- धर्मेंद्र सूर्या
जिस कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन (सीपीए) यानी राष्ट्रमंडल संसदीय संघ का डंका अराउंड द वर्ल्ड में है उसी सीपीए में चंबा राजघराने की बहू आशा कुमारी इंडिया(फोर्थ जोन से) का देश दुनिया में प्रतिनिधित्व करेंगी। सुशासन, लोकतंत्र और मानव आधिकारों के संरक्षण को समर्पित जिस सीपीए की संरक्षक और राष्ट्र मंडल प्रमुख महारानी एलिजाबेथ द्वितीय हों उस संगठन की कितनी गरिमा है, ना मालूम अधिकतर राजनीतिज्ञों को इसकी समझ भी होगी लेकिन, सीपीए के गरिमामय इतिहास की गंभीरता को समझने वाला पढ़ा लिखा समाज आशा कुमारी की इस ताजपोशी से बेहद खुश है। क्योंकि सीपीए में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए हिमाचल प्रदेश के डलहौजी विधानसभा क्षेत्र की विधायक आशा कुमारी को कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन आॅफ इंडिया (राष्ट्रमंडल संसदीय संघ यानी सीपीए ) का कॉमनवेल्थ वुमेन पार्लिमेंट्रीयन मेंबर (सीडब्ल्यूपी) मनोनीत किया है। उन्हें कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन आॅफ इंडिया की ओर से बनाए गए जोन फोर से जिम्मेदारी दी गई है। कॉमनवेल्थ वूमेन पार्लिमेंट्रीयन मेंबर के तौर पर आशा कुमारी की तीन साल के लिए नियुक्ति की गई है। बाकायदा इसकी अधिसूचना भी कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन आॅफ इंडिया की ओर से जारी की गई है। ऐसा पहली बार हुआ है जब हिमाचल प्रदेश से किसी महिला विधायक को कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन आॅफ इंडिया की ओर कॉमनवेल्थ वूमेन पार्लिमेंट्रीयन मेंबर मनोनीत किया गया है। वैसे जिन्हें नामूलम है, उन्हें बता दूं सीपीए की दुनिया भर में लगभग 180 शाखाएं हैं और यह नौ क्षेत्रों में विभाजित है और इसका मुख्यालय लंदन में है। सीपीए कॉमनवेल्थ वुमेन पार्लियामेंट्रीज (सीडब्ल्यूपी) का संचालन करता है, जो कॉमनवेल्थ का एक नेटवर्क है, जो संसद में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने की वकालत करता है। सीपीए स्मॉल ब्रांचेज नेटवर्क, 500,000 से कम आबादी वाले संसदों और विधानसभाओं का भी प्रतिनिधित्व करता है। सीपीए कॉमनवेल्थ यूथ पार्लियामेंट, राष्ट्रमंडल संसद द्वारा आयोजित युवा लोगों की एक वार्षिक सभा के तौर पर अराउंड द वर्ल्ड यानी देश दुनिया में विख्यात है। इसलिए आशा कुमारी का सीपीए में कॉमनवेल्थ वूमेन पार्लिमेंट्रीयन मेंबर (सीडब्ल्यूपी) के तौर पर मनोनयन न केवल चंबा जनपद बल्कि हिमाचल प्रदेश की जनता के लिए में भी किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं । बहरहाल, कोविड-19 के दौर में राजनीति से परे उठकर इस उपलब्धि को सेलिब्रेट करने का यह वक्त है।