
भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। राज्य सरकार प्रदेश के चार बड़े बांधों की ड्रेजिंग पर रेत बेचने से अरबों रुपए अपने खजाने में भरेगी। बांधों से रेत बेचने की तैयारी कर ली गई है। चारों बांध तवा, बरगी, इंदिरा सागर और बाणसागर बांध में करीब बारह सौ अस्सी मिलियन घनमीटर गाद जमा हो गई है। बताया गया है कि बांध की ड्रेजिंग के बाद गाद में दबी तीन सौ बीस मिलियन घनमीटर रेत निकलेगी। बांधों की ड्रेजिंग पर रेत बेचने से सरकार को अगले पंद्रह सालों में करीब तीन अरब रुपए का राजस्व मिलेगा।
डैम की रेत मिलने पर रेत और ड्रेजिंग ठेकेदारों की आपसी प्रतिस्पर्धा से भी दाम कम होंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए जो तैयारी की है उससे दूसरे राज्यों की तरह प्रदेश में भी गाद किसानों को मुफ्त में दी जाएगी। जिससे उनकी जमीन उपजाऊ बनेगी। प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया कि चारों बांध के टेंडर किए जाएंगे। गाद की सफाई से जल भंडारण क्षमता बढ़ जाएगी। करीब पांच लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता बढ़ जाएगी। वहीं गाद में से रेत निकलने से करीब तीन सौ करोड़ का राजस्व भी मिलेगा।
जल्द किए जाएंगे बांधों के लिए टेंडर
उल्लेखनीय है कि प्रदेश की पिछली कांग्रेस सरकार में चार बांधों से गाद निकालने और इसके नीचे रेत निकाल कर बेचने का प्रस्ताव बनाया गया था। जल संसाधन विभाग ने ही रिवर्स नीलामी प्रक्रिया से इन बांधों के ठेके की तैयारी कर ली थी। हालांकि इस प्रस्ताव की मंजूरी के पहले ही सरकार गिर गई। अब राज्य सरकार रेत ठेकेदारों की तरह गाद के लिए ड्रेजिंग के टेंडर बुलाने जा रही है। खास बात है कि इससे चारों बांध के जल भंडारण की क्षमता बढ़ जाएगी। गौरतलब है कि जल संसाधन विभाग की सर्वे रिपोर्ट के अनुसार चारों बांध में से अगले पंद्रह सालों में 1280 मिलियन घनमीटर गाद निकलेगी। इसके नीचे पच्चीस प्रतिशत रेत निकलेगी। हर साल बीस मिलियन घनमीटर रेत निकल जाएगी। टेंडर उठाने वाली कंपनियों से राज्य शासन को करीब सवा दो सौ करोड़ का राजस्व मिलेगा। विभाग का प्रस्ताव है कि ड्रैंजर यूनिट से गाद निकालने के बाद गाद किसानों को मुफ्त दी जाएगी।