छह हजार में चलाना होगा कृषि भंडारण व विपणन का काम

 कृषि भंडारण

भोपाल/गौरव चौहान/बिच्छू डॉट कॉम। वैसे तो प्रदेश की शिव सरकार का पूरा फोकस किसानों व उनसे जुड़ी योजनाओं पर है , लेकिन विभाग के अफसरों की लापरवाही कहें या फिर सरकार की कृषि भंडारण व विपणन में अरुचि , जिसकी वजह से इस योजना के लिए महज छह हजार रुपए का ही बजट प्रावधान किया गया है।
हाल ही में पेश किए गए बजट में कृषि से संबंधित कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनमें इस बार महज कुछ हजारों की राशि का ही प्रावधान किया गया है। यही नहीं कुछ योजनाएं तो ऐसी हैं जिनके लिए बजट में राशि का इंतजाम ही नहीं किया गया है, जिसकी वजह से माना जा रहा है कि सरकार की मंशा शायद बजट में राशि का प्रावधान न करने वाली योजनाओं को बंद करने की है। इनमें गोबर गैस तथा बायो गैस संयंत्र की स्थापना से लेकर कृषि योजनाओं के प्रचार-प्रसार, भंडारण एवं विपणन और किसानों को दिए जाने प्रशिक्षण से संबधित योजनाएं शामिल हैं। यह हाल तब है जबकि प्रदेश में अलग से कृषि बजट का प्रावधान किया जाता है। प्रदेश में नए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 15 हजार 663 करोड़ रुपए का सरकार द्वारा विधानसभा में कृषि बजट अलग से पेश किया है, लेकिन कई योजनाओं में जीरो अथवा नाम मात्र राशि रखी गई है। कृषि विभाग द्वारा किसानों से जुड़ी करीब चार दर्जन योजनाओं का संचालन किया जाता है। अगले  साल के बजट में मांग आधारित कृषि के लिए 20 करोड़, जैविक खेती को प्रोत्साहन करने 30 करोड़, एक जिला एक उत्पाद को बढ़ावा देने 10 करोड़, कृषि अधोसंरचना निधि के लिए 5 करोड़, निर्यात प्रोत्साहन के लिए 11 करोड़ तथा कृषि क्षेत्र में अधोसंरचना विकास के लिए 15 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सबसे ज्यादा 3,200 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में रखे गए हैं। साथ ही मुख्यमंत्री कृषक फसल उर्पाजन सहायता योजना में 1,500 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
यह हैं हालात
कृषि विभाग प्रदेश में किसानों द्वारा उत्पादित उपज के भंडारण और विपणन की व्यवस्था के लिए मंडी बोर्ड तथा मार्कफेड के माध्यम से राशि खर्च की जाती है। इस मद में बीते साल के लिए 85.40 करोड़ का बजट रखा गया था, जिसमें कटौती करते हुए अगले साल के लिए बजट में मात्र 6 हजार रु. रखे हैं। इसी तरह से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में गोबर गैस तथा बायोगैस संयंत्र की स्थापना का कार्य एमपी एग्रो द्वारा किया जाता है। एमपी एग्रो किसानों से एक मुश्त राशि लेने के साथ ही संयंत्र लगाने वाले स्थान की खुदाई भी किसानों से करवाता था। इसकी एवज में सरकार किसानों को सब्सिडी की राशि उनके खातों में ट्रांसफर करती थी, लेकिन अब इस योजना में 3 हजार रुपए का ही प्रावधान किया गया है। अगर बीते साल की बात की जाए तो इस मद में 55 लाख 98 हजार का प्रावधान था।

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