मप्र भाजपा संगठन व सत्ता के लिए… बड़ा दिन आज

मप्र भाजपा संगठन
  • कई अहम फैसले संभावित

भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। दिल्ली के केन्द्रगीय कार्यालय में हो रही मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी की कोर ग्रुप की बैठक में बड़े राजनीतिक फैसलों की संभावना के चलते आज यानि गुरवार के दिन को बेहद अहम माना जा रहा है। यही वजह है कि इस बैठक पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। खास बात यह है कि इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी शामिल हो रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक में सत्ता व संगठन में समन्वय के अलावा प्रदेश मंत्रिमंडल सहित कई अन्य तरह के निर्णय लिए जा सकते हैं। इस कोर गुप की बैठक में भाग लेने के लिए प्रदेश के आधा दर्जन बड़े नेता दिल्ली पहुंच गए हैं।
इनमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान , प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद के अलावा  राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा भी शामिल हैं। यह बात अलग है कि इस बैठक में चर्चा के लिए पहले से चार ङ्क्षबंदु तय किए गए हैं, लेकिन इस दौरान प्रदेश मंत्रिमंडल के पुर्नगठन, निगम मंडलों में रिक्त पदों को भरने और पार्टी कार्यकर्ताओं को सत्ता में भागीदारी देने के अलावा मिशन 2023 के रोडमैप पर चर्चा होना तय माना जा रहा है। खास बात यह है कि यह पहला मौका है जब मप्र भाजपा के कोर ग्रुप की बैठक पहली बार केंद्रीय नेतृत्व की मौजूदगी में होने जा रही है। इस बैठक में भाग लेने के लिए  विजयवर्गीय और बीते रोज ही दिल्ली पहुंच गए थे। वहां मिश्रा ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात भी की।
मंत्रिमंडल पुर्नगठन पर लग सकती है मुहर : बताया जा रहा है कि शिवराज कैबिनेट के विस्तार पर भी चर्चा कर निर्णय लिया जा सकता है। शिव कैबिनेट में फिलहाल चार पद रिक्त चल रहे हैं। संभावना है कि कैबिनेट में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के बारे में भी कोर ग्रुप कोई सिफारिश कर सकता है। वर्तमान में चार-चार अजजा और अजा वर्ग के मंत्री हैं। लगभग सवा दो साल से मंत्रिमंडल विस्तार न होने से दावेदार विधायक भी नाराज हैं। अगले 18 महीने के रोडमैप बनाने पर भी विचार किया जाएगा। वहीं, निगम व मंडल में खाली पदों को भी जल्द भरने पर विचार किया जा सकता है। वर्ष 2018 के चुनाव में किन कारणों से पार्टी हारी थी, उन मसलों पर अब तक क्या सुधार किया गया, इस पर भी चर्चा हो सकती है।
सत्ता व संगठन में बदल सकते हैं चेहरों के साथ दायित्व भी
दिल्ली में चल रही कोर ग्रुप की बैठक में शिवराज मंत्रिमंडल में चार नए चेहरों को शपथ दिलाने के साथ ही कुछ मंत्रियों के प्रभार बदले जाने की भी पूरी संभावना है। जिन मंत्रियों का प्रभार बदलना तय माना जा रहा है उनमें वे मंत्री शामिल हैं, जो अब तक सत्ता व संगठन की मंशा पर खरा नहीं उतर पा रहे हैं। संभावित तीसरे कैबिनेट के विस्तार में जिन नामों को शामिल किए जाने की चर्चा हैं उनमें कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाली सुलोचना राव, पूर्व मंत्री रामपाल सिंह, राजेन्द्र शुक्ला और संजय पाठक शामिल हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि बेहद खराब द्रदर्शन् करने वाले एक दो मंत्रियों को बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। यह बात अलग है कि इनके अलावा भी कई अन्य दावेदारों के नाम भी चर्चा में हैं। इनमें केदार  शुक्ला, रमेश मंदेला, गौरीशंकर बिसेन, नागेंद्र सिंह, यशपाल सिंह सिसोदिया के अलावा करण सिंह वर्मा, महेंद्र हार्डिया, सीतासरन शर्मा के नाम शामिल हैं।  इसी तरह से करीब आधा दर्जन मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल होना भी तय माना जा रहा है। इन मंत्रियों का कामकाज अपने विभागों को लेकर सत्ता व संगठन दोनों की ही रिपोर्ट में खराब पाया गया है। मंत्रिमंडल पुर्नगठन की संभावनाओं को देखते हुए श्रीमंत खेमा भी सक्रिय हो गया है।
चुनावी तैयारियों पर होगा फोकस
पार्टी सूत्रों का कहना है कि कोर ग्रुप की बैठक मूल रूप से मिशन 2023 की चुनावी तैयारियों पर ही केंद्रित रहेगी। इसमें नगरीय निकाय, सहकारिता और पंचायत चुनाव पर भी चर्चा होने की संभावना है। कुछ नेता प्रदेश में अफसरशाही के हावी होने का मुद्दा भी उठा सकते हैं। इसके अलावा संगठन ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय दीनदयाल परिसर को तोडकर नई बिल्डिंग बनाने के लिए किसी नामी कंपनी से डिजाइन तैयार करवाई है। इसका भी बैठक में प्रस्तुतीकरण किया जा सकता है। कुछ लोगों का मत है कि नई भूमि पर नया भवन बनाया जाए। वहीं, कुछ नेता चाहते हैं कि शहर के बीच स्थित होने के कारण इसी जगह पुनर्निर्माण किया जाए। पार्टी ऐसा भवन निर्माण करना चाहती है, जिस पर हेलीपैड भी बनाया जा सके और उसमें पदाधिकारियों से लेकर कार्यकतार्ओं तक के रुकने की भी व्यवस्था की जा सके।
प्रेजेंटेशन की तैयारी
पार्टी सूत्रों के मुताबिक सत्ता-संगठन से राष्ट्रीय नेतृत्व ने किसी तरह की कोई जानकारी नहीं बुलाई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष और महामंत्री अपने निर्धारित एजेंडे के मुताबिक प्रदेश के सत्ता-संगठन के नेताओं से बातचीत कर सवाल-जवाब कर सकते हैं। पार्टी संगठन ने अपनी ओर से एक प्रजेंटेशन तैयार किया है, जिसमें कोरोनाकाल से अब तक के बदलाव, कार्यक्रम, पीढ़ी परिवर्तन के प्रयास आदि की जानकारी दी गई है। इधर, सरकार ने भी अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए किए गए नवाचार और कार्यक्रमों पर फोकस करते हुए अपना प्रजेंटेशन तैयार किया है।

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