20 बरस का राज, लव जिहाद का साम्राज्य

लव जिहाद
  • प्रदेश में दो दशक से भाजपा का राज, फिर भी कैसे फल-फूल रहा लव जिहाद

इंदौर/खुलासा फस्र्ट/बिच्छू डॉट कॉम। प्रदेश में तो 20 बरस से फूल का राज है। फिर कैसे लव जिहाद फलफूल गया? क्या ये मामला सिर्फ वोट कबाडऩे और भावनाएं भडक़ाने तक ही सीमित है? अगर ऐसा नहीं तो वैचारिक अनुष्ठान पर खड़ी भाजपा की अब तक की सरकारों ने इस मुद्दे पर क्या किया? चाहे पुरानी या अब की मोहन सरकार हो, लव जिहाद उसकी प्राथमिकता में रहा? अगर होता तो अब तक इस सामाजिक पाप का फन न सिर्फ कुचल दिया जाता, बल्कि ऐसा तंत्र खड़ा होता कि कोई भी शख्स इस तरह की घटना करने की हिम्मत-हिमाकत नहीं कर पाता… लेकिन ऐसा नहीं हुआ? इससे साफ होता है कि हिंदुत्व के नाम पर सत्ता में आने वाली सरकारों की सत्ता में आने के बाद प्राथमिकता बदल जाती है। अन्यथा क्या कारण है कि सरकार की आंख के सामने भोपाल और नाक के नीचे इंदौर में ऐसी वीभत्स घटनाएं सामने आती। भगवा गमछे व दुपट्टेधारी नेताओं की भरमार सिर्फ सत्ता व उससे मिलने वाले लाभ तक सीमित है। ये जितनी जल्दी हिंदू संगठन जान ले, बेहतर है। अन्यथा उनका एकाकी संघर्ष इन सत्तारूढ़ नेताओं व सरकारों के समक्ष दम तोड़ देगा। लव जिहाद की हर एक घटना के बाद सीधा सवाल भाजपा के राज व उनके नेताओं से होना चाहिए कि आखिर वे इस मुद्दे पर अब तक क्या कर रहे थे, क्या कर रहे हैं और आगे क्या करेंगे? हिंदुत्व के नारे और बातें क्या सिर्फ सरकार बनाने और सत्ता में आने के लिए ही हैं? बहुसंख्यक समाज की बेटियां यूं ही लुटती-पिटती व आबरू बचाती रहेंगी? राज्य में तो 20 बरस से भी ज्यादा समय से भाजपा का ही राज है न? फिर कैसे राज्य में लव जिहाद का साम्राज्य खड़ा हो गया? राज्य की राजनीतिक राजधानी भोपाल व आर्थिक राजधानी इंदौर ही नहीं, छोटे-छोटे  गांव-खेड़ों, कस्बों तक अब इस लव जिहाद की जड़े फैल गई। न सिर्फ फैली, बल्कि पनप भी रहीं और फलफूल भी रही हैं। ये सब कैसे, क्यों हो रहा है? जबकि शोर तो लव जिहाद पर खूब मचाया हुआ है। क्या ये शोर सिर्फ सत्ता में आने, कुर्सी पाने के लिए ही मचता है  या इस समस्या का जड़मूल से निवारण भी शामिल है? इन सब घटनाओं, जिनका एक के बाद एक खुलासा हो रहा है, इसकी दोषी कांग्रेस है? लव जिहाद का शोर मचाने वाले एक मर्तबा तो अपने गिरेबां में झांक या एक बार तो अपनी सरकार का गिरेबां पकड़ें और पूछें कि आप सरकार क्या कर रहे हैं?  मासूम हिंदू बेटियां ही नहीं, उम्रदराज महिलाएं भी इस सुनियोजित जिहाद का शिकार हो रही हैं और सरकार सो रही है? बस, बड़ी-बड़ी बातें हिंदुत्व पर और जिहाद रोकने के बड़बोलेपन के अलावा क्या करती नजर आई भाजपा की सरकारें? अब तो राज्य में इस लव जिहाद के खिलाफ कानून भी है।
यूपी में किसी की हिम्मत नहीं और मप्र में..?
प्रदेश में मोहन राज है। उसकी चिंता में ये अहम मसला शामिल है? रत्तीभर भी भरोसा नहीं होता कि ये सरकार इस मसले पर गंभीर है। गंभीर होती तो लव जिहाद के फन को अब तक कुचल देती। किसी की हिम्मत न होती इस तरह का पाप करने की। उत्तरप्रदेश से आती हैं क्या ऐसी खबरें? वहां योगी सरकार है। किसी की हिम्मत ही नहीं होती मासूमों को बहला-फुसलाकर इस तरह का कृत्य करने की, क्योंकि वहां योगी आदित्यनाथ हैं। लव जिहादी जानते हैं कि बाबा योगी की कथनी और करनी में अंतर नहीं। जो बोला है, वह होकर रहेगा। ऐसे ही यूपी में माफियाओं का राज खत्म नहीं हुआ। उसके लिए सरकार के दृढ़ संकल्प की जरुरत होती है। लव जिहाद की घटनाएं भी बगल के राज्य उत्तरप्रदेश में न के बराबर हैं। और यहां मध्यप्रदेश में? यहां हर दूसरे दिन प्रदेश के किसी न किसी हिस्से से लव जिहाद की घटनाएं सामने आ रही हैं और सरकार कागजी खानापूर्ति तक सीमित है।

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