सबसे ज्यादा कर्जदार है भोपाल नगर निगम

भोपाल नगर निगम
  • बैंकों का 60 करोड़ का कर्जा बकाया

भोपाल/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में 16 नगर पालिक निगमों पर 3 अरब 20 करोड़ रुपए का कर्जा बकाया है। इनमें से भोपाल नगर निगम पर सबसे ज्यादा 60 करोड़ का कर्जा है। जबकि इंदौर पर 25 करोड़ 60 का कर्जा है। यह कर्जा इंडियन बैंक और केनरा बैंक ने मप्र सरकार के वित्त विभाग की गारंटी पर दिया है। यह जानकारी सरकार ने विधानसभा में दी है। विधानसभा में मंत्री भूपेन्द्र सिंह द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सतना, सिंगरौली और उज्जैन नगर पालिका पर बैंको का कोई कर्जा नहीं है। हालांकि हुडको का भी नगर निगमों पर 115 करोड़ रुपए का कर्जा है। जिसमें से सबसे ज्यादा भोपाल पर 26 करोड़ 45 लाख और इंदौर पर 26 करोड़ 87 लाख रुपए का कर्जा है।
कर्ज लेकर काम चला रहे नगर निगम
खास बात यह है कि राज्य सरकार के साथ ही प्रदेश के नगर निगम भी कर्ज लेकर काम चला रहे हैं। प्रदेश के 16 में से 13 नगर निगमों पर 320 करोड़ 18 लाख 30 हजार 964 करोड़ रुपए का कर्ज है। भोपाल नगर निगम पर 60 करोड़ 1 लाख 40 हजार 479 रुपए का कर्ज है, जबकि इंदौर नगर निगम पर 25 करोड़ 75 लाख रुपए का कर्ज है। कर्ज के मामले में भोपाल के अलावा छिंदवाड़ा, ग्वालियर, जबलपुर, रतलाम और मुरैना नगर निगम इंदौर से ऊपर हैं।  बताया गया कि नगर निगमों ने यह कर्ज मप्र अर्बन डवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (एमपीयूडीसीएल) के माध्यम से बैंकों से लिया है। कर्ज लेने के मामले में छिंदवाड़ा नगर निगम भोपाल के बाद दूसरे स्थान पर है। छिंदवाड़ा ननि पर 51 करोड़ 34 लाख रुपए का कर्ज है। ग्वालियर नगर निगम पर 37.59 करोड़ और जबलपुर नगर निगम पर 30.40 करोड़ के कर्ज के बोझ तले दबे हैं। तीन नगर निगमों-सतना, सिंगरौली और उज्जैन की कर्ज की स्थिति की जानकारी सदन को नहीं दी गई है।
हडको से 311 करोड़ का लोन
विधानसभा को दी गई जानकारी के अनुसार सीएम इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम में हाउसिंग एंड अर्बन डवलपमेंट कॉर्पोरेशन (हडको) से 311 करोड़ रुपए का लोन लिया गया। यह लोन मप्र शासन की गारंटी पर लिया गया है। इस योजना में भोपाल नगर निगम ने 68 करोड़ रुपए का लोन लिया है। प्रदेश के बड़े नगर निगमों की बात करें, तो सीएम इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम में इंदौर नगर निगम ने 73 करोड़, ग्वालियर ननि ने 36.13 करोड़ और जबलपुर नगर निगम ने 19.47 करोड़ का लोन हुडको से लिया है। नगर निगमों को इस लोन का भुगतान 15 साल की अवधि में करना है।
कर्ज के कारण बढ़ी समस्याएं
कर्ज में डूबे भोपाल नगर निगम की आर्थिक हालात खराब है। इस कारण राजधानी में नगर निगम शहर की सडक़ों का ठीक तरह से मेंटेनेंस नहीं कर पा रहा है। सीवर लाइन की समस्या भी बनी हुई है। गौरतलब है कि भोपाल नगर निगम बिजली बिल नहीं भर पा रहा है, जिसके चलते हाल ही में भोपाल के एक बड़े हिस्से को अंधेरे में रहना पड़ा था। शहर की सडक़ों पर चलना मुश्किल है क्योंकि मेंटेनेंस ठीक से नहीं हो पा रहा है। ना ही नई सडक़ों का निर्माण हो रहा है। भोपाल नगर निगम पर आरोप है कि उसने अभी तक ठेकेदारों का पेमेंट नहीं किया है।
किस ननि पर कितना कर्ज
नगर निगम कर्ज की राशि
भोपाल 60.01
छिंदवाड़ा 51.34
ग्वालियर 37.59
जबलपुर 30.40
रतलाम 27.41
मुरैना 27.11
इंदौर 27.85
सागर 16.0
रीवा 10.40
देवास 10.22
कटनी 8.0
खंडवा 8.0
बुरहानपुर 7.82
(कर्ज की राशि करोड़ रुपए में)

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