- ग्रामीण क्षेत्र में हल्का पर भी नहीं पहुंचते, न ही अधिकारी गंभीर

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार ने कुछ हद तक जमीनों का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए जमीनों को आधार से जोडऩे का कार्यक्रम शुरू किया था। शुरुआत में राजस्व अमले ने आधार लिंकिंग में रुचि दिखाई थी, लेकिन बाद में काम ही बंद कर दिया। इस वजह से ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादातर जमीनों के सर्वे नंबर भू-स्वामी के आधार नंबर से नहीं जुड़े हैं। खास बात यह है कि दूरदराज के इलाकों में स्थिति बेहद खराब है। ग्रामीण क्षेत्र में पटवारी हल्कों पर ही नहीं पहुंचते हैं। राजस्व विभाग ने इसी साल के शुरुआत में जमीनों को आधार से जोडऩे के लिए अभियान शुरू किया था। शुरूआत में राजस्व अमले ने भू-स्वामियों को फोन कर ओटीपी लेकर आधार लिंकिग का काम शुरू किया था। जिसमें ज्यादा सफलता नहीं मिली। शासन के कार्यक्रम के अनुसार सभी हलका पटवारियों को यह काम करना था, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में पटवारियों ने इसे शुरू ही नहीं किया है। भू-अभिलेख की तकनीकी इकाई के अनुसार प्रदेश में ज्यादातर जमीनों को आधार से लिंक नहीं किया गया है। शहरी क्षेत्र में जिन जमीनों की खरीदी विक्री हो रही है, वहां आधार लिंक किया गया है। क्योंकि जमीनों के पंजीयन में अब आधार अनिवार्य कर दिया है। इस संबंध में आयुक्त भू-अभिलेख श्रीमती अनुभा श्रीवास्तव ने कोई प्रतिक्रिया ही नहीं दी।
शासन स्तर से मॉनीटरिंग बंद
मुख्यमंत्री ने तीन महीने पहले जमीनों के आधार लिंक का अभियान शुरू किया था। तब शासन स्तर और आयुक्त भू-अभिलेख स्तर से निगरानी हो रही थी। मौजूदा स्थिति में जमीनों के आधार लिंक की निगरानी करना ही बंद कर दिया है। यही स्थिति जिला और तहसील स्तर पर है। जिलों में जिलाधीश से लेकर अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार भी आधार लिंक अभियान की न तो समीक्षा कर रहे हैं और न हीं इसमें रुचि दिखा रहे हैं। इस वजह से आधार लिंक से जमीनों के फर्जीवाड़ा रोकने की जो शासन की मंशा थी, वह पूरी नहीं हो रही है।
पटवारियों ने यह बनाया बहाना
राजस्व विभाग में किसान एवं अन्य जमीनों के आधार लिंक का काम पटवारियों को सौंपा था। शुरू में पटवारियों ने दूरभाष पर ही लोगों से ओटीपी मांगना शुरू कर दिया था। लोगों ने अनजान नंबर से फोन कर ओटीपी मांगने पर वित्तीय फ्रॉड के डर से ओटीपी नहीं दिया। राजस्व विभाग के निचले अमले ने जमीनों का आंधार लिंक नहीं होने पर यह रिपोर्ट भिजवाई की भू-स्वामी ओटीपी नहीं दे रहे हैं। जबकि जमीनों को आधार से जोडऩे का काम पटवारी को भू स्वामी के गांव, पटवारी हल्का पर पहुंचकर करना था, जो नहीं किया गया। इस वजह से जमीनों का आधार लिंक का काम ठप हो गया।
स्वयं करने पर नहीं आता ओटीपी
भूअभिलेख पोर्टल के जरिए भूस्वामियों को खुद जमीन आधार लिंक करने की सुविधा दी गई है। इसके लिए जरूरी यह है कि संबंधित को अपना खाना खोलना होगा। इसके बाद आधार लिंक ऑप्शन पर जाकर भूमि के सर्वे नंबर को आधार से लिंक करना होगा। हालांकि तकनीकी समस्या यह है कि पोर्टल से ओटीपी आने या तो लंबा समय लगता है या फिर आता ही नहीं है। ओटीपी डालने के बाद संबंधित राजस्व अधिकारी द्वारा प्रमाणित करने के बाद ही भूमि का नंबर आधार से लिंक होगा।
इनका कहना है
जमीनों को आधार से जोडऩे का काम चल रहा है। भू-स्वामी खुद भी विभाग के पोर्टल से अपनी जमीन को आधार से लिंक कर सकते हैं।
-विवेक पोरवाल प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग