काली कमाई करने वालों की जांच में रोड़ा बने तबादले

तबादले
  • अगले माह से आ सकती है जांच में फिर तेजी

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। परिवहन आरक्षक से लेकर बिल्डर के ठिकानों तक पर बीते साल आयकर विभाग ने छापे मारकर तहकला मचा दिया था, लेकिन अब इसी तरह के बड़े और चर्चित मामलों की जांच पूरी तरह से ठप्प हो गई है। इसकी वजह है आयकर विभाग के अफसरों के तबादले होना। दरअसल बीते साल जो मामले बेहद चर्चा में रहे हैं , उनमें भोपाल के मेंडोरी में इनोवा कार में मिले 52 किलो सोना और 11.68 करोड़ रुपए कैश की जब्ती और राजधानी के डेवलपर राजेश शर्मा और उसके सहयोगियों के ठिकानों पर हुई छापेमारी और सागर में भाजपा के पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर और उनके सहयोगी राजेश केशरवानी के घर हुई छापे के मामले में भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि  अब ऐसे मामलों की जांच अगले माह से फिर रफ्तार पकड़ सकती है।
अप्रैल में आयकर विभाग के इन्वेस्टिगेशन विंग के एडिशनल कमिश्नर आदेश राय, पीसीआईटी भोपाल पीसी मौर्य समेत दो दर्जन से अधिक अफसरों को वित्त विभाग की राजस्व शाखा ने स्थानांतरित किया है। स्थानांतरित किए गए अधिकांश अधिकारी भोपाल और प्रदेश के अन्य जिलों में हुई बड़ी छापेमारी की कार्रवाई से जुड़े रहे हैं जिसमें करोड़ों रुपए जब्त किए गए हैं। छापेमारी में शामिल रहे कुछ ऐसे अफसर भी यहां से स्थानांतरित हुए हैं,जिनकी अभी यहा पर तीन साल की पदस्थापना अवधि पूरी नहीं हुई थी। इसके अलावा इन छापों से जुड़े कुछ अधिकारी नदोन्नत हो गए, जिसकी वजह से उनकी नए सिरे से पदस्थापना आदेश जारी होने से उनकी पदस्थापना बदल गई है।
पुरुषोत्तम त्रिपुरी रिटायर, सोनी आए
आयकर विभाग की टीम ने 19 दिसम्बर 2024 को आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के सहयोगी चेतन सिंह गौर की कार से 11 करोड़ 60 लाख की नकदी और 52 किलो सोना बरामद किया था। इसकी जांच अभी पूरी नहीं हुई है।  भोपाल में त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के संचालक व डेवलपर राजेश शर्मा के यहां भी छापों में करोड़ों की संपत्ति और कैश मिला था। इसमें भी अभी प्रॉपर्टी के सभी दस्तावेजों का परीक्षण नहीं हो पाया है। इस पूरे मामले में एक पूर्व मुख्य सचिव की संलिप्तता के चलते आयकर विभाग जांच की रिपोर्ट सार्वजनिक करने से भी बच रहा है और इसकी जांच इसी के चलते धीमी चल रही है।  सागर जिले में चार माह पहले पूर्व एमएलए हरवंश सिंह राठौर और पूर्व पार्षद राजेश केशरवानी से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे थे। दोनों जगह करोड़ों की संपत्ति, गोल्ड, कैश और कई लग्जरी वाहन मिले थे। इस केस में भी अब तक सभी दस्तावेजों का परीक्षण और आगे की कार्रवाई अटकी हुई है।  आयकर अफसरों ने इंदौर और खरगोन में फर्जी बिलिंग करने के मामले में एक मीडिया समूह के परिजनों और कपास कारोबारी के यहां छापेमारी कर 400 करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी पकड़ी है। प्रदेश में प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर इनकम टैक्स के पद पर पदस्थ रहे पुरुषोत्तम त्रिपुरी मार्च में रिटायर हुए हैं। उनके स्थान पर नव नियुक्त प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (पीसीसीआईटी) नव रतन सोनी ने पिछले माह ज्वाइन किया है। इसके बाद उन्होंने 27 अफसरों की नए सिरे से पोस्टिंग की है।
नए अफसर समझेंगे पूरी कार्रवाई
आयकर विभाग अफसरों के तबादले पहले केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने किए। इसके बाद नए प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर ने एमपी -छत्तीसगढ़ में नए सिरे से अफसरों की जमावट कर पदस्थापना के आदेश जारी किए हैं। इन अधिकारियों को 9 मई तक ज्वाइन करने के लिए कहा गया है। ज्वाइन करने के बाद ये अधिकारी नए सिरे से छापेमारी की प्लानिंग करने के साथ पुराने मामलों की स्टडी करेंगे और इसके बाद आयकर विभाग की कार्यवाही में तेजी आएगी। विभाग के एक सीनियर अफसर के अनुसार 25 मई के बाद ही तबादलों के कारण उलझी जांच और अन्य कार्यवाही में तेजी आ सकेगी।

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