पहले कीट-पतंगे तो अब मौसम ढा रहा कहर

किसानों की कम नहीं हो रहीं मुसीबतें

कीट-पतंगे

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। मध्य प्रदेश सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी किसानों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। अभी किसान कीट-पतंगों द्वारा फसलों को पहुंचाए गए नुकसान से उबरने का प्रयास कर ही रहे थे कि अब बेमौसम बारिश ने किसानों पर कहर ढाना शुरु कर दिया है। यह बात अलग है कि अभी फसलों को मामूली नुकसान की ही खबर हैं, लेकिन जिस तरह से प्रदेश के कई अंचलों से ओले गिरने की खबरें आ रही है, उससे किसानों की चिंताए बढ़ती ही जा रही हैं। यह बात अलग है कि प्रदेश में बारिश से खराब हुई फसलों का सर्वे शुरू हो चुका है। अगर कीट पंतगों से हुए नुकसान की बात की जाए तो यह आंकड़ा 2126.79 करोड़ रुपए है। इस मामले में सरकार द्वारा 26.60 लाख किसानों को राहत राशि का वितरण करना पड़ा है। बीते रोज एक बार फिर बारिश और बूंदाबांदी हुई, जिसने किसानों को फसलों को लेकर चिंतित कर दिया। कुछ दिनों पहले ही बारिश और ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हो गई। जिससे किसानों की उम्मीद पर पानी फिर गया था। अब फिर से मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। आसमान में बादल छाए हैं तो वहीं मौसम विभाग ने अगले दो-तीन दिन मौसम खराब रहने की संभावना जताई है। गुरुवार शाम विदिशा, गंजबासौदा, अशोकनगर, रायसेन, सागर ब्यावरा में बारिश के साथ तेज हवाएं चलने के साथ ही बीना और मंदसौर के पिपलिया मंडी क्षेत्र में ओलों की बारिश हुई। विदिशा में खेतों में गेहूं और चने की फसल खड़ी है और कटाई का काम चल रहा है कई इलाकों में सरसों और मसूर की कटाई हो चुकी है खेतों में रखी है आंधी अगर चलती है खेतों में कटी फसल आंधी से उडऩे की चिंता किसानों को सता रही है। तो वहीं बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हो जायेगा। अब अगर बारिश होती है तो अब पूरी फसल चौपट हो जाएगी।
सरकार ने सदन में किया स्वीकार

राजस्व मंत्री कमल पटेल ने कांग्रेस विधायक बाला बच्चन को दिए लिखित उत्तर में स्वीकार किया कि कीट-पतंगों से फसल नष्ट हुई है। वर्ष 2021-22 में सप्लीमेंट्री बजट में कीट प्रकोप से हुई फसल नुकसान की भरपाई के लिए 1056 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था, जबकि मूल बजट और सप्लीमेंट्री बजट की राशि को मिलाकर देखें तो किसानों को 2126.79 करोड़ रुपए की राशि वितरित की गई है। वहीं राज्य सरकार ने किसानों को आर्थिक मदद के लिए सप्लीमेंट्री बजट में फसल बीमा के लिए 1324 करोड़ का प्रावधान भी किया है।
थ्रेसर एवं हार्वेस्टर ने बढ़ाया किराया
बदल रहे मौसम की वजह से किसानों को अपनी उपज को निकलवाने के लिए थ्रेसर एवं हार्वेस्टर मशीनों का अधिक किराया चुकाना पड़ रहा है। इसकी वजह है खराब मौसम की वजह से इनकी मांग बढ़ गई है, जिसकी वजह से इनके मालिकों ने किराया महंगा कर दिया है। वहीं कुछ किसानों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में फसल गहाई के लिए थ्रेसर किराए पर नहीं मिल रहे। किसान रात में 1 से 3 बजे तक फसल की थ्रेसिंग कराते हुए देखे जा रहे हैं। इसी तरह एक किसान का कहना है कि तेज बारिश होने से चना, मसूर की फसल को नुकसान है तो वहीं गेहूं की फसल की चमक पर भी इस बारिश का असर देखने को मिलेगा। आगामी दिनों में होने वाली बारिश से गेहूं की चमक भी फीकी पड़ जाएगी।
ब्यावरा में हुई तेज बारिश  
ब्यावरा जिले में बीते देर शाम कई जगहों पर तेज बारिश हुई। मौसम की इस बेरूखी से खेतों में पड़ी फसलों में नुकसान संभावित है। मौसम विभाग द्वारा रविवार तक प्रदेश के कई जिलों में बारिश और कही-कही ओलावृष्टि होने की संभावना जताई गई है। वही किसानों को कटी हुई फसलों को त्रिपाल से ढक कर सुरक्षित स्थान पर रखने की चेतावनी दी है। दूसरी तरफ करीब 30 फीसदी फसलें अभी पकने के दौर से गुजर कर खेतों में खड़ी हैं। हालात यह है कि फसल कटाई के लिए किसानों को मजदूर नहीं मिल पा रहे है इसलिए फसल कटाई में देरी होती जा रही है।  

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