गाँवों में गांधी चौपाल लगाकर वोटर्स को साधेगी कांग्रेस

कमलनाथा
  • मिशन 2023 के लिए कांग्रेस का नया प्लान

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। मप्र विधानसभा चुनाव में अभी करीब सवा साल का समय बाकी है, लेकिन राजनीतिक पार्टियां अभी से मिशन मोड में जुट गई हैं। खासकर भाजपा और कांग्रेस की तैयारियां जोरों पर है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने मिशन 2023 में बाजी मारने के लिए नया प्लान बनाया है। इस प्लान के तहत मप्र में कांग्रेस 2023 की तैयारियों को लेकर हर वर्ग तक पहुंचने में लगी है। अब प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथा ने ग्रामीण वोटर्स को साधने के लिए भी एक प्लानिंग पर काम करना शुरू कर दिया है। जिसके लिए प्रदेश के 23 हजार गाँवों पर फोकस किया गया है।
पार्टी की रणनीति के अनुसार कांग्रेस 2 अक्टूबर से गांधी चौपाल शुरुआत करेगी, जिसकी तैयारियां पूरी हो गई है। बताया जा रहा है कि गांधी चौपाल के माध्यम से कांग्रेस ग्रामीण वोटर्स को साधने पर फोकस करेगी।
कांग्रेस में गांधी चौपाल प्रभारी भूपेंद्र गुप्ता ने बताया कि रामधुन के साथ गांधी चौपाल की शुरुआत होगी। गांधी चौपाल के दौरान पार्टी की विचारधारा से बड़ी संख्या में ग्रामीण वोटर्स को जोड़ा जाएगा, उन्हें राष्ट्रपिता  गांधी जी के विचारों से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा  कि आज के वक्त में गांधी के विचारों को दबाया जा रहा है। कांग्रेस गांधी की पार्टी है । 2023 में कांग्रेस को इसका फायदा मिलेगा। उनका कहना है कि गांधी चौपाल के जरिए कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता भाजपा सरकार की नाकामियों को और गांधी के विचारों को आम जनता तक पहुंचाएगी।
गांधी चौपाल पर सियासी घमासान
दरअसल, कांग्रेस मिशन-2023 के लिए गांधी चौपाल की तैयारी में हैं। कांग्रेस ने प्रदेशभर के 23 हजार गांवों में गांधी चौपाल लगाने की योजना बनाई है। कांग्रेस 2 अक्टूबर से गांधी चौपाल शुरूआत करेगी जिसकी तैयारियां पूरी हो गई है। बताया जा रहा है कि गांधी चौपाल के माध्यम से कांग्रेस ग्रामीण वोटर्स को साधने पर फोकस करेगी। पार्टी इन सभी गांवों में गांधी चौपाल लगाएगी। हालांकि इस मुद्दे पर सियासत भी शुरू हो गई है। भाजपा और कांग्रेस गांधी चौपाल को लेकर आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस में गांधी चौपाल प्रभारी भूपेंद्र गुप्ता ने बताया कि रामधुन के साथ गांधी चौपाल की शुरूआत होगी। गांधी चौपाल के दौरान पार्टी की विचारधारा से बड़ी संख्या में ग्रामीण वोटर्स को जोड़ा जाएगा, उन्हें राष्ट्रपति गांधी जी के विचारों से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि आज के वक्त में गांधी के विचारों को दबाया जा रहा है। कांग्रेस गांधी की पार्टी है ये बताया जाएगा और 2023 में कांग्रेस को इसका फायदा मिलेगा। वहीं कांग्रेस की गांधी चौपाल योजना पर बीजेपी ने निशाना साधा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने इस देश के अंदर गांधी के नाम का दुरुपयोग किया। गांधी के विचारों पर काम नहीं किया, गांधी के विचारों को स्वच्छता के अभियान से लेकर भारत के अंदर आत्मनिर्भर भारत बनाने से लेकर अन्य कार्य पीएम मोदी ने किए हैं, इससे कांग्रेस को इससे सीख लेनी चाहिए! कांग्रेस को मोदी जी से गांधीजी का पाठ सीखना चाहिए।
क्षेत्रीय स्तर पर विधानसभा सीट जीतने का प्लान
2023 विधानसभा चुनावों की तैयारी को लेकर दोनों पार्टियां पूरे जी जान से जुट गई हैं। भाजपा जहां सत्ता में होने का फायदा उठाकर फिर से सत्ता में वापसी का राह बनाने में लगी है। दूसरी तरफ हाथ आई सत्ता गंवा चुकी कांग्रेस अब तक पार्टी की टूट के दर्द को नहीं भूल पाई है। कांग्रेस प्रदेश में भाजपा के विकास के दावों की सच्चाई दिखाकर बढ़त हासिल करने की कोशिश में है। विधानसभा चुनाव 2023 में जीत के लिए जोर लगा रही कांग्रेस अब नई रणनीति अपनाएगी। उसने क्षेत्रीय स्तर पर विधानसभा सीट जीतने के लिए प्लान तैयार किया है। इनके लिए अलग अलग वॉर रूम बनाए जाएंगे। विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का नया वॉर रूम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह का घर होगा। अब तक पीसीसी चीफ और पूर्व सीएम कमलनाथ के निवास से वॉर रूम के जरिए पूरे प्रदेश पर नजर रखी जाती थी। पार्टी ने नगरीय निकाय चुनाव में स्थानीय स्तर पर गोपनीय वॉर रूम बना कर नई रणनीति पर काम शुरू किया और अब विधानसभा चुनाव में उसे और विस्तार दे रही है। कांग्रेस पार्टी ने जो नया वार रूम भोपाल में तलाशा है वह दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह को आवंटित 45 बंगले का सरकारी आवास ई 23/45 है। वहां से प्रदेश भर में कांग्रेस की गतिविधियों और चुनावी प्लान पर नजर रखी जाएगी।
भाजपा के विकास की खोली जाएगी पोल
कांग्रेस के इस बड़े अभियान के संयोजक  बताते हैं कि गांधी जयंती से शुरू हो रहे इस कार्यक्रम में हम गांव-गांव की सही तस्वीर जानेंगे। कहां पिछले 15 साल से सड़क नहीं बनी। कहां बिजली नहीं आई। किन स्कूलों को अपग्रेडेशन नहीं हुआ। कहां अस्पताल की मांग आज भी अधूरी है। राजनीतिक तौर पर जो बयान दिए जाते हैं हम उनकी हकीकत जानेंगे और जानकारी जुटाएंगे। जनता को और बताएंगे कि भाजपा की सरकार और सीएम शिवराज जो दावा करते हैं असल में उन दावों की हकीकत क्या है। भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी कांग्रेस के इस कैपेन पर तंज करते हुए कहते हैं कि कांग्रेस जो विकास के दावे पर सवाल उठा रही है पहले वह खुद फर्क करे कि उनकी पार्टी के 60 साल और मोदी सरकार के 8 साल के शासन का फर्क क्या है। मध्यप्रदेश में भी पिछले 18 साल में हुए बड़े बदलाव सामने हैं। मप्र में 2003 के आस पास प्रतिव्यक्ति आय तैंतीस हजार के करीब हुआ करती थी। अब ये बढ़कर एक लाख 24 हजार रुपए हो चुकी है। जब दिग्विजय सिंह जब मुख्यमंत्री थे पूरा प्रदेश कर्ज में डूबा हुआ था। शिवराज सरकार में ओव्हर ड्राट की स्थिति नहीं बनीं। कमलनाथ सरकार की जो पंद्रह महीने की सरकार का ही उदाहरण ले लीजिए कहा था कि चार हजार का बेरोजगारी भत्ता देंगे। आज तक नौजवानों को नहीं मिला। कांग्रेस के पास दिखाने के लिए केवल दलाली और गांधी परिवार की चापलूसी है।

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