
- मुख्यमंत्री शाला ज्योति सहित छह योजनाएं अधर में लटकी…
भोपाल/विनोद उपाध्याय/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश के स्कूलों में सरकार द्वारा मुख्यमंत्री शाला ज्योति सहित छह योजनाएं के लिए जो राशि दी गई है उस पर कलेक्टर कुंडली मार कर बैठ गए हैं। इस कारण स्कूलों में विकास कार्य नहीं हो पाए हैं। अब शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 42 कलेक्टरों को अल्टीमेटम दिया है कि या तो काम करो या 6 योजनाओं के लिए आवंटित राशि को लौटा दो।
दरअसल, शिक्षा विभाग ने स्कूलों के इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए मुख्यमंत्री शाला ज्योति योजना के तहत वर्ष 2018 और 2019 में राशि दी थी। जिलों के सरकारी स्कूलों में मुख्यमंत्री शाला ज्योति योजना सहित छह योजनाओं के लिए दिए गए करोड़ों रुपयों का उपयोग कलेक्टरों ने नहीं किया है। अब शिक्षा विभाग ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि या तो वे राशि का उपयोग करे वर्ना अनुपयोगी राशि वापस करें।
करोड़ों रुपए का उपयोग नहीं
शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसारर स्कूलों के इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए मुख्यमंत्री शाला ज्योति योजना के तहत वर्ष 2019 से 858 लाख 51 हजार रुपए जिलों में बचे हुए है। इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। इसी तरह चौकीदार कक्ष के निर्माण के लिए वर्ष 2018 से 503 लाख 49 हजार रुपए का उपयोग नहीं किया जा रहा है। स्कूलों में पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए जिलों को वर्ष 2018 में 1999 लाख 73 हजार रुपए दिए गए थे इसका उपयोग नहीं हो पाया है। विद्यालय निर्माण योजना में वर्ष 2019 में दो बार में 64 शाला भवनों के लिए 989 लाख 24 हजार रुपए जारी किए गए थे। सर्व शिक्षा अभियान में अपूर्ण शाला भवनों को पूर्ण करने, प्रधानाध्यापक कक्ष के लिए 422 लाख 90 हजार रुपए जारी किए गए थे। शालाओं में बाउंड्रीवाल के निर्माण के लिए वर्ष 2018 में 893 लाख 75 हजार रुपए और वर्ष 2019 में 609 लाख 75 हजार रुपए दिए गए थे। लेकिन इनका उपयोग नहीं हो पाया है।
कई योजनाओं की राशि का उपयोग नहीं
जानकारी के अनुसार राज्य शिक्षा केन्द्र संचालक धनराजू एस ने कलेक्टरों को लिखे पत्र में कहा है कि इन योजनाओं में जारी राशियों का शीघ्र उपयोग करें। राशियों का उपयोग नहीं करने पर संबंधित जिला परियोजना समन्वयक और सहायक यंत्री जिम्मेदार होंगे। वर्तमान में इन छह योजनाओं के अलावा लागत वृद्धि, शौचालय निर्माण, स्टाम्प ड्यूटी और सीएसआर मद से भी राशियां बची हुई है। उन्होंने कलेक्टरों से कहा है कि इस राशि की आवश्यकता नही हो तो राज्य शिक्षा केंद्र के खाते में वापस करते हुए सूचना दें।