स्कूली बच्चों का बन रहा अपार आईडी

अपार आईडी
  • बच्चों का शैक्षणिक रिकार्ड रहेगा पूरी तरह से सुरक्षित

विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। सरकारी और निजी स्कूलों के छात्र-छात्राओं का जल्द ही ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी बनेगा। अपार आईडी सभी छात्र-छात्राओं के लिए अनिवार्य है। सनद हो कि आधार की तरह छात्र-छात्राओं का 12 अंकों का अपार कार्ड बनेगा। इसमें उनकी शैक्षिक उपलब्धियां सहित अन्य रिकॉर्ड दर्ज होंगे। यह वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी के तौर पर काम करेगा। भविष्य में संबंधित विद्यार्थियों की शैक्षिक प्रगति व उपलब्धि अपार से ट्रैक की जा सकेगी। प्रदेश के ज्यादातर स्कूलों में अपार आईडी के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। इसके लिए स्कूलों में छात्रों से आधार कार्ड के साथ अन्य जानकारी ली जा रही है। इसके तहत नर्सरी से लेकर 12वीं तक के स्टूडेंट्स की अपार आईडी बनवाने की प्रक्रिया की जा रही है।
दरअसल, विद्यालयीन बच्चों का शैक्षणिक रिकार्ड सुरक्षित रखने के लिए बड़ा नवाचार हुआ है। भारत सरकार के निर्देश पर राज्य में हर स्कूली बच्चे की अपार आईडी तैयार की जाएगी। काम भी प्रारंभ कर दिया गया है। इसमें कक्षा पहली से बारहवीं तक बच्चे की पूरी प्रोफाइल तैयार होगा। मप्र में पहली से बारहवीं तक करीब सवा करोड़ बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। एक क्लिक पर यह पता चलेगा कि बच्चा कहां और किस कक्षा में पढ़ रहा है। बच्चा देश के किसी भी स्कूल में पढ़े। इस आईडी से उसके अध्यापन काल का पूरा ब्यौरा निकल जाएगा।  डीपीसी भोपाल ओमप्रकाश शर्मा का कहना है कि बच्चों के हित में यह बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य है। अपार आईडी में बच्चे का पूरा अध्यापन रिकार्ड सुरक्षित रहेगा। राजधानी में काम तेज गति से चल रहा है।
आईडी के लाभ
 अपार आईडी एक प्रकार का डिजिटल आईडी कार्ड होगा। जिसमें आधार कार्ड की तरह यूनिक नंबर दिया जाएगा। स्कूली छात्रों का पूरा एकेडमिक रिकार्ड इसमें दर्ज होगा। अपार कार्ड में परीक्षा की मार्कशीट, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट आदि महत्वपूर्ण शैक्षणिक दस्तावेजों की जानकारी होगी। इसके माध्यम से स्कूल व विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स अपने शैक्षणिक जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे। उच्च शिक्षा के लिए अपने एकेडमिक सर्टीफिकेट ले कर नहीं जाना होगा। इसके माध्यम से नामांकन प्रक्रिया में भी आसानी होगी। इसके साथ एक स्कूल से दूसरे स्कूल में ट्रांसफर प्रक्रिया में भी लाभ होगा।
चलाया जाएगा अभियान
भारत सरकार के आदेशों में अपार दिवस मनाए जाने का भी उल्लेख किया गया है। यह भी कहा कि अभियान चलाकर सभी स्कूलों में अपार आईडी का महत्व और उपयोग समझाया जाए। अधिकतम अपार आईडी निर्माण का लक्ष्य रखा जाए। विद्यार्थियों के आधार नंबर के लिए एवं आधार कार्ड में सुधार के लिए अधिक से अधिक कैंप का प्रावधान होना चाहिए। गुरुजी अध्यापक शिक्षक संघ के अध्यक्ष राकेश पटेल का कहना है कि इस समय बच्चों को कक्षाओं में अध्यापन की जरूरत है। ऐसे समय में बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देना जरूरी है। ग्रीष्म अवकाश में यह काम होना चाहिए। अपार आईडी के संबंध में कहा गया कि प्रतिदिन की प्रोग्रेस की मॉनिटरिंग करने हेतु प्रपत्र हो तैयार हो। शिक्षक मीटिंग आयोजित करके निर्धारित प्रपत्र में अभिभावक की सहमति प्राप्त करेंगे। साथ ही सहमति प्रपत्र आधार मोबाइल नंबर भी अंकित होगा। विद्यार्थी के आधार कार्ड की छाया प्रति अवश्य प्राप्त करनी है। विभाग के सहमति प्रपत्र में भारी जानकारी की जांच करके स्कूल के प्राचार्य प्रधानाध्यापक अथवा प्रभारी द्वारा सत्यापन किया जाना है। सहमति पत्र में भरी गई जानकारी को गोपनीय रखते हुए प्रपत्रों को भी सुरक्षित रखना होगा।
आधार से लिंक रहेगा अपार
स्कूल शिक्षा विभाग का कहना है कि अपार आईडी में 12 अंकों का कोड है। आईडी विद्यार्थी के आधार नंबर से लिंक रहेगा। इस आईडी में परीक्षा परिणाम से लेकर समग्र रिपोर्ट काई क्रेडिट स्कोर के अतिरिक्त विद्यार्थी की अन्य उपलब्धियां को डिजिटल रूप में संग्रहित किया जाएगा। विद्यार्थी शैक्षणिक प्रगति की ट्रैकिंग करने में कितना सक्षम है। यह पूरी स्थिति देखी जा सकती है। आईडी के माध्यम से विद्यार्थी किसी भी स्थान से किसी भी समय अपने प्रमाणिक शैक्षिक अभिलेख तक पहुंच सकता है। विभाग के अनुसार अपार आईडी की सहायता से शैक्षिक संस्थानों के बीच स्थानांतरण कौशल विकास नौकरियां उच्च शिक्षा के लिए आवेदन करते समय सुविधा होगी। विद्यार्थी की प्रमाणिक जानकारी जैसे नाम पिता का नाम माता का नाम जन्म दिनांक जेंडर आधार नंबर रहेगा। अपार आईडी में चाइल्ड प्रोफाइल एंट्री कंप्लीट होगी और आधार सत्यापित किया जाएगा। विद्यार्थी का प्रोफाइल में नाम और आधार कार्ड में नाम एक समान होना चाहिए। इसमें अभिभावक का मोबाइल नंबर और कोई एक पहचान पत्र भी जरूरी है। आईडी जनरेट करने की प्रक्रिया भी इसमें समझाई गई है। इसके क्रियान्वयन एवं समन्वय हेतु जिला परियोजना समन्वयकों को कक्षा 1 से 8 तक की संचालित सभी स्कूलों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जबकि नवीं से बारहवीं तक छात्र-छात्राओं का डाटा जुटाने की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारियों को दी गई है।

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