इस माह के अंतिम सप्ताह में होगी… किसानों की बल्ले-बल्ले

  • हरीश फतेहचंदानी
किसानों की बल्ले-बल्ले

चुनावी साल में प्रदेश के किसानों की बल्ले-बल्ले रहने वाली है। इसकी वजह है 11 लाख 19 हजार किसानों का दो हजार 123 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया जाना। इसके लिए भोपाल में इसी माह की 25 तारीख को बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में जश्न के बीच किसानों के खातों में यह राशि सीधे डाली जाएगी।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस किसान महासम्मेलन को संबोधित करेंगे। ये किसान महासम्मेलन विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में किसानों का सबसे बड़ा जमावड़ा साबित होगा। इस आयोजन से  सरकार ये संदेश देगी कि  किसानों के लिए यदि कोई सच्चा हितैषी है तो भाजपा सरकार ही है। इससे सर्वाधिक उन किसानों को फायदा होगा, जिनकी कर्ज माफी कमलनाथ सरकार द्वारा नहीं की गई थी। कर्जमाफी के इंतजार में इन लाखों किसानों ने कर्ज की राशि जमा नहीं की, जिसके चलते उन पर ब्याज का बोझ आ गया, यही नहीं वे डिफाल्टर तक बन गए। अब ब्याज माफी का लाभ यह होगा कि ये सभी किसान बिना ब्याज के सहकारी समितियों से ऋण प्राप्त करने के पात्र हो जाएंगे। इन्हें खरीफ फसलों के लिए खाद और बीज मिलने लगेगा। दरअसल प्रदेश में खेती की लागत कम करने के लिए सरकार साढ़े चार हजार प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को बिना ब्याज का ऋण प्रदान करती है। इसमें नकद राशि के अलावा खाद-बीज दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि कमलनाथ सरकार ने वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले जय किसान फसल ऋण माफी योजना की घोषणा की थी। सत्ता में आने पर इसे लागू तो किया गया , लेकिन तब महज कम कर्ज वाले किसानों को ही इसका फायदा मिल सका था।  किसानों ने ऋण माफी की आस में ऋण जमा नहीं किया और वे अपात्र हो गए। इन्हें समितियों से खाद-बीज मिलना बंद हो गया। इससे किसानों को हो रही परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुछ समय पहले ब्याज माफ करने की घोषणा की थी। इसमें उन 4.40 लाख किसानों को भी शामिल किया गया है, जिनका आवेदन करने के बाद भी ऋण माफ नहीं हुआ था और 31 मार्च 2023 की स्थिति में अपात्र हो गए। इसके अलावा पुराने और नए मिलाकर कुल 11 लाख 19 हजार किसान अपात्र हैं। इन पर तीन हजार 356 करोड़ रुपये मूलधन और दो हजार 123 करोड़ रुपये ब्याज बकाया है।
ऐसे मिलेगा फायदा
प्रस्तावित योजना के अनुसार जिन किसानों पर  मूलधन और ब्याज मिलाकर दो लाख रुपये तक बकाया है, उन्हीं किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इसके लिए किसान को आवेदन करना होगा। दावा-आपत्ति बुलाने के बाद ब्याज माफी दी जाएगी। सरकार इसका प्रमाण पत्र भी जारी करेगी। किसान जितना मूलधन जमा करेंगे, उतना ही राशि के बराबर उन्हें ऋण दिया जाएगा। पहले साल केवल खाद-बीज ही मिलेगा। ब्याज माफी के लिए आवेदन लेने की शुरुआत 12 मई से शुरू हो रही है। आवेदन 15 मई तक ही लिए जाएंगे। इस चार दिन के भीतर ही डिफॉल्टर किसानों को आवेदन करना होगा।
इन्हें नहीं मिलेगा लाभ
इस योजना का लाभ उन किसानों को नहीं मिलेगा , जो आयकर दाता हैं या फिर वर्तमान या भूतपूर्व सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम के महापौर, नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष, कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष सहकारी बैंकों के अध्यक्ष, केंद्र व राज्य सरकार के निगम, मंडल या बोर्ड के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष हैं। इसके अलावा केंद्र व राज्य सरकार, निगम, मंडल, अर्द्ध सरकारी संस्थाओं के अधिकारी-कर्मचारी (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को छोड़कर), प्रतिमाह 15 हजार रुपये या इससे अधिक पेंशन प्राप्त करने वाले (भूतपूर्व सैनिक को छोड़कर) और जीएसटी में पंजीकृत व्यक्ति, फर्म, फर्म के संचालक या भागीदार भी अपात्र होंगे।  
115 करोड़ रुपये का आएगा भार
ब्याज माफी मिलने के बाद किसान जून से नया ऋण लेने के लिए पात्र हो जाएंगे। सरकार किसानों को बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध कराने के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को ब्याज अनुदान देती है। इसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 में खजाने पर 115 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आएगा।
सभी पैक्स की होगी एजीएम
25 मई को ही प्रदेश की सभी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों यानी पैक्स की साधारण सभा होगी, जिसमे पैक्स के सभी सदस्य शामिल होंगे। इस संबंध में सहकारिता विभाग ने सभी पैक्स को तैयारी करने की नसीहत दी है। इस दौरान सभी पैक्स के डिफॉल्टर किसानों को ब्याज माफी दी जाएगी। साधारण सभा के दौरान प्रदेश के सभी पैक्स राजधानी में होने वाले किसान महासम्मेलन से वर्चुअल तरीके से जुड़ेंगे। ऐसे किसान जो कि राजधानी नहीं पहुंच सकेंगे, उन्हें पैक्स में आमंत्रित किया जाएगा, जिससे कि वे ज्यादा से ज्यादा सीएम के कार्यक्रम से जुड़ सकें।इस माह के अंतिम सप्ताह में होगी… किसानों की बल्ले-बल्ले

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