बीस दिन बाद भी मंत्री नहीं मना सके गांव व शहरों का जन्मदिन

शहरों का जन्मदिन

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। सूबे के मुखिया की काम करने की गति से उनके गण कदमताल नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा किसी एक मामले में नहीं है बल्कि, कई मामले ऐसे हैं जिनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तेजी से अमल करते हैं, लेकिन उनके ही मंत्री इन मामलों में कोई रुचि नहीं लेते हैं। अब ताजा मामला गांव व शहरों के जन्मदिन मनाने  का है। इसे प्रदेश में गांवों के विकास के लिए एक अभिनव प्रयोग माना जा रहा है। इस नवाचार की शुरुआत देश में पहली बार मप्र में किया जा रहा है। इसके पीछे मुख्यमंत्री की मंशा है कि गांव के लोग ग्राम सभा के माध्यम से गांव के विकास की योजनाएं बनाएं और वे स्वयं ही योजनाओं के क्रियान्वयन पर पूरी तरह से नजर रखें।  इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं 8 फरवरी को नर्मदा जयंती के अवसर पर गृह ग्राम जैत से की जा चुकी है। जैत में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में गांव का जन्म दिन धूमधाम से गौरव दिवस के रूप में मनाया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री की पहल पर ग्राम सभा ने ग्रामीणों की सहमति से गांव के विकास से जुड़े एक दर्जन विकास कामों का संकल्प भी पारित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा था कि प्रदेश के हर गांव, हर शहर का जन्म दिन मनाया जाएगा। जन्म दिन का यह कार्यक्रम एक से लेकर तीन दिन तक का भी हो सकता है। इसके दूसरे ही दिन 9 फरवरी को सीएम चौहान ने कैबिनेट बैठक में मंत्रियों को निर्देश देते हुए कहा था कि वे भी अपने गांव का  जन्म दिन मनाने के लिए एक दिन तय करें और एक हफ्ते में ही बताएं कि वे कब अपने गांव का जन्मदिन मनाएंगे। इसके बाद बीस दिन से अधिक का समय हो चुका है , लेकिन अब तक किसी भी मंत्री ने न तो गांव का जन्म दिन मनाया और न ही इस आयोजन की तारीख ही घोषित की है। यही नहीं मंत्रियों ने अपने प्रभार के जिले में या स्वयं की विधानसभा क्षेत्र में भी मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप लोगों को अपने गांव या शहर का जन्मदिन मनाने के लिए प्रेरित करने तक का भी काम नहीं किया है। हद तो यह है कि इस मामले में भाजपा के विधायक या अन्य जनप्रतिनिधि भी रुचि नहीं ले रहे हैं, जिसकी वजह से वे अपने गांव, शहर का जन्म दिन मनाने के लिए लोगों को जागरूक करने में भी आगे नहीं आए हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री का मानना है कि जब तक गांव के लोगों में अपने गांव के विकास को लेकर तड़प नहीं होगी, तब तक कुछ नहीं किया जा सकता। जनता को समझना होगा कि उनके सहयोग के बगैर गांवों का विकास संभव नहीं है। सरकार विकास कार्यों पर जो पैसा खर्च करती है, वह जनता का खुद का पैसा होता है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने गांवों के जन्म दिन मनाने के बहाने ग्रामीणों द्वारा खुद ही गांव के विकास का प्लान बनाने और योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी करने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री का अपने गांव जैत का जन्म दिन मनाने का मकसद मंत्रियों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और आम जनता को अपने गांव, शहर का जन्म दिन मनाने के लिए प्रेरित करना था।
क्या कहते हैं मंत्रिगण
इस मामले में अधिकांश मंत्रियों का कहना है कि जल्द ही अपने गांव का जन्म दिन मनाने की तारीख तय कर लेंगे। इस मामले में कुछ मंत्रियों का कहना है कि गांव का जन्म दिन मनाने को लेकर विचार-विमर्श किया जा रहा है, जल्द ही तारीख तय कर ली जाएगी। इस मामले में कुछ मंत्रियों का कहना है कि अगले माह उनके इलाके में जन्मदिन मनाने की योजना बनाई जा रही है।

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