एससी के 51 तो एसटी के 44 फीसदी छात्र हुए फेल

एससी-एसटी
  • आरक्षित वर्ग के छात्रों ने बिगाड़ा बोर्ड का परीक्षा परिणाम

भोपाल/रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। तमाम सरकारी प्रयासों के बाद भी मध्यप्रदेश शिक्षा मंडल दसवीं और बारहवीं के परीक्षा परिणामों में सुधार नहीं ला पा रहा है। बोर्ड की इसके लिए की जा रही कवायदों पर दरअसल आरक्षित वर्ग के छात्र -छात्रा भारी पड़ रहे हैं। अगर इस वर्ग का औसत निकाला जाए तो परीक्षा में शामिल होने वाले कुल बच्चों में सर्वाधिक फेल होने वाले बच्चों में इनका ही स्थान होता है। एमपी बोर्ड द्वारा बीते माह जारी किए गए परीक्षा परिणामें के विश्लेषण से पता चलता है की आरक्षित वर्ग की श्रेणी में आने वाले ओबीसी वर्ग के 10वीं में 39 प्रतिशत, तो  एससी के 51 और एसटी के 44 फीसदी विद्यार्थी फेल हुए हैं।
लगभग यही स्थिति 12वीं के परीक्षा परीणाम की है।  इसकी वजह से इस बार भी बोर्ड की इन दोनों ही परिक्षाओं का परिणाम बिगड़ा है। प्रदेश में आरक्षित वर्ग के छात्रों के यह यह हाल तब है, जबकि केंद्र और प्रदेश सरकार, इन्हें छात्रवृत्ति, कोचिंग और अन्य सुविधाएं देकर उन पर भरी भरकम राशि खर्च कर रही है। यही नहीं आरक्षित श्रेणी में आने वाले एससी, एसटी और ओबीसी के स्टूडेंट्स के लिए राज्य सरकार स्कॉलरशिप, आवास सहायता, छात्रावास और स्कूल में प्रवेश के अलावा केंद्र सरकार भी इन वर्गों के बच्चों के शैक्षणिक विकास पर हर साल अरबों रुपए खर्च करती है। हद तो यह है उन्हें सरकार द्वारा गणवेश, साइकिल, किताब, मध्याह्न भोजन और अन्य सामग्री भी नि:शुल्क देती है। इसके बाद भी शिक्षा के मामले में उनकी स्थिति उतनी संतोषप्रद नहीं है, जितनी कि सरकार इनके शैक्षणिक विकास पर खर्च कर रही है। गौरतलब है की बोर्ड की इन दोनों परीक्षाओं में 15.61 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे इनमें 10वीं में 9,31,860 बच्चे शामिल हुए, जिनमें से 2,87,642 फेल हो गए। इसी तरह 12वीं की परीक्षा में शामिल हुए 6, 29, 381 स्टूडेंट्स में से 87,429 फेल हो गए।
इस तरह रहे 10वीं के परिणाम
दसवीं की परीक्षा में एससी के 1.73 लाख में से 70 हजार, एसटी के 1.67 लाख में से 55 हजार और ओबीसी के 4.63 लाख में से  1.35 लाख छात्र फेल हो गए। इसी तरह से अगर 12वीं के परिणामों को देखें तो एसटी के 1 लाख 2 हजार में से 17 हजार और एससी के 93 हजार में से 16 हजार और ओबीसी के 3.33 लाख में से 42 हजार फेल हो गए।
इनका कहना है
ओबीसी, एससी, एसटी एकता मंच के अध्यक्ष लोकेन्द्र गुर्जर का कहना है की स्कूलों में पढ़ने  वाले एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के छात्रों में अधिकांश मजदूर या फिर किसानों के बच्चे हैं। ऐसे में उनके ऊपर पढ़ाई के अलावा कई काम के बोझ डाल दिए जाते हैं, इसके कारण वह परीक्षा में अच्छा परफार्मेंस नहीं दिखा पाते।

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