वीडी के नेतृत्व में भाजपा के ओबीसी नेता सरकार का करेंगे गुणगान

शिव सरकार

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश की शिव सरकार द्वारा पिछड़े वर्ग को 27 फीसद आरक्षण देने के मामले में भाजपा व कांग्रेस में जोर आजमाइश चल रही है। इस मामले में जहां कांग्रेस आभार रैली निकाल रही है तो वहीं भाजपा ने भी अपने ओबीसी वर्ग के नेताओं को मैदान में उतारने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके तहत भाजपा के सभी छोटे बड़े नेता सरकार का मैदानी स्तर पर गुणगान करते नजर आएंगे। इसके लिए भाजपा का पिछड़ा वर्ग मोर्चा विशेष अभियान चलाने वाला है। इस अभियान के दौरान इस वर्ग के लोगों को यह जानकारी दी जाएगी भाजपा की शिव सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग के हित में क्या क्या कदम उठाए हैं।
इस दौरान बताया जाएगा कि पिछड़ा वर्ग को 27 फीसद आरक्षण देने का काम भाजपा की शिवराज सरकार ने किया है। इस वर्ग के कल्याण के लिए अलग से आयोग भी गठित किया गया है। इस वर्ग को कांग्रेस ने हमेशा धोखा दिया है। इसके तहत पूरे प्रदेश में 18 सितम्बर को जिला स्तर पर आयोजन किए जाएंगे। इन आयोजनों में पिछड़ा वर्ग के हित में उठाए गए कदमों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार जताया जाएगा। इस आयोजन में 71 प्रबुद्धजनों का सम्मान करना भी तय किया गया है। इसके अलावा 24 सितंबर को सागर में मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होगी। यह निर्णय पिछड़ा वर्ग मोर्चा की प्रदेश स्तरीय बैठक में लिया गया। बैठक में मोर्चा अध्यक्ष भगत सिंह कुशवाह ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने देश व प्रदेश के हर वर्ग के उत्थान के लिए काम किया है। पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू की हैं।
प्रदेश महामंत्री और मोर्चा के प्रदेश प्रभारी रणवीर सिंह रावत ने कहा कि भाजपा को विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनाने में पिछड़ा वर्ग मोर्चा की प्रमुख भूमिका है। बैठक में मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कृष्णा गौर ने कहा कि कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग के लोगों को विकास के नाम पर सिर्फ धोखा दिया है। जब केंद्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार आई तो आरक्षण को गंभीरता से लेकर उससे जुड़ी नीतियों को सही तरीके से लागू करवाया। चिकित्सा शिक्षा में पिछड़े वर्ग को 27 फीसद आरक्षण दिया और केंद्रीय मंत्रिमंडल में पिछड़ा वर्ग के 27 मंत्रियों को शामिल किया। इससे साफ है कि पिछड़ा वर्ग का भाजपा से बड़ा कोई हितैषी नहीं है।
सरकार भी करेगी आक्रामक प्रचार
ओबीसी वर्ग को पार्टी से जोड़ने शिवराज सरकार ने भी योजनाओं के प्रचार की आक्रमक रणनीति बनाई है। प्रत्येक जन हितैषी योजना के तहत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अन्न उत्सव के आयोजन होंगे। मोदी के जन्मोत्सव के तहत भी जनता को ओबीसी हितैषी सरकार का संदेश दिया जाएगा। इसके साथ ही सभी मंत्रियों को भी ओबीसी मामले में अपने-अपने प्रभार के जिलों में प्रचार प्रसार करने की जिम्मेदारी अलग से दी गई है।
प्रदेश स्तर पर एक की जगह तीन होंगे सह संगठन मंत्री
प्रदेश मे हाल ही में संभाग से हटाए गए संगठन मंत्रियों के बाद अब एक और फेरबदल होने जा रहा है। इस फेरबदल के तहत अब एक की जगह संगठन में तीन सह संगठन मंत्रियों की तैनाती की जाएगी। इन सभी को संघ की दृष्टि से प्रदेश को तीन हिस्सों में बांटा जाएगा। इन सभी को एक -एक हिस्से का प्रभार दिया जाएगा। दरअसल संघ में मप्र को महाकौशल, मध्य भारत और मालावा अंचल के रूप में तीन प्रदेश में विभक्त कर काम किया जाता है। प्रदेश भाजपा संगठन भी संघ की ही तरह इन तीनों ही क्षेत्रों में अलग-अलग सह संगठन मंत्रियों की तैनाती करने जा रही है। इसे प्रदेश भाजपा का नया मॉडल बताया जा रहा है। इन तीन सह-संगठन महामंत्री के ऊपर एक संगठन महामंत्री होगा। फिलहाल संगठन महामंत्री की अभी सुहास भगत के पास जिम्मेदारी है। बताया जा रहा है कि संगठन में किए जाने वाले इस फेरबदल को लेकर आम सहमति बन चुकी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के भाजपा संगठन को पार्टी में देश का मॉडल बनाने के लिए प्रदेश भाजपा प्रभारी मुरलीधर राव और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिव प्रकाश द्वारा काम किया जा रहा है। इसी काम के तहत प्रदेश संगठन में कई तरह के नए प्रयोग किए जा रहें हैं। इसी प्रयोग के लिए हाल ही में सभी 6 संभागीय संगठन महामंत्रियों को हटाकर उन्हें कार्यसमिति सदस्य बनाया गया है। इन सभी छह संगठन मंत्रियों के कामकाज को अब प्रदेश को तीन हिस्सों में बांटकर मुख्यालय स्तर पर ही तीन सह-संगठन महामंत्रियों को दिया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश संगठन में सिर्फ एक सह-संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा हैं। बताया जा रहा है कि यह बदलाव के कदम संघ की गाइडलाइन के हिसाब से उठाए जा  रहे हैं। माना जा रहा है कि बदलाव के तहत जल्द ही हितानंद शर्मा को प्रदेश संगठन महामंत्री बनाया जा सकता है। इसकी वजह है मौजूदा संगठन महामंत्री सुहाष भगत का इस पद पर रहते हुए चार साल हो जाना। यदि ऐसा होता है, तो नए तीन सह-संगठन महामंत्री नियुक्त किए जाएंगे और यदि किसी अन्य को संगठन महामंत्री बनाया जाता है, तो हितानंद के अलावा दो नए सह-संगठन महामंत्री बनाए जाएंगे।

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