भोपाल/प्रणव बजाज/बिच्छू डॉट कॉम। नए साल के पहले ही हफ्ते में भाजपा आलाकमान जेपी नड्डा द्वारा भाजपा मुख्यालय नई दिल्ली में अपनी पार्टी की राज्यों में मौजूदा सरकारों के कामकाज की कैफियत ली जाएगी। इसके लिए हर राज्य से एक मंत्री और एक आला अफसर को पूरी जानकारी के साथ दिल्ली बुलाया गया है। मप्र की शिव सरकार की ओर से यह जिम्मेदारी नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह को दी गई है। उनके साथ प्रमुख सचिन सीएम सचिवालय मनीष रस्तोगी भी दिल्ली भेजे जा रहे हैं। जिन मामलों में कैफियत ली जानी है उसके लिए भाजपा मुख्यालय ने भाजपा शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर लगभग 40 बिन्दु भेजे हैं। इन बिन्दुओं के तहत जो जानकारी मांगी गई है वह भी भेजे गए हैं। इन 40 बिन्दुओं को डेढ़ दर्जन पेज पर विस्तारित किए जाने से यह तय माना जा रहा है कि राज्यों के कामकाज की समीक्षा बेहद बारीकी से की जाएगी।
जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से भेजे जा रहे मंत्री भूपेन्द्र सिंह बैठक में सभी बिंदुओं पर प्रजेंटेशन देंगे। इसके अलावा उन्हें यह भी बताना होगा कि प्रदेश सरकार की भविष्य की क्या योजनाएं हैं और प्रधानमंत्री द्वारा बनारस में भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों व उप मुख्यमंत्रियों की दो दिवसीय बैठक में दिए गए निर्देशों पर अब तक कितना काम किया गया है। इस दौरान प्रदेशों में किए गए नवाचारों की जानकारी भी तलब की गई है। शायद यह पहला मौका है जब भाजपा के केंद्रीय मुख्यालय द्वारा भाजपा शासित राज्यों के कामकाज की सीधी समीक्षा की जा रही है।
परंपरा अनुसार अब तक सीएम से ही सरकार के कामकाज की जानकारी ली जाती रही है। कहा तो यह भी जा रहा है कि इसके बाद अब हर तीन माह में इस तरह की समीक्षा की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य हर राज्य से उन महत्वाकांक्षी योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करना है, जिन्हें जनता द्वारा सर्वाधिक पसंद किया जा रहा है। इससे पार्टी शासित उन राज्यों में भी लागू करने के प्रयास किए जा सकेंगे, जिनमें इस तरह की योजनाएं नहीं चल रही हैं। योजनाओं को देखने दूसरे राज्यों में मंत्री व अधिकारी जाएंगे। मंत्रियों को उनके राज्यों की सबसे अच्छी योजना के बारे में भी जानकारी देना होगा।
इन बिंदुओं पर की जाएगी समीक्षा
जून 2022 के बाद राज्यों की आर्थिक सेहत सुधारने के लिए क्या प्रमुख कदम उठाए जाएंगे। इसकी वजह है इसके बाद केन्द्र से मिलने वाला जीएसटी का हिस्सा बंद हो जाएगा, जिससे कई राज्यों की आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है। इसका असर विकास कार्यों तथा शासन की जनहितैषी योजनाओं पर पड़ेगा। इसी कारण कुछ राज्यों ने कोरोना के कारण केन्द्र से मिलने वाली जीएसटी की राशि दिसम्बर 2022 तक बढ़ाने का अनुरोध किया है। इसका निर्णय जीएसटी काउंसिल की होने वाली बैठक में लिया जाएगा। कोरोना के बाद स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में किए गए विस्तार और आगे की योजनाओं की जानकारी मांगी जाएगी। गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की सुधार के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। नगरीय विकास व ग्रामीण विकास की दिशा में किए गए महत्वपूर्ण कार्य। गांवों से शहरों की तरफ हो रहे पलायन को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी। महिलाओं और बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाने और उन पर होने वाले अत्याचारों की रोकथाम हेतु क्या कदम उठाए गए हैं। अधोसंरचना विकास की दिशा में कितना कार्य हुआ है और हर वर्ष के बजट में इसके लिए कितनी वृद्धि की जा रही है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में क्या कार्य किए गए हैं और आगामी वर्षों के लिए क्या योजना है? क्या योजना में बैंकों का सहयोग मिल रहा है। गांवों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए क्या नवाचार किए जा रहे हैं। कृषि तथा इससे संबंधित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं। क्या इनसे रोजगार के अवसर बढ़े हैं, जैविक व प्राकृतिक खेती की दिशा में क्या नवाचार किए जा रहे हैं? तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास की दिशा में किए गए कार्य और आगामी योजना की जानकारी।
इस तरह का भी किया जाएगा प्रयोग
प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को मुख्यमंत्री पत्र लिखेंगे। इसके बाद लाभार्थी प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे, जिसमें मकानों की स्थिति का भी उल्लेख होगा। इससे प्रधानमंत्री आवासों की बेहतर तरीके से समीक्षा हो सकेगी। इसकी वजह से अधिकारी व कर्मचारी गलत जानकारी भी नहीं दे पाएंगे।
30/12/2021
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