कुठियाला के कारनामों की कुंडली खोलेगा ईओडब्ल्यू

 ईओडब्ल्यू
  • एमसीयू के पूर्व कुलपति के खिलाफ …नए सिरे से शुरू हुई जांच

भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. बीके कुठियाला के खिलाफ की गई शिकायतों की कुंडली एक बार फिर खोली जा रही है। ईओडब्ल्यू ने एक बार फिर से उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है। इससे पूर्व कुलपति की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
गौरतलब है कि एमसीयू में की गई गड़बड़ियों और भर्ती में अनियमितता की शिकायतें ईओडब्ल्यू में की गई थीं। इन मामलों में जांच के बाद ईओडब्ल्यू की ओर से पेश की गई खात्मा रिपोर्ट को अदालत ने अमान्य करते हुए नए सिरे से प्रकरण की जांच के निर्देश दिए हैं। लिहाजा जांच एजेंसी ने अब कुठियाला मामले की नए सिरे से जांच शुरू कर दी है।
अदालत के दिशा निर्देश पर जांच
अदालत ने जांच के बिंदु भी तय किए हैं। जांच अदालत की ओर से तय किए गए बिंदुओं के आधार पर की जा रही है। ईओडब्ल्यू ने एमसीयू में की गई अवैध नियुक्तियों और अवैधानिक व्यय के मामले में 2019 में एफआईआर दर्ज की थी। तत्कालीन मुख्य सचिव के पत्र के आधार पर प्रकरण की जांच के लिए 18 जनवरी 2019 को एक समिति बनाई गई थी। समिति ने 2019 को अपनी रिपोर्ट एमसीयू के कुल सचिव दीपेंद्र सिंह बघेल को सौंपी थी। एमसीयू ने उस रिपोर्ट को कार्रवाई के लिए  ईओडब्ल्यू को भेजा था। ईओडब्ल्यू ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की थी। मामले में कुठियाला समेत 20 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था।  प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद जांच एजेंसी ने सबूत नहीं मिलने का दावा करते हुए प्रकरण में खात्मा रिपोर्ट पेश कर दी थी। आशुतोष मिश्रा ने अदालत में अर्जी दाखिल कर कुठियाला के खिलाफ सबूत पेश किए और कहा कि जांच एजेंसी ने ढंग से मामले की पड़ताल नहीं की है। अदालत ने तमाम तथ्यों को देखने के बाद खात्मा रिपोर्ट को मंजूर करने से इनकार कर दिया। अदालत ने 23 पेज का आदेश जारी किया है।  अदालत के आदेश के परिपेक्ष्य में ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू कर दी है। अफसरों का कहना है कि अदालत ने जो तथ्य उजागर किए हैं, उस आधार पर दस्तावेज एकत्रित किए जाएंगे।
कुठियाला पर कई गंभीर आरोप
अदालत के सामने यह तथ्य लाया गया था कि एमसीयू के खर्चे पर 29 फरवरी 2016 को 1.17 लाख रुपए में लिनोवो योगा 3 प्रो लैपटॉप खरीदा गया था। उसके दो साल बाद लैपटाप की कीमत 13,104 रुपए आंकी गई थी। अदालत ने पूछा कि दो साल में लैपटॉप  की कीमत 90 प्रतिशत कैसे घट गई, जांच अधिकारी ने इसकी भी पड़ताल नहीं की है।  कुठियाला ने अपने पैसे से एक्वेरियम खरीदा था। कुठियाला ने इसको लेकर 25 अप्रैल 2018 को एक नोटशीट लिखी थी। नोटशीट के मुताबिक एक्वेरियम 10,200 रुपए में खरीदा था, जिसका भुगतान कुठियाला ने किया था। बाद में उन्होंने एक्वेरियम को एमसीयू के उपयोग में लाने की जानकारी दी और उक्त राशि के समायोजन की नोटशीट लिखी थी। अदालत ने  कहा, इस राशि का समायोजन करना क्या बेईमानी पूर्वक लाभ प्राप्त करना नहीं है। वहीं कुठियाला ने अक्टूबर 2013 में पत्नी मधु कुठियाला के लिए 39,600 रुपए का फ्लाइट का टिकट एमसीयू के खर्चे से कराया था। चार महीने बाद कुठियाला के खाते से यह राशि एमसीयू को चुका दी गई थी। अदालत ने कहा कि पद का दुरुपयोग तो यात्रा पूरी करने के साथ ही हो गया था।

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