
-लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में मेडिकल ऑफिसर्स के 466 पदों को भरने के लिए प्रक्रिया शुरू
भोपाल/राजीव चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश सरकार को अब स्वास्थ्य विभाग में सालों से रिक्त चल रहे हजारों पदों को भरने की आखिर याद आ ही गई है। अब स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा में करीब 8705 पदों पर भर्ती की तैयारी की जा रही है। इन दोनों ही विभागों में रिक्त चल रहे इन पदों की वजह से कोरोना काल में प्रदेश में लोगों को समय पर इलाज तक नहीं मिल सका।
इलाज के अभाव में कई लोगों को असमय ही मौत का शिकार होना पड़ा है। इस वजह से अब लोगों में सरकार को लेकर बेहद नाराजगी है। चिकित्सकों से लेकर नर्सिंग स्टाफ तक की कमी के चलते कई अस्पताल तो नाम के लिए ही चल रहे हैं। किसी अस्पताल में डॉक्टर नहीं हैं तो किसी में नर्स नहीं, कहीं पैरामेडिकल स्टाफ नहीं तो कहीं अस्पताल में बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और उप स्वास्थ्य केन्द्रों में तो हालात बेहद खराब बने हुए हैं। जिससे वहां पहुंचने वाले मरीजों को केवल निराशा ही हाथ लगती है । कहीं तो अस्पतालों में ताला लटका मिलता तो कहीं एएनएम ही उनके लिए डॉक्टर बन जाती। इस मामले में बीते कई सालों से सरकार से लेकर प्रशासन ने भी कोई रुचि नहीं ली , जिसकी वजह से ऐसे हालात बने हैं। अब जाकर नींद खुली तो प्रदेश में भारतीय लोक स्वास्थ्य मानकों के हिसाब से भर्तियों की कवायद शुरू की जा रही है। प्रदेश में यह पहला मौका है जब एक साथ इन दोनों ही विभागों में 8705 पदों पर भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। गौरतलब है कि भारतीय लोक स्वास्थ्य मानक यानी आईपीएचएस के तहत उप स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला चिकित्सालयों के लिए मानक तय हैं। चिकित्सकीय स्टाफ, नर्र्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ किस श्रेणी के अस्पताल में कितना होना चाहिए यह आईपीएचएस में पहले ही तय किया गया है। यदि पहले ही प्रदेश में आईपीएचएस के हिसाब से चिकित्सकीय स्टाफ और अस्पतालों में सुविधाएं उपलब्ध होतीं तो प्रदेश के आम लोगों को बीमार होने पर अस्पतालों में इलाज के लिए दर दर भटकना नहीं पड़ता।
तीन हजार एएनएम की होगी भर्ती
प्रदेश में एएनएम के रिक्त 2913 पदों को भी भरने की कवायद की जा रही है। एएनएम ही महकमे का मैदानी अमला है, जिनका सीधा संबंध गांव में मरीज और उनके परिजनों से रहता है। कोरोनाकाल में एएनएम ने मैदानी काम में अपनी उपयोगिता साबित की है। लिहाजा राज्य सरकार इन पदों को भी शीघ्र ही भरने के प्रयास में है, जिससे कि आने वाले दिनों में स्वास्थ्य महकमे को मैदानी स्तर पर ज्यादा चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़े। इसी क्रम में मेल स्टाफ नर्स के 222 नए पदों पर भी भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसी तरह हॉस्पिटल मैनेजर्स के 68 पदों को भी लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरा जाएगा। इधर चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत चिकित्सा महाविद्यालयों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में 840 नर्सिंग स्टाफ को भर्ती करने के बाद रिक्त चल रहे 2378 रिक्त पद शीघ्र ही भरे जाएंगे। इसी तरह से पैरामेडिकल स्टाफ के 1110 रिक्त पद भी भरने की तैयारी की जा रही है।
किस पद पर कितनी भर्ती
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए मप्र लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। जिसमें 904 पदों पर भर्ती करने को कहा गया है। माना जा रहा है कि अगले तीन माह में भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इधर विभाग में मेडिकल ऑफिसर्स के 466 पदों को भरने के लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि इसे अगले माह तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद मेडिकल ऑफिसर्स की भर्ती की प्रक्रिया का दूसरा चरण शुरू किया जाएगा, जिसमें 576 पदों पर भर्ती की जाएगी। इसी तरह डेंटल मेडिकल ऑफिसर्स के 68 पदों पर भी भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में स्टाफ नर्सेस के 1020 पदों पर और पैरामेडिकल स्टाफ के 429 पदों को भी भरा जा चुका है।