महंगाई फुल, बत्ती गुल

बिजली कटौती
  • अघोषित बिजली कटौती बनी…जी का जंजाल

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश में पर्याप्त बिजली है। लेकिन प्रदेशभर में हो रही बिजली कटौती लोगों के लिए जी का जंजाल बन गई है। दिन में हो रही कटौती लोग जैसे-तैसे तो बर्दाश्त कर ले रहे हैं, लेकिन रात की कटौती बर्दाश्त  से बाहर हो रही है। इस कारण लोग धरना-प्रदर्शन और आंदोलन करने लगे हैं।  कोयले की कमी से आशंकित बिजली संकट पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने भरोसा दिलाया है कि किसी भी कीमत पर प्रदेश में बिजली संकट नहीं आने देंगे। कोयले की कमी जरूर है, हमने सड़क मार्ग से 30 लाख मीट्रिक टन कोयला लाने के टेंडर कर दिए हैं। लेकिन फिलहाल कोयला संकट और बढ़ती बिजली की डिमांड के बीच प्रदेशभर में अघोषित कटौती शुरू हो गई है। इससे आम लोग अब परेशान होने लगे हैं।
 5 से 10 घंटे तक बिजली की कटौती
भीषण गर्मी के दौर में ग्रामीण क्षेत्रों में 5 से 10 घंटे तक बिजली की कटौती की जा रही है। कई क्षेत्रों में सिंचाई के लिए किसानों को 5 से 6 घंटे ही बिजली मिल रही है। घरेलू बिजली के भी बुरे हाल हैं। कभी भी बिजली चली जाती है। इसके चलते परेशान ग्रामीण अब बिजली अधिकारियों पर अपना गुस्सा उतारने लगे हैं। कई क्षेत्रों में बिजली दफ्तरों को घेराव किया जा रहा है। पर्याप्त बिजली के लिए प्रदर्शन होने लगे हैं। इधर, बिजली की बढ़ती डिमांड और गर्मी में जनता की परेशानी को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि वह अभी दूसरे राज्यों को बिजली नहीं देगी ।
देर रात दफ्तर पहुंच किया हंगामा: अघोषित कटौती के कारण बिजली कंपनी के जिम्मेदारों की मनमानी के खिलाफ अब लोगों का आक्रोश फूटने लगा है। शाजापुर में देर रात दर्जनों लोगों ने बिजली कंपनी कार्यालय पहुंचकर हंगामा कर दिया। रहवासियों का आरोप था कि कंपनी के जिम्मेदार ग्रामीण क्षेत्रों की तर्ज पर ही क्षेत्र में बिजली कटौती कर रहे हैं। दिन के बाद रात के समय भी घंटों बिजली कटौती की जा रही है। रहवासियों ने बताया कि शिकायत के लिए फोन लगाते हैं तो कंपनी के अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं। रहवासियों के द्वारा हंगामा करने के बाद कंपनी के जिम्मेदारों ने बिजली व्यवस्था को अयोध्या बस्ती क्षेत्र में सुचारू किया। रहवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि बिजली कंपनी ने बिजली कटौती बंद नहीं की तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
रोजाना 14 की जगह 10 रैक ही कोयला
गौरतलब है कि मप्र सहित कई राज्यों में इन दिनों बिजली संकट की स्थिति बनी हुई है। कोयले की कमी की वजह से डिमांड के मुताबिक बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। रेलवे द्वारा लगातार हो रही ढुलाई के बाद भी कोयले की रैक नहीं आ पा रहे हैं। इसको देखते हुए सरकार ने सड़क मार्ग से कोयले की रैक बुलवाने की व्यवस्था की है। मप्र को रोजाना 14 रैक कोयले की जगह 10 रैक कोयला ही मिल रहा है। इससे बिजली संकट गहरा गया है। प्रदेश में बिजली की मांग 12 हजार  मेगावाट की है, लेकिन 10 हजार मेगावाट बिजली ही मिल रही है। 2 हजार मेगावाट बिजली की कमी के लिए ग्रामीण इलाकों में अघोषित कटौती शुरू कर दी गई है। एमपी पावर  जनरेटिंग कंपनी को थर्मल प्लांट्स चलाने के लिए प्रतिदिन 58 हजार मीट्रिक टन कोयले की जरूरत है, लेकिन करीब 50 हजार मीट्रिक टन ही कोयला मिल पा रहा है।
विदिशा में भी धरना
वहीं विदिशा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों अघोषित बिजली कटौती के विरोध में चार दिन पहले विधायक शशांक भार्गव के नेतृत्व में ग्रामीणों ने बिजली विभाग के कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया गया। बताया गया कि पिछले कई दिनों से विदिशा के अलावा गुलाबगंज और अटारी खेड़ा क्षेत्र में लगातार अघोषित बिजली कटौती और मनमानी बिजली बिलों के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। ग्रामीणों ने विद्युत मंडल के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि विद्युत वितरण की व्यवस्था सुधारी जाए नहीं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
छिंदवाड़ा में दो सप्ताह से हो रही कटौती
उधर, छिंदवाड़ा जिले में शहरी हो या ग्रामीण क्षेत्र बिजली कटौती के हालात एक जैसे हैं। बढ़ते पारे के बीच गर्मी से हलाकान आमजन में कटौती के चलते बिजली कंपनी के प्रति आक्रोश पनप रहा है। ग्रामीण इलाकों में विगत 2 सप्ताह से लगातार अघोषित बिजली कटौती की जा रही है। जबकि भरी गर्मी में आमजन कूलर, पंखा और फिज के भरोसे हैं और ऐसी परिस्थितियों में भी घरेलू बिजली हो या कृषि दोनों में भारी-भरकम कटौती कर रहा है, जिसे लेकर आम जनों ने कई बार इसकी शिकायत भी की है।

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