अटेन्शन! बस छह माह का मौका

विधानसभा आम चुनाव

– चुनाव से पहले एक बार फिर विधायकों को बताई जाएगी हकीकत

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में विधानसभा आम चुनाव में अब महज 10 माह का समय ही रह गया है, ऐसे में प्रदेश में पुन: सत्ता में वापसी की तैयारी की कवायद में भाजपा संगठन और उसकी सरकार के मुखिया लग गए हैं। इसके लिए हर विधानसभा सीट का पूरा मिजाज जानकर पार्टी विधायकों को उनकी वास्तविक स्थिति से अवगत कराया जा रहा है… जिन विधायकों की पकड़ अब ढीली पड़ चुकी हैं, उन्हें अब छह माह का समय दिया गया है। इसके बाद भी उनकी पकड़ अगर मजबूत नहीं हुई तो फिर उनका टिकट कटना तय है। इस नसीहत देने से पहले ही सत्ता व संगठन अलग-अलग स्तर पर सर्वे और अन्य माध्यमों से पूरी मैदानी हकीकत की पड़ताल कर चुका है। बीते रोज विधानसभा का शीतकालीन सत्र के समाप्त होते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस मामले में एकदम से सक्रिय हो गए। सदन की कार्रवाई स्थगित होते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल विधायक दल की बैठक बुलाई और उसके चंद घंटे बाद ही विधायकों के साथ वन-टू-वन शुरू कर दिया।
यह आज भी दूसरे दिन जारी है। बीते रोज जबलपुर, नर्मदापुरम और भोपाल संभाग के विधायकों से वन-टू-वन में सीएम ने पार्टी विधायकों को उनके क्षेत्र की न केवल हकीकत बताई, बल्कि कमजोर कड़ियों को सुधारने के लिए सुझाव भी दिए। इस दौरान हर विधायक के लिए मुख्यमंत्री ने कम से कम 10 मिनट तक बात की। अब दूसरे दिन मालवा-निमाड़ (उज्जैन और इंदौर संभाग) और सागर संभाग के विधायकों को उनके क्षेत्र की हकीकत से रुबरु कराया जा रहा है। गौरतलब है कि इसके पहले भी मुख्यमंत्री द्वारा इसी तरह की कवायद  की जा चुकी है। यह बात अलग है कि इसके बाद भी विधायकों द्वारा अपनी कार्यशैली में बदलाव नहीं किया गया है, जिसकी वजह से पहले कराए गए सर्वे और उसके छह माह बाद के सर्वे में मैदानी हकीकत में कुछ खास बदलाव नजर नहीं आया है। उल्लेखनीय है कि बीते विधानसभा चुनाव में पार्टी महज कुछ सीटों पर मिली हार की वजह से सत्ता से बाहर होने पर मजबूर हो गई थी। यही वजह है कि इस बार सीएम कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं , जिससे की बीते चुनाव जैसी स्थिति बने।
इस तरह की दी गई जानकारी
वन टू वन के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा विधायकों को जो बताया गया है, उसमें सीट का कौन सा एरिया नुकसान दे सकता है, कौन सा समाज खिलाफ है, ओबीसी, ठाकुर, ब्राह्मण या आदिवासी को कहां- कहां जोड़ना है। किस जगह कौन सा निर्माण कार्य वोटों का लाभ देगा। इसी तरह से विधायकों से कहा गया है कि वे स्थानीय सांसद व उनके लोगों के साथ समन्वय बनाए और उनसे नाराज चल रहे कार्यकतार्ओं को भी साधने की कवायद करें। यही नहीं संगठन के लोगों को भी महत्व देने की नसीहत दी गई। इसके अलावा  किस सीट पर कांग्रेस की गुटबाजी का लाभ पार्टी को मिलेगा इसकी भी जानकारी दी गई।  
मंत्रियों की बैठक आज शाम
प्रदेश भाजपा कार्यालय में आज शाम एक बड़ी बैठक बुलाई गई है। जिसमें प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों को बुलाया गया है। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी मौजूद रहेंगे। प्रदेश में होने वाली विकास यात्रा को लेकर भी संगठन की इस बैठक में रणनीति बनेगी।  
आधा सैकड़ा विधायकों पर हार का खतरा
दरअसल हाल ही में तीन सर्वे कराए गए हैं। यह सर्वे सत्ता , संगठन और संघ ने अपने-अपने स्तर पर कराए हैं। इन सर्वे में पार्टी के करीब आधा सैकड़ा विधायको ंपर हार का खतरा बताया गया है। इन्ही सर्वे की रिपोर्ट विधायकों के सामने रखी जा रही है। अब उनसे साफ कहा जा रहा है कि अगर छह माह में उनकी सक्रियता का प्रभाव नहीं दिखा तो फिर पार्टी उन्हें टिकट नहीं देगी। इस दौरान विधायकों को खासतौर पर उन गांवों और कस्बों पर ध्यान देने को कहा जा रहा है जिनके पार्टी के खिलाफ जाने की संभावना बनी हुई है। सीएम ने विधायकों को यह भी स्पष्ट कर दिया कि कुछ माह बाद फिर बात होगी। यानि की यह तो तय है कि चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर इसी तरह की कवायद की जाएगी और विधायकों को उनकी इलाके में पकड़ की हकीकत बताई जाएगी। माना जा रहा है कि इसके बाद मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों से भी इसी तरह से सर्वे पर जल्द बात कर सकते हैं। बीते रोज जबलपुर, बालाघाट, नरसिंहपुर, बैतूल, होशंगाबाद, रायसेन, विदिशा और सीहोर जिले के विधायकों से बात की जा चुकी है।

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