मिशन मोड में भाजपा: कौन कमजोर कड़ी है जानेंगे चार दिग्गज

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भोपाल/हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। मिशन 2023 के लिए आलाकमान ने 51 फीसदी वोट के साथ 200 सीटें जीतने का टारगेट मप्र भाजपा को दिया है, उसकी जमीनी हकीकत जानने पार्टी के दिग्गज नेताओं ने मैदानी मोर्चा संभाल लिया है। पार्टी की कोशिश है कि इस बार गुजरात की ही तरह मप्र में भी रिकॉर्ड जीत के साथ सत्ता में आया जाए। इसके लिए एक ओर जहां पार्टी के रणनीतिकार रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं, वहीं दिग्गज पदाधिकारी प्रदेशभर में दौरे कर रहे हैं।
दरअसल, पार्टी द्वारा अपने विधायकों की छवि और जीत की संभावनाओं को लेकर तीन सर्वे कराए गए हैं। इन सर्वे के बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधायकों को हकीकत बता चुके हैं। संगठन सूत्रों की मानें तो इस सर्वे में करीब साठ विधायकों को लेकर एंटी इनकमबेंसी की बात सामने आई  है। यही वजह है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें कमियों को समय रहते ठीक करने की नसीहत दी है। इसके अलावा पार्टी के दिग्गज नेता क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद चुनावी रणनीति और टिकट वितरण के फॉर्मूले को लेकर लगातार मंत्रणा कर रहे हैं। साथ ही अब ये नेता मैदानी हकीकत जानने के लिए खुद मोर्चे पर जा रहे हैं।
क्षेत्र की स्थिति का कर रहे आंकलन
संगठन के नेताओं के लिए बैठक का जो फार्मेट तय हुआ है। उसके अनुसार जिले में जाकर पहले जिला पदाधिकारियों और मंडल अध्यक्षों के साथ बैठक, मोर्चा के जिलाध्यक्षों और मंडल अध्यक्षों से फीडबैक को लेकर प्रकोष्ठों के जिला संयोजकों के साथ बैठक, जिला कोर कमेटी के सदस्यों के साथ बैठक, जिले में हारी हुई विधानसभा की प्रबंध समिति के साथ बैठक,वोटर्स के साथ चर्चा, पार्टी के किसी कार्यकर्ता के घर अनिवार्य रूप से भोजन करना और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के घर जाकर उनसे मुलाकात के अलावा प्रबुद्धजनों से चर्चा का कार्यक्रम भी तय किया गया है।
संगठन  नेताओं की बैठक में विधायकों पर खास फोकस है। जिला और मंडल के नेताओं से विधायक के कामकाज और कार्यप्रणाली के बारे में भी बात की जा रही है। इसके अलावा जिलों में जाकर ये नेता हारी हुई सीटों पर खास फोकस कर रहे हैं। पिछला चुनाव क्यों हारे, क्या कमियां थी और इस बार किन मुद्दों पर फोकस कर चुनाव जीता जा सकता है। इस बारे में भी नेताओं से सुझाव ले रहे हैं। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डाक्टर हितेष बाजपेई का कहना है कि 2023 के चुनावों को लेकर भाजपा बहुत गंभीर है। बूथ प्रबंधन, संगठन की रचना और जमीनी नेता सीधे मैदान पर हैं। हमने तय किया है कि हम बूथ पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि कांग्रेस सोशल मीडिया और ट्वीटर पर चुनाव लड़ रही है। दरअसल गुजरात की बंपर जीत के बाद आने वाले 2023 के मप्र के विधानसभा चुनाव में गुजरात फॉर्मूलाअपनाया जाने की सम्भावना बढ़ गई है। दरअसल, गुजरात में भाजपा ने 40 फीसदी मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए थे।  नतीजे आए तो भाजपा ने कुल सीटों में से 86 फीसदी सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। गुजरात के ऐतिहासिक नतीजों के बाद आने वाले 2023 के मप्र के विधानसभा चुनाव में गुजरात फॉर्मूला अपनाया जाने के आसार लग रहे हैं। इसलिए पार्टी के नेता पूरी बारीकी से जमीनी हकीकत जानने की कोशिश कर रहे हैं।
एक-एक सीट की रिपोर्ट होगी तैयार
भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी के रणनीतिकार एक-एक विधानसभा सीट की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। वहीं पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व नेताओं के कार्यक्रम पर सीधी नजर रख रहा है। इसके मद्देनजर अब दिग्गज पदाधिकारियों ने मैदानी मोर्चे पर सक्रियता बढ़ा दी है। पार्टी के प्रदेश सहप्रभारी और सांसद रामशंकर कठेरिया इन दिनों ग्वालियर चंबल के दौरे पर हैं। वे तीन दिन यहां रहकर भिंड, मुरैना और दतिया में जिले के प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। बैठकों के माध्यम से ये नेता जिले की जमीनी हकीकत से रूबरू हो रहे हैं। इनका मकसद जिलों में चल रहे संगठनात्मक कामों की समीक्षा और उसे गति देना है। वे  जिलों के दौरे के बाद अपनी रिपार्ट केन्द्रीय नेतृत्व को देंगे। वहीं प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव भोपाल आकर हरदा पहुंच गए हैं। वे नर्मदापुरम संभाग में तीन दिन रहेंगे। इस दौरान संगठन के नेता कार्यकर्ताओं के विभिन्न समूहों के साथ बैठकें कर जमीनी फीडबैक लेंगे। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जबलपुर, नरसिंहपुर में सक्रिय हैं ,तो प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद रीवा पहुंचे हैं। भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने प्रदेश से का प्रभार संभाल रहे नेताओं को प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा समय गुजारने को कहा है। इसी के तहत नेताओं के दौरे चुनावी साल में बढ़ने वाले हैं। प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव हरदा पहुंचे। वहां उन्होंने सातों मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की। वे जिला पदाधिकारियों और मंडल अध्यक्षों के साथ भी बैठे। इसके बाद उन्होंने जिले की कोर कमेटी और फिर की वोटर्स के साथ चर्चा की। इसके बाद वे बैतूल और होशंगाबाद भी जाएंगे। यहां एक-एक दिन का समय देकर कोर कमेटी, जिला, मंडल के पदाधिकारियों समेत समान विचारधारा वाले संगठन के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। भाजपा ने जिलों में जाने वाले हर नेता के लिए यही पैर्टन तय किया है। राव छह जनवरी की रात तक भोपाल लौटेंगे। सात को वे यहां प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।

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