सीएम हेल्पलाइन को लगाया पलीता, खुलासा

सीएम हेल्पलाइन

अवार्ड पाने के लिए पहले कराईं शिकायतें, फिर दिखाया निराकरण करना

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। आमजन की समस्याएं हल करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरु की गई सीएम हेल्पलाइन योजना को अफसर ही पलीता लगाने से पीछे नहीं रह रहे  हैं। ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया है। इस योजना में अच्छा काम करने वाले अफसरों को सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाता है। इसी पुरस्कार के लालच में एक अफसर ने पहले तो अपने मातहत कर्मचारियों से शिकायतें कराई और फिर उनको  निराकृत दिखाकर उन्हें बंद कर दिया, लिहाजा इस मामले त्वरित कार्रवाई किए जाने को लेकर उन्हें इनाम भी हासिल हो गया। यह पूरा मामला है अशोकनगर के सहकारिता विभाग का। यहां पदस्थ सहायक आयुक्त रविशंकर द्विवेदी ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों के निराकरण में उच्च प्रदर्शन का पुरस्कार प्राप्त करने के लिए अपने आपरेटर व नौकरों से दर्जनों फर्जी शिकायतें करा कर उनका फर्जी निराकरण भी कर दिया। इस मामले का जैसे ही खुलासा हुआ तो वे लंबा अवकाश लेकर गायब हो गए। अहम बात यह है कि इस गड़बड़ी के खुलासे की जानकारी होने के बाद भी जिले के अधिकारी इस मामले में आखें बंद किए हुए हैं। सहकारिता विभाग में पदस्थ अधिकारी रविशंकर द्विवेदी द्वारा एक साल में सीएम हेल्पलाइन पर पांच अलग-अलग नंबरों से एक दिन में चार से पांच शिकायतें दर्ज करवाई गईं। इसके बाद उनका निराकरण एल-1 स्टेज पर ही कर दिया गया। इनका रिकार्ड देखने पर पता चला कि इनमें से एक-दो नंबर तो ऐसे हैं, जिनसे 10 दिन के अंदर 9 से 15 तक शिकायतें की गईं और उसी क्रम में उनका शीघ्र निराकरण भी होता गया। इसमें भी खास बात यह है कि पोर्टल पर दर्ज अधिकतर शिकायतें और उनकी भाषा भी एक जैसी ही हैं। इनमें सहकारी गृह निर्माण आवास संघ मर्या/सहकारी गृह निर्माण संस्थाओं संबंधी शिकायतों का बार-बार उल्लेख किया गया है।
इन नबंरो से हुई दर्जनों शिकायतें
मोनू रघुवंशी के नाम से रजिस्टर्ड नंबर 8989872109 से 54 शिकायतें अलग-अलग महीनों में की गई। वहीं महेंद्र कुमार के नाम से रजिस्टर्ड नंबर 8989797480 से लगातार 69 शिकायतें की गई। खुमान सिंह के नंबर 7692857767 से 15 तो भुवन सिंह के नंबर से नौ शिकायतें की गई। अब यह सभी नंबर बंद हैं और इनके धारकों का भी कुछ पता नहीं है।

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