फिजूल खर्च करने के बजाए आदिवासी पैटर्न में कराया रिनोवेशन

फिजूल खर्च
  • मामा की पड़ोसी बनी पीएचई मंत्री संपत्तियां उईके

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र की नई सरकार में बंगलों के खर्च को कम करने के साथ सरकार के खजाने को भी फिजूलखर्ची से बचाने की पहल मप्र सरकार की लोक स्वास्थ्य यंत्रिकी विभाग की मंत्री संपत्तियां उइके ने की है। उन्होंने फिजूलखर्ची रोकने के साथ ही बंगले की नई पहचान बनाई है। जनजातीय क्षेत्र से आने वाली सुश्री संपत्तियां उईके ने सजावट में करोड़ों लाखों रुपए न खर्च करते हुए आदिवासी पैटर्न में बंगला तैयार कराया है।
74 बंगले में इस बंगले की सजावट की चर्चा जोरों पर है। कुछ समय पहले ही महिला मंत्री को बंगला अलॉट हुआ है। खास बात है की संपतिया अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पड़ोसी भी बन गई हैं। चौहान बी-8 व बी-9 में रहते हैं, उनके पहले बी-7 में संपत्तियां उईके का बंगला बनकर तैयार हुआ है। महिला मंत्री ने आदिवासी पेंटिंग और बांस की बल्लियों से सहारे फेसिंग कराई है। बंगले को आदिवासी पैटर्न पर तैयार किया गया है। इससे पहले बी- 7 में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम रहते थे। हालांकि वह अभी फिलहाल विधायक हैं, लेकिन उन्होंने बंगला खाली कर दिया था। बंगला आवंटन करने वाली कमेटी ने संपत्तियां उईके को पिछले दिन आवास दिया था, जिसके बाद काम शुरू हो गया और जल्द ही संपतिया बंगले में प्रवेश भी करेंगी।
मंत्री उइके बनीं दूसरे मंत्रियों के लिए उदाहरण
कुछ साल पहले पिछले से पहले की सरकार में मंत्रियों ने अपने बंगलों का रिनोवेशन कराया था। किसी मंत्री ने लाखों रुपए गेट बनवाने में ही खर्च करवा दिए तो किसी ने स्वीमिंग पूल तक बनवा लिया था। हैरत की बात कि जब मंत्रियों के आलीशान बंगलों में करोड़ों का खर्च किया जाता है। इसी बात को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने यह तक कह दिया कि मंत्रियों के बंगले को साथ सजावट और सोफे कुर्सी में करोड़ों रुपए खर्च किए जाते है। हालांकि यह बात कोई नई नहीं है, लेकिन महिला मंत्री ने ऐसे मंत्री और मंत्रियों को सीख दे दी है।
मामा का घर भी हुआ था लोकप्रिय
मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री चौहान अपने 74 बंगले में शिफ्ट हुए थे। कुछ दिनों के बाद 74 बंगले में सबसे चर्चा का विषय चौहान का ठिकाना का था। चौहान ने लोगों के लिए बंगले का नाम मामा का घर रख दिया था। लिंक रोड नंबर एक से निकलने वाला हर व्यक्ति मामा का घर को देखकर रुक जाता था। लेकिन अब आदिवासी पेंटिंग देखकर बंगले की चर्चा जोरों पर है।

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