- विधानसभा चुनाव के लिए सिर्फ दो साल का समय ही बचा है ऐसे में विकास कार्यों के काम नहीं होने से विधायकों की चिंताएं बढ़ गई है
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में विकास के कामों में अड़ंगे सिर्फ बड़े शहरों में ही सामने नहीं आते बल्कि ग्राम पंचायत स्तर पर भी पार्टी में गुटबाजी से निर्माण कार्य प्रभावित को प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में ग्राम और पंचायत स्तर पर न तो सरकारी योजनाओं के काम ही पूरे हो पा रहे हैं और न ही विधायक अपनी विधायक निधि से ही विकास कार्य करवा पा रहे हैं।
कई ऐसे मामले सामने आए हैं कि भाजपा समर्थित सरपंच कांग्रेस की और कांग्रेस समर्थित सरपंच भाजपा विधायकों के कामों में अड़ंगा लगाते हैं। यही वजह है कि कई जिलों में पंचायतों के विकास कार्य अधूरे पड़े हैं। ऐसे में जनता परेशान है और उसकी नाराजगी भी जनप्रतिनिधियों को झेलनी पड़ रही है। विधायकों का आरोप है कि सरपंच, सचिव और सीईओ जनपद पंचायत कार्य कराने को लेकर गंभीर नहीं है। हालांकि पिछले डेढ़ साल से कोरोना का विकास कार्य प्रभावित हुए हैं। दरअसल विधायकों के क्षेत्र में भ्रमण पर जाने के दौरान ग्रामीणों द्वारा मुख्य तौर पर सामुदायिक भवन, हैंडपंप स्थापना, समन्वय भवन, पेयजल टंकी, स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष निर्माण, श्मशान घाट, नाली, सीसी चबूतरा, मंगल भवन निर्माण, बजरीकरण, सौंदर्यीकरण, नदी घाट निर्माण, तार फेंसिंग सहित अन्य सार्वजनिक उपयोग के काम बताए जाते हैं। विधायक भी छोटे-मोटे काम इसलिए कराते रहते हैं, क्योंकि यही काम उन्हें आगे चलकर चुनाव में समर्थन दिलवाते हैं।
चुनाव नजदीक आने से माननीयों की बढ़ी चिंताएं
सागर जिले के बीना विधानसभा से भाजपा विधायक महेश राय का कहना है कि मेरे क्षेत्र में कई काम सालों से रुके हुए हैं। शिकायत करने पर भी जनपद के अफसरों को कोई फर्क नहीं पड़ता। सचिव और सरपंच मनमानी करते हैं। यही नहीं राशि मिलने के बाद भी निर्माण एजेंसी काम नहीं करती। चुनाव नजदीक है इसलिए चिंताएं बढ़ गई हैं। रायसेन जिले की उदयपुरा सीट से कांग्रेस विधायक देवेंद्र सिंह पटेल ने नगर परिषद उदयपुरा के एक वार्ड में दशहरा मैदान मंच के सौंदर्यीकरण के लिए पिछले वर्ष विधायक निधि से राशि स्वीकृत की थी लेकिन नगर परिषद ने राशि ही नहीं ली। इसी तरह इसी जिले की सिलवानी सीट से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री रामपाल सिंह ने चबूतरा निर्माण के लिए पांच साल पहले अपनी विधायक निधि से प्रस्ताव बनवाकर भेजा था। ग्राम पंचायत नीगरी निर्माण एजेंसी बनाई गई लेकिन इस स्थान का विवाद होने से विकास रुका हुआ है। विधायक निधि का समय पर उपयोग नहीं होने तथा ग्राम पंचायत और नगर परिषद द्वारा विकास कार्य नहीं किए जाने से अधिकांश विधायक परेशान हैं। माननीयों का आरोप है कि सरपंच, सचिव और सीईओ जनपद पंचायत कार्य कराने को गंभीरता से नहीं लेते है।
विकास कार्यों में रुकावट की ये हैं वजहें
बहरहाल कई विकास के कार्य तो विवादित स्थल होने की वजह से रुके हुए हैं। वहीं कई जगह निर्माण एजेंसियों की उदासीनता कारण बना है। तो कहीं धार्मिक स्थल होने के कारण काम नहीं हो पा रहे हैं। कुछ जगहों पर सरपंच और सचिव के अड़ंगे हैं तो विरोधी गुट से ग्रामीणों का विरोध होने की वजह से विकास कार्यों में अड़ंगे लग जाते हैं।
प्रभारी मंत्रियों से की जा रही शिकायतें
ज्ञात रहे कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए सिर्फ दो साल का समय ही बचा है। यही वजह है कि विकास कार्यों के काम नहीं होने से विधायकों की चिंताएं बढ़ गई है। इसको लेकर अब धीरे-धीरे विधायक अपनी जमीन मजबूत करने में लग गए हैं। यही नहीं अब माननीयों ने अपनी विधायक निधि से मंजूर कार्यों का फीडबैक लेना शुरू कर दिया है। जहां काम नहीं हुए हैं उन्हें जिला स्तरीय बैठक में उठाया जाने लगा है। खास बात है कि अब चूंकि जिलों को प्रभारी मंत्री भी मिल गए हैं। इसलिए अधूरे पड़े कार्यों अथवा जिन कार्यों में अड़ंगा है उनकी शिकायतें प्रभारी मंत्रियों से भी की जा रही हैं।
21/07/2021
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