
- सांची और खजुराहो से की जाएगी योजना की शुरुआत
भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के पांच प्रमुख पर्यटक स्थलों को सौर ऊर्जा से रोशन करने की तैयारी मध्यप्रदेश सरकार द्वारा की जा रही है। इसके लिए इस साल की नवकरणीय ऊर्जा नीति में प्रावधान भी किया जा चुका है। इसके तहत इन पर्यटक स्थलों को पूरी तरह से सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके तहत इन्हें स्थलों की पूरी बिजली को धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से सौर ऊर्जा या अन्य नवकरणीय ऊर्जा पर शिफ्ट किया जाएगा। इसके साथ ही थर्मल बिजली की सप्लाई इन स्थलों से पूरी तरह हटा ली जाएगी। योजना के तहत इसकी शुरुआत सांची व खजुराहो से किए जाने की तैयारी है। इसके लिए पांच साल का लक्ष्य तय किया गया है। यानि की इन दोनों ही पर्यटक स्थलों में वर्ष 2027 तक 30 फीसदी बिजली सौर ऊर्जा पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। इन दोनों पर्यटन स्थलों का चयन यहां पर आने वाले विदेशी मेहमानों की वजह से किया गया है। गौरतलब है कि सोलर सिटी के रूप में शहर को विकसित करने का मतलब है कि उस शहर की सभी बिजली सबंधित जरूरतें सौर ऊर्जा या अन्य नवकरणीय ऊर्जा से पूरी की जाए। खास बात यह है कि इन शहरों में खेती के फीडर, औद्योगिक फीडर, व्यावसायिक फीडर और घरेलु फीडर पर भी सौर ऊर्जा की ही सप्लाई की जाएगी। इसके लिए 6 किलोवाट से ज्यादा लोड वाले सारे घरेलु, व्यावसायिक, खेती और उद्योग के कनेक्शन सौर या नवकरणीय बिजली पर चरणबद्ध तरीके से शिफ्ट किए जाएंगे। यहां तक कि इन शहरों में ई-व्हीकल में भी सौर ऊर्जा का ही उपयोग किया जाएगा। इन दोनों पर्यटन स्थलों के बाद ओरछा, ग्वालियर और भीमबेटका में इस पर काम शुरू किया जाएगा। सांची व खजुराहो में किए जाने वाले काम के आधार पर बाकी तीनों जगहों पर प्रोजेक्ट को मोडिफाई करके लागू करने की योजना है।
इस तरह से किया जाएगा विकसित
योजना के अनुसार सोलर ग्रीन सिटी का चयन करने के बाद वहां के सभी सरकारी दफ्तरों को सौर ऊर्जा में शिफ्ट किया जाएगा । इसके बाद जलापूर्ति, स्ट्रीट लाइट, स्कूल, आंगनवाड़ी, अस्तपाल, बाग-उद्यान आदि में सौर ऊर्जा का उपयोग शुरू किया जाएगा । उसके बाद 6 किलोवॉट से ज्यादा भार वाले सभी घर, संस्थान, दुकान, उद्योग-संस्थान आदि को 50 प्रतिशत खपत तक सौर ऊर्जा पर ले जाया जाएगा और घरों पर रूफटॉफ लगाए जाएंगे। सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए फेरीवाले, स्ट्रीटवेंडर अन्य दुकानदारों को सौर ऊर्जा लालटेन आदि के लिए अनुदान दिया जाएगा और खेती के फीडर को सौर ऊर्जा पर शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा ई-व्हीकल के मामले में सौर ऊर्जा के चार्जिंग स्टेशन स्थापति किए जाएंगे, जिससे की चार्जिंग की पचास फीसदी खपत को सौर ऊर्जा पर शिफ्ट किया जा सके।