आखिर दिग्विजय के निशाने पर वीडी और ब्रजेन्द्र ही क्यों

 वीडी और ब्रजेन्द्र

भोपाल/प्रणव बजाज /बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में हो रहे अवैध रेत खनन के मामले में आखिर कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय के निशाने पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष व सांसद वीडी शर्मा और शिव सरकार के खनिज मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह ही क्यों बने हुए है यह सवाल इन दिनों राजनितिक वीथिकाओं में जमकर गूंज रहा है। वे रेत खनन के मामले में लगातार इन दोनों ही विपक्षी नेताओं पर न केवल हमला कर रहे हैं बल्कि, उनके खिलाफ जांच की मांग को लेकर भी सक्रिय बने हुए हैं। अभी तक वे इन दोनों नेताओं की पन्ना जिले में होने वाली रेत खनन के मामले में घेराबंदी कर रहे थे, लेकिन अब उनके द्वारा ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह पर होशंगाबाद जिले के रेत व्यवसाय पर भी हमला किया गया है। उनका आरोप है कि होशंगाबाद जिले में 144 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है। इस मामले में दिग्विजय सिंह ने एक पत्र सीएम शिवराज सिंह चौहान को लिखकर पूरे मामले की शिकायत की है।
 इस पत्र में उनके द्वारा रेत घोटाले का आरोप लगाते हुए पुलिस में मामला दर्ज कराने के साथ ही उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की गई है। गौरतलब है कि खनिज विभाग ने 13 जनवरी, 2021 को होशंगाबाद जिले की 118 रेत खदानों का ठेका 261 करोड़ रुपये में छत्तीसगढ़ की आरके ट्रांसपोर्ट एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया था। इस ठेके के एवज में कंपनी को हर माह शासन के पास बतौर ठेके की किश्त के रूप में 24 करोड़ रुपये जमा कराने थे। ठेके मिलने के बाद से ही कंपनी द्वारा निर्धारित किश्त जमा कराने में कोई रुचि नहीं दिखाई गई।
इसके लिए कंपनी द्वारा कोरोना काल में कारोबार नहीं होने का बहाना बनाया जाता रहा। हद तो यह हो गई कि बीते चार माह में तो कंपनी द्वारा शासन के पास एक रुपया तक जमा नहीं कराया गया। जबकि इस अवधि में उसे बकाया के रूप में शासन के पास 144 करोड़ रुपये का भुगतान करना था। हद तो यह हो गई कि करोड़ों की राशि बकाया होने के बाद भी खनिज विभाग ने रेत कंपनी पर कोई कार्यवाही करने की जहमत तक नहीं उठाई, जबकि अनुबंध की शर्त के अनुसार किश्त की राशि जमा करने में एक माह का विलंब होने पर कंपनी से करार खत्म कर दिया जाना था और नये टेंडर जारी किये जाने थे। इस मामले में सरकार की कंपनी पर कार्रवाई के मामले में बरती गई उदारता की वजह से उसके द्वारा खदानों से करोड़ों रुपये की रेत निकालकर बेची जाती रही। सिंह द्वारा लिखे गए पत्र में आरोप लगाया गया है कि जिले से लेकर शासन स्तर तक कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। सरकार के खनिज मंत्री  ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह होशंगाबाद जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का भी होशंगाबाद जिले से नजदीकी रिश्ता है। दोनों पन्ना खनिज घोटाले की बहुचर्चित जोड़ी है। आश्चर्यजनक है कि शीर्ष राजनेताओं से लेकर जिम्मेदार अधिकारी तक खामोश रहे और कंपनी करोड़ों रुपये की रेत बेचती रही। जब 144 करोड़ रुपये की चपत राज्य शासन के खजाने को लग गई तो जनवरी 2022 में कंपनी से अनुबंध समाप्त करने की कार्रवाई खनिज निगम मुख्यालय भोपाल के स्तर से की गई और कलेक्टर होशंगाबाद को रेत खदानों का कब्जा वापस लेने के लिए पत्र लिखा गया। खनिज निगम के कार्यपालक संचालक द्वारा कलेक्टर को लिखे पत्र में ठेकेदार की रखी रेत का स्टॉक मिलाने के निर्देश दिये गए थे। इस बीच कंपनी को स्टॉक में रखी रेत बेचने के अधिकार दे दिये गए हैं। खनिज विभाग के रिकार्ड में कंपनी के पास 4 लाख 37 हजार क्यूबिक मीटर रेत स्टॉक बताया गया है। उनका कहना है कि रेत कारोबार से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि होशंगाबाद जिले में कंपनी के पास स्टॉक में रेत बची ही नहीं है।
कंपनी इकट्ठा की गई पूरी रेत बेच चुकी है। संग्रहण के नाम एकत्र 4 लाख 37 हजार क्यूविक मीटर रेत स्टॉक में बताई जा रही है जबकि कंपनी के पास कुछ हजार क्यूविक मीटर रेत भी नहीं है। इस बीच कंपनी द्वारा नदी से अवैध खनन कर प्रतिदिन रेत बेंची जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ की यह कंपनी करीब 13 लाख 80 हजार क्यूविक रेत में से साढे नौ लाख क्यूविक मीटर रेत पहले ही बेच चुकी है। स्टॉक के नाम पर कंपनी के पास कहीं भी रेत नहीं है। अवैध रुप से खनन किया बड़ी मात्रा में करोड़ों रुपये की रेत बेची जा रही है। उन्होंने इस पत्र में लिखा है कि आपको यह पता है कि पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील के दर्जनों गांवों से हजारों करोड़ रुपये की रेत अभी तक बेच दी गई है।
आपके खनिज मंत्री  ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह इलाके से विधायक हैं और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा सांसद हैं। होशंगाबाद जिले में भी नया रेत घोटाला सामने आया है। यहां भी प्रभारी मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह हैं। उधर इस मामले में खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि दिग्विजय सिंह के स्टेटमेंट फर्जी और झूठे हैं। कुछ भी बोलते रहते हैं। एक भी सबूत हो तो वह प्रमाण दें। इस तरह से किसी के बारे में अनावश्यक बातें करना उनका रूटीन का काम बन गया है। इस मामले में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह का तर्क है कि स्टॉक की जांच में डिफरेंस को लेकर नोटिस जारी किया गया है। कंपनी को हाईकोर्ट से मिले स्टे के तहत स्टॉक की रेत ईटीपी के जरिए बेचने की अनुमति मिली है। ठेके की खदानें निरस्त और बंद हैं।
स्टॉक के नाम पर ईटीपी जारी करने का आरोप
रेत ठेकेदार की तरफ से स्टॉक के नाम पर रेत खनन कर शासन को सैकड़ों करोड़ रुपये के राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही है। कंपनी नदी से रेत निकाल रही है और स्टॉक के नाम पर ईटीपी जारी कर रही है। धोखाधड़ी उच्च स्तरीय राजनैतिक संरक्षण के माध्यम से हो रही है। आप माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की बातें रोजाना करते हैं लेकिन असर कहीं नजर नहीं आता। मेरा आपसे अनुरोध है कि होशंगाबाद जिले के प्रभारी मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह को जिला प्रभारी मंत्री पद से हटाकर होशंगाबाद कमिश्नर के नेतृत्व में रेत स्टॉक का सत्यापन कराया जाये। मध्यप्रदेश शासन को डेढ़ सौ करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान करने वाली कंपनी के खिलाफ आपराधिक धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर खनिज नियमों के अनुरुप सख्त कार्रवाई की जाये।
कमिश्नर के माध्यम से रेत स्टॉक के सत्यापन की मांग
उन्होंने पत्र में कंपनी के पास बताई गई रेत के स्टॉक का सत्यापन संभाग के कमिश्नर के माध्यम से कराने की मांग करते हुए कहा है कि मैंने पूर्व में आपको पत्र लिखकर मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह को पन्ना के रेत खनिज घोटाले में सहभागी होने का आरोप लगाकर मंत्रीमंडल से बर्खास्त करने की मांग की थी। अब उनके प्रभार वाले जिले में एक और सैकड़ों करोड़ रुपये का रेत घोटाला सामने आ गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि होशंगाबाद का जिला प्रशासन प्रभारी मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह के दबाव में कंपनी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है। खनिज निगम के 5 अक्टूबर को लिखे पत्र पर भी कलेक्टर स्तर से स्टॉक संबंधी कार्रवाई नहीं की गई थी। जबकि अनुबंध की धारा 7 के तहत कार्रवाई जिला स्तर से की जानी थी।

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