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- कमलनाथ ने चुनावी तैयारियों को लेकर कसी कमर
भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मध्यप्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस में अभी से जीतने वाले प्रत्याशियों की तलाश की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके तहत सर्वे और पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले फीडबैक के आधार पर ही टिकटों के लिए नाम तय किए जाएंगे। दरअसल इस बार पार्टी चुनाव की घोषणा होने के पहले ही प्रत्याशियों के नाम तय कर लेना चाहती है और कठिन मानी जाने वाली सीटों पर कई माह पहले प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करने की रणनीति पर काम कर रही है। यही नहीं पार्टी की जीत तय करने के लिए अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ भी अब पूरी तरह से मैदानी दौरे करने जा रहे हैं। उनके यह दौरे कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने, संगठन को मजबूत करना और प्रत्याशी की चयन की कवायद के लिए किए जा रहे हैं। उधर, इसके साथ ही कमलनाथ द्वारा संगठन के जिला प्रभारियों से सभी मुद्दों पर तथ्यपरक पूरी रिपोर्ट भी मांगी गई है।
कमलनाथ ने पार्टी की जीत तय करने के लिए प्रदेश के अलग-अलग अंचलों के हिसाब से रणनीति तैयार की है, जिसमें उनके द्वारा ग्वालियर-चंबल के अलावा बुंदेलखंड अंचल को प्राथमिकता में रखा गया है। यही वजह है कि वे अपने दौरे की शुरूआत बुंदेलखंड अंचल से कर चुके हैं। वे इस बार इन दोनों ही अंचलों में सीटों को हर हाल में बढ़ता हुआ देखना चाहते हैं। इसके अलावा नाथ द्वारा संगठन को भी मजबूत करने के प्रयास शुरू किए जा चुके हैं। पार्टी ने जिला प्रभारियों से यह रिपोर्ट बुलाई है कि जिलों में संगठन किस तरह से काम कर रहा है। इसकी पूरी जानकारी पाने के लिए कुछ कुछ बिंदु तय किए गए हैं। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो प्रभारियों ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश संगठन को दे दी है। इसके बाद अब मंडलम और सेक्टर स्तर तक कार्यकर्ता सम्मेलन करने की रणनीति तैयार की गई है। इसमें कार्यकर्ताओं को मतदाताओं को घर से मतदान के लिए निकालने से लेकर तमाम तरह के चुनावी प्रशिक्षण भी दिए जाएंगे। कार्यकर्ताओं के होने वाले सम्मेलनों में कमलनाथ भी शामिल होंगे। मकसद कार्यकर्ताओं का चुनाव को लेकर उत्साह बढ़ाना और सक्रिय करना है।
तीन माह पहले आरोप पत्र जारी करेगी कांग्रेस
कांग्रेस ने प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है। मप्र कांग्रेस कमेटी सरकार के विरुद्ध आरोप पत्र तैयार कर रही है, जिसे चुनाव से तीन महीने पहले जारी किया जाएगा। आरोप पत्र तैयार करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने दो सदस्यीय आरोप पत्र समिति बनाई है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह को समिति का अध्यक्ष और पूर्व विधायक पारस सकलेचा को समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया है। समिति द्वारा इस पर तेजी से काम किया जा रहा है। इसके लिए चिन्हित विषयों से जुड़ी प्रामाणिक जानकारी प्राप्त करने के लिए विधायकों के माध्यम से विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में प्रश्न और ध्यानाकर्षण सूचनाओं के आवेदन दिए जाएंगे। आरोप पत्र की पुस्तिकाएं और पंपलेट छपवाकर घर-घर बांटी जाएंगी। प्रदेश कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेरने के लिए संभाग स्तर पर आंदोलन करने के साथ आरोप पत्र जारी करने की योजना बनाई है। आरोप पत्र में सरकार द्वारा किए गए वादे और उन पर अमल की स्थिति, निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार, राशन वितरण में गड़बड़ी, किसानों के अनुदान में गड़बड़ी, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, अनियमितता और अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दे प्रमुखता से शामिल किए जा रहे हैं।
मांगी यह जानकारी
नाथ ने प्रभारियों से प्रत्याशी चयन को लेकर जिले बार यह रिपोर्ट भी मांगी है कि जिले में कितनी सीटें हैं, किस समाज के कितने मतदाता हैं। अगर जिले में तीन सीटें हैं, तो उनमें प्रत्याशियों का चयन किस आधार पर किया जाना चाहिए। बताते हैं कि रिपोर्ट के अलावा पार्टी का भरोसा सर्वे पर भी है। सर्वे रिपोर्ट और प्रभारियों की रिपोर्ट का मिलान होगा। उसमें निकलने वाले मंथन के आधार पर पार्टी प्रत्याशियों का चयन का काम किया जाएगा। अभी सिर्फ उनके चयन के तरीके के बारे में तथ्यपरक जानकारी बुलाई गई है। सर्वे और प्रभारियों की रिपोर्ट के बाद पार्टी प्रत्याशियों के चयन पर काम करेगी।
अभी यह है बुंदेलखंड में स्थिति
इस अंचल के तहत आधा दर्जन जिले आते हैं। इनमें सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ और निवाड़ी शामिल हैं। छह जिलों में कुल 26 विधानसभा सीटें हैं। इनमें साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस को दस सीटें मिली थीं। एक सपा और एक सीट बसपा के खाते में गई थी। बाकी बची हुई 14 सीटें भाजपा को मिली थीं। साल 2020 में हुए सत्ता परिवर्तन के दौर में कांग्रेस के तीन विधायक भाजपा में चले गए थे। इनमें गोविंद सिंह राजपूत, राहुल सिंह और प्रद्युम्न शामिल हैं। पृथ्वीपुर सीट तत्कालीन विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर के निधन पर रिक्त हुई थी, जिस पर हुए उपचुनाव में भाजपा को जीत मिली थी। उसके बाद सपा विधायक राजेश शुक्ला ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था।
ग्वालियर –
चंबल का राजनैतिक परिदृश्य
ग्वालियर-चंबल में कुल 8 जिले आते हैं, जिनमें विधानसभा की 34 सीटें शामिल हैं। बात अगर 2018 के विधानसभा चुनाव की जाए तो यहां की 34 सीटों में से कांग्रेस ने 26 सीटें जीती थी। जबकि 7 सीट बीजेपी को मिली थी, जबकि एक सीट बीएसपी के खाते में गई थी, लेकिन श्रीमंत के बीजेपी में जाने से कांग्रेस के अंचल के 15 विधायक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए थे। इसके बाद हुए उपचुनाव में 8 सीटों पर बीजेपी और 7 सीटों पर कांग्रेस अपना किला बचाए रखने में कामयाब हुई थी। कांग्रेस इस बार भी पुरानी जीत दोहराना चाहती है। इसकी वजह है इस अंचल की महापौर पद की दोनों सीटों पर कांग्रेस की जीत होना।