
- गैस एजेंसी और पेट्रोल पंपों के संचालन का दिया जाएगा जिम्मा
भोपाल/अपूर्व चतुर्वेदी/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में जल्द ही सहकारी क्षेत्र को और मजबूती प्रदान करने के लिए नए कदम उठाने की तैयारियां शुरु कर दी गई हैं। इसके तहत जहां हर बड़ी प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां अब गैस एजेंसी और पेट्रोल पंप भी संचालित करेंगी, वहीं यह समितियां सभी उपभोक्ता सामग्री ग्रामीणों को उपलब्ध कराने का भी काम करेंगी। यही वजह है कि अब सरकार प्रदेश में लगभग 10 हजार नई समितियां खोलने जा रही है। इन समितियों को उन ग्राम पंचायतों या कहें गंावोंंं में खोला जा रहा है, जिनकी आबादी अन्य गांवों की तुलना में अधिक है। इनको कहां पर शुरू किया जाएगा। इसका चयन कलेक्टर की अध्यक्षता में बनाई जाने वाली एक समिति द्वारा किया जाएगा।
इन समितियों द्वारा पूर्व से किया जा रहा खाद-बीज और फसल ऋण देने का काम यथावत जारी रहेगा। इसके साथ ही समितियों को तमाम तरह के कारोबार करने की भी छूट रहेगी। इसके लिए उन्हें कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए उन्हें प्रस्ताव और उसकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर अपेक्स बैंक को देनी होगी। इन समितियों को आर्थिक रुप से मजबूत बनाने के लिए इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। यही नहीं अलग-अलग तरह की व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने के लिए समितियों को ग्रामीण क्षेत्रों में 3 से लेकर 5 हेक्टेयर तक जमीन भी सरकार द्वारा प्रदाय की जाएगी। इसी तरह से इन समितियों द्वारा ग्रामीणों को बैकिंग सुविधा भी उपलब्ध करायी जाएगी। इसके लिए उन्हें अपने एजेंट नियुक्त करने का भी अधिकार दिया जाएगा। जो गांव-गांव जाकर बैंकिंग का भी काम करेंगे। इन एजेंटों के पास मिनी एटीएम होगा, जिसके माध्यम से वे बैंकों में पैसे जमा करने के साथ ग्रामीणों को नकदी का भुगतान भी कर सकेंगी। इसी तरह से एमपी ऑनलाइन के जरिए होने वाले काम भी समितियां कर सकेंगी। इसी तरह से इन समितियों का ऑफिस और भवन बनाने के लिए सरकार द्वारा मदद भी दी जाएगी।
हर पंचायत में होगी एक समिति
इस योजना को मूर्त रुप देने के लिए सरकार द्वारा सभी ग्राम पंचायतों में एक सहकारी समिति बनाने की तैयारी की जा रही है। पहले चरण में उन दस हजार पंचायतों में समितियां बनाई जा रही हैं, जहां तीन से पांच हजार की आबादी है और उन्हें व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने में किसी तरह की दिक्कत न हो। साथ ही ये वहां ग्रामीणों को खाद-बीज, सफल ऋण के अलावा उन्हें तेल, साबुन, कपड़ा सहित अन्य रोजमर्रा की चीजें भी उपलब्ध करा सकें। समितियां अपने यहां कर्मचारियों की नियुक्ति, अपने अनुसार वेतन दे सकेंगी, इन पर सरकार का कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं होगा ।
ड्रोन का संचालन भी कर सकेंगी समितियां
समितियों को खेती के उपयोग में आने वाले ड्रोन के संचालन का जिम्मा देने की भी तैयारी की जा रही है। इनके पास काफी संख्या में ड्रोन होंगे। ये किसानों को खेत में खाद, बीज और कीटनाशक दवाओं के छिड़काव के लिए किराए पर ड्रोन उपलब्ध कराएंगी। इसके जरिए ओला पाला सर्वे भी किया जा सकेगा। इसके साथ ये अनाजों की ग्रेडिंग मशीन और खाद्य प्रसंस्करण की भी यूनिटें लगाएंगी। जो समितियां शहरी क्षेत्र से लगी हुई हैं वे कोल्ड स्टोरेज बनाकर किसानों को उसे किराए पर देंगी।