जयस और बाप पार्टी बनी तीन सीटों पर मुसीबत

जयस और बाप पार्टी
  • निमाड़ इलाके पर करना पड़ रहा है भाजपा को खास फोकस…

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। निमाड़ इलाके की तीन सीटों पर भाजपा को अंचल की अन्य सीटों की अपेक्षा अधिक मेहनत करनी पड़ रही है। इसकी वजह है इन सीटों पर जयस और बाप पार्टी के प्रत्याशी। दरअसल धार, झाबुआ सीटों पर जयस का बड़ता प्रभाव तो रतलाम सीट पर बाप पार्टी का विधानसभा चुनाव में किया गया प्रदर्शन है। दरअसल यहां पर दो सीटों पर जयस समर्थित विधायक  और एक सीट पर भारत आदिवासी विकास पार्टी का विधायक होना भी है। इंदौर क्लस्टर की पांच लोकसभा सीटों में से तीन सीट धार, झाबुआ और रतलाम सीट पर भाजपा को सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की समीक्षा बैठक में इन तीनों सीटों के विधानसभा चुनाव परिणामों पर चर्चा के बाद ज्यादा ध्यान देने को कहा गया है। बैठक में इन दोनों लोकसभा सीटों के तीन मंत्री, चुनाव प्रभारी व पार्टी उम्मीदवारों से भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने अलग से चर्चा की  है। इस बैठक में उन दोनों सांसदों को भी बुलाया गया था, जिनका हाल ही में टिकट काटा गया है। नड्डा ने इन सीटों को लेकर इशारों में कहा कि जहां हम कमजोर रहे। उसकी असली वजह पता होना चाहिए और उसे दूर करने के एकजुट होकर प्रयास करे। मालवा निमाड़ की इन दोनों सीटों पर ही पार्टी ने मौजूदा सांसदों को मौका नहीं दिया है। दोनों जगह नए चेहरों को मौका दिया गया है। दोनो सीटों पर जयस के बढ़ते प्रभाव ने भाजपा को चिंता में डाल रखा है, क्योकि दो सीटों पर जयस समर्थित विधायक हंै और एक सीट पर भारत आदिवासी विकास पार्टी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज कराई है।
इंदौर के नेताओं को भी जिम्मेदारी
दोनों सीटों के स्थानीय नेतागणों ने अब तक हुई चुनावी तैयारियों और गतिविधियों के बारे में ज्यादा जोर देकर रणनीतिकारों ने पूछा। रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट पर इंदौर के कुछ नेताओं को भी जिम्मेदारी दी गई है। वे चुनाव अभियान पर नजर रखेंगे। अभी से उन नेताओं को क्षेत्रों के दौरे करने को कहा गया है।
बूथ पर 16 घंटे समय दें
इस लोकसभा सीट के कई मतदाता रोजगार की तलाश में दूसरे शहरों में रहते है। उन्हें वोटिंग के लिए प्रेरित करने के लिए भी कहा है। नड्डा ने कहा था कि विधानसभा चुनाव में जिन बूथों पर हम कमजोर रहे हैं। उसका चिंतन होना चाहिए और कमियों को दूर करें। इसलिए बूथ को मजबूत करने पर फोकस रखें। हमारा बूथ मजबूत होगा तभी 400 सीटों का लक्ष्य हासिल कर सकेंगे। प्रदेश में एक भी सीट नहीं गंवाना है। पूरी 29 सीटों पर जीत हासिल होना चाहिए। इस बार के चुनाव में प्रतिद्वंद्वी दल नजर नहीं आ रहा है। जनता भी कर रही है कि मोदी लहर है, लेकिन कार्यकर्ता अति आत्मविश्वास में न रहें। प्रधानमंत्री 18 घंटे काम करते हैं। सवा माह तक अपने बूथों पर 15-16 घंटे काम कर लेंगे तो वोट बढ़ाने के लिए तय लक्ष्य को हम पा लेंगे।

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