श्रीमंत समर्थकों को…नसीहतों का डोज

श्रीमंत

हरीश फतेहचंदानी/बिच्छू डॉट कॉम। अब संगठन के निशाने पर श्रीमंत समर्थक मंत्री आ गए हैं। यही वजह है कि पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश व क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल ने बंद कमरे में श्रीमंत समर्थक मंत्रियों की क्लास लगाते हुए उन्हें तमाम तरह की नसीहतों का डोज पिलाया है। खास बात यह है कि इस क्लास में सिर्फ श्रीमंत समर्थक मंत्रियों को ही बुलाया गया था। बताया जा रहा है कि यह कदम संगठन ने उनकों लेकर मिल रहीं तमाम तरह की शिकायतों के बाद उठाया है। इस क्लास में मंत्रियों से सामूहिक रुप से शिकायतों को लेकर कैफियत ली गई। इस दौरान उन्हें साफ कह दिया गया है कि वे कार्यकर्ताओं से तालमेल बनाएं और किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसे भाजपा का मिशन 2023 की तैयारियों के रुप में  सत्ता और संगठन में कसावट के रुप में देखा जा रहा है। दरअसल बीते कुछ समय से श्रीमंत समर्थक मंत्रियों के दिन अच्छे नही चल रहे हैं। एक मंत्री का मामला समाप्त होता नहीं है कि दूसरे का कोई न कोई मामला सामने आ जाता है, जिससे की सरकार व संगठन को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल द्वारा ली गई इस क्लास में श्रीमंत समर्थकों को नसीहत दी गई कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही मंत्रियों को गैर जरूरी बयानबाजी से दूर रहने और चुनावी तैयारियों में जुटने की भी नसीहत दी गई। यह बात अलग है कि बैठक के बाद मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव ने इस मामले में कुछ भी नहीं कहा है। जानकारी के अनुसार, भाजपा आलाकमान के पास मंत्रियों के भ्रष्टाचार की पूरी कुंडली पहुंची है। इसमें कई सिंधिया समर्थक मंत्रियों पर  भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि गोविन्द सिंह राजपूत और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव का मामला सामने आने के बाद पार्टी की साख गिरी है। इसलिए भाजपा आलाकमान ने सिंधिया समर्थक मंत्रियों पर नकेल कसने का निर्देश दिया है। सूत्रों की मानें तो भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ने सिंधिया समर्थक मंत्रियों को पार्टी के कार्यक्रमों के हिसाब से तय प्रवास और कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए कहा है। स्थानीय स्तर पर बढ़ रहे गतिरोध को भी कंट्रोल करने, साथ ही कार्यकर्ताओं से तालमेल बनाने के लिए कहा है। शिवप्रकाश ने अनावश्यक बयानबाजी से बचने की भी सलाह भी दी है। उपचुनाव में जो बूथ हारे थे, उन बूथों पर फोकस करने को भी कहा गया है।
यह है वजहें
हाल ही में मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव पर आरोप लगाती एक महिला का वीडियो वायरल हुआ, हालांकि बाद में वह पलट गई। फिर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर साले से दान में ली 50 एकड़ जमीन का मामला उछला। राजपूत पर किसी विपक्षी दल के नेता ने नहीं, बल्कि बीजेपी से सांसद के साले ने सार्वजनिक तौर पर यह आरोप लगाए थे। इधर, इमरती देवी डबरा पुलिस थाने में धरना देना पड़ा था। वह टीआई को हटाने की मांग पर अड़ गईं थी। एडीजी के सामने ही इमरती देवी ने कह दिया था कि डबरा टीआई लुटेरा है। उन्होंने यह भी कहा था कि इसके ऊपर बड़े मंत्री का हाथ है। वह अपनी ही सरकार की पुलिस की बखिया उधेड़ रही थीं, जबकि उन्हें खुद राज्य मंत्री का दर्जा मिला हुआ है। इससे पहले ऊर्जा मंत्री प्रद्मुमन सिंह तोमर ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ग्वालियर की सडक़ें खराब को लेकर जूते-चप्पल का त्याग कर दिया था। उस समय तोमर ने ऐलान किया कि जब तक सडक़ें नहीं बनेंगी, वे नंगे पांव रहेंगे। लेकिन सरकार में उन पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। विधानसभा में भी जब उन्हें कांग्रेस ने घेरा तो उनके सपोर्ट में एक भी मंत्री खड़ा नहीं हुआ।
भाजपा में कोई किसी का समर्थक नहीं
सिंधिया समर्थक मंत्रियों की क्लास लेने के सवाल पर मंत्री भूपेन्द्र सिंह का कहना है कि पार्टी की सभी बैठकें निर्णायक होती हैं। शिवप्रकाश जी समय-समय पर नेताओं का मार्गदर्शन करते हैं। इसमें कौन सी नई बात है। वैसे भी भाजपा में कोई किसी का समर्थक नहीं होता है बल्कि सभी पार्टी के समर्थक होतें हैं।
हमें मजबूत करने चिंतन करें
जामवाल ने कहा कि हमारी पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। देश के सबसे ज्यादा राज्यों में हमारी सरकारें हैं। पंच-सरपंच से लेकर देश के राष्ट्रपति पद तक हमारे कार्यकर्ता हैं। जो काम हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कर रहे हैं, वो इससे पहले कहीं नहीं हुए। हम देश का सबसे बड़ा कार्यकर्ता आधारित राजनीतिक दल हैं और मध्यप्रदेश का पार्टी संगठन देश में आदर्श संगठन है। इसके बाद भी अगर हम खुद को कुछ जगहों पर कमजोर पाते हैं, तो इस पर हमें चिंतन करना चाहिए।

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