व हास्य दिवस पर प्रण लें – रोज हँसूँगा, दूसरों को हँसाऊँगा, क्योंकि हँसी ही सच्ची जीवन-शैली है!
(लेखक पूर्व पुलिस अधिकारी हैं)

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