मुख्यमंत्री की मंशा पर बाबुओं और कंप्यूटर ऑपरेटरों ने फेरा पानी

मुख्यमंत्री

– 75 फीसदी छात्रों के खातों में नहीं पहुंची लैपटॉप की राशि

भोपाल/विनोद उपाध्याय /बिच्छू डॉट कॉम। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा पर अफसर और कर्मचारी किस तरह पानी फेर रहे हैं इसका ताजा मामला लैपटॉप वितरण स्कीम में सामने आया है। मुख्यमंत्री ने तो छात्रों को लैपटॉप के लिए 559 करोड़ रुपए आवंटित कर दिए हैं, लेकिन छात्रों तक अभी केवल 139.75 करोड़ रुपए ही पहुंचे हैं। यानी 75 फीसदी छात्रों के खातों में लैपटॉप की राशि नहीं पहुंची है।  गौरतलब है कि मप्र सरकार नयी तकनीक अपनाने के मामले में सबसे आगे है। लेकिन लगभग सभी विभागों में कार्यरत कर्मचारी तकनीक अपनाने के मामले में फिसड्डी है। वे महंगे कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल तक नहीं जानते। हाल ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगल क्लिक के जरिए स्कूलों में 228 करोड़ की लैपटॉप वितरण स्कीम की शुरूआत की। छात्रों के खाते में वादे के अनुसार राशि ट्रांसफर की गयी, लेकिन सरकार की इस हाईटेक और पारदर्शी योजना पर सरकारी स्कूलों में बैठे कुछ पुराने बाबूओं और कंप्यूटर आॅपरेटरों ने पानी फेर दिया।
25 प्रतिशत बच्चों के खाते में ही पहुंची राशि
जानकारी के अनुसार अभी तक 25 प्रतिशत बच्चों के खाते में ही लैपटॉप की राशि पहुंची है। कमोबेश यही हाल 331 करोड़ की छात्रवृत्ति स्कीम का भी है। इन दोनों योजनाओं की 75 फीसदी यानी 419.25 करोड़ अभी सरकार के खाते में पड़ी है। दरअसल, लाल परेड ग्राउंड में लैपटॉप के लिए राशि वितरण योजना के तहत सिंगल  क्लिक के माध्यम से 91 हजार 493 विद्यार्थियों के खाते में 228 करोड़ से अधिक राशि ट्रांसफर की गई थी, लेकिन भोपाल जिले के 25 फीसदी विद्यार्थियों के खाते में अब भी यह राशि नहीं पहुंची। इसकी बड़ी वजह है स्कूल, डीईओ दफ्तर और संकुल केंद्रों में बैठने वाले कई ऐसे बाबू जिन्होंने कई छात्र-छात्राओं के खाता नंबर पोर्टल में गलत दर्ज कर दिया। स्थिति ये है कि वे कई बैंकों के आईएफएस कोड तक सही दर्ज नहीं किए गए। इस कारण कई छात्रों के खाते में राशि नहीं पहुंची। इस कारण बड़ी संख्या में विद्यार्थी जिला शिक्षा कार्यालय और स्कूल के चक्कर काट रहे हैं।
कर्मचारी प्रशिक्षित नहीं
अधिकारियों के मुताबिक स्टूडेंट्स के खाते में राशि न पहुंचने का बहुत बड़ा कारण कर्मचारियों का प्रशिक्षित न होना है। खाता नंबर गलत लिख देने, कंप्यूटर को ठीक से नहीं चला पाने के कारण विद्यार्थियों के बैंक में खाते में राशि नहीं पहुंच पायी। कई खाता नंबर तो ऐसे हैं, जिसमें नाम विद्यार्थी का लिखा है ,लेकिन खाता किसी और नाम का है। लैपटॉप योजना की यह राशि भोपाल जिले के 25 फीसदी विद्यार्थियों के ही खाते में  पहुंच पाई है। कुछ ऐसी ही स्थिति विद्यार्थियों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की भी है। सीएम ने 25 मार्च को सिंगल क्लिक के माध्यम से 2.40 लाख छात्र छात्राओं को पिछड़ा वर्ग पोस्ट मैट्रिक की 331 करोड़ की राशि सीधे खातों में आंतरित की थी, लेकिन अब भी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं को ये राशि नहीं मिली है। जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल नितिन सक्सेना का कहना है कि यदि छात्र-छात्राओं के खाते में राशि नहीं पहुंची है, तो इसकी जांच करवायी जाएगी। जल्द से जल्द खाते में राशि पहुंचे इसकी व्यवस्था की जाएगी।

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