नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने राहुल गांधी की तारीफ करते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव का ‘मैन ऑफ द मैच’ करार दिया और कहा कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए। लोकसभा चुनाव में लगातार चौथी बार तिरुवनंतपुरम से निर्वाचित हुए थरूर ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि जनादेश का संदेश यह है कि मतदाताओं ने भाजपा के ‘अति अहंकार’ और उसके ‘मेरी बात मानिये, नहीं तो रास्ता नापिये’ के रवैये को अनुचित ठहराया है। राजग की गठबंधन सरकार को लेकर उनका कहना था, ‘यह नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के लिए एक चुनौती होगी, जो अपनी सरकार चलाने में बहुत अधिक सलाह-मशविरा करने के आदी नहीं रहे हैं और मुझे लगता है कि यह उनके काम करने के तरीके को बदलने और सरकार के भीतर अधिक समायोजन करने की उनकी क्षमता की परीक्षा होगी।’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बार मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार कुछ मुद्दों पर ‘मजबूर सरकार’ साबित हो सकती है क्योंकि इस गठबंधन का हिस्सा बनने वाली पार्टियों को हर बात पर सहमत होना होगा। थरूर ने एनडीए गठबंधन को लेकर कहा, ‘पहले से ही ‘अग्निपथ’ योजना पर एक पार्टी द्वारा सवाल उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि इसकी समीक्षा की जानी चाहिए। इस विचार का जद (यू) और चिराग पासवान पार्टी द्वारा समर्थन किया गया है। आंध्र प्रदेश और बिहार दोनों में कई नेताओं ने अपने राज्यों के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगा है, जिससे भाजपा सरकार ने अब तक इनकार कर दिया था। इसको भी फिर से देखना होगा।’
उन्होंने मोदी सरकार पर पिछले 10 वर्षों में संसद को एक नोटिस बोर्ड की तरह मानने का आरोप लगाया और कहा कि ‘यह उम्मीद करना व्यावहारिक नहीं होगा कि सरकार के सभी निर्णयों के लिए संसद रबर स्टांप होगी।’ लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए राहुल गांधी के नाम की पैरवी करते हुए थरूर ने कहा कि ‘पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष निर्विवाद रूप से इस लोकसभा चुनाव में स्टार हैं।’ लोकसभा सदस्य का कहना था, ‘राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पूरे देश में बड़े पैमाने पर प्रचार किया, लेकिन खरगे राज्यसभा में हैं जहां वह विपक्ष का नेतृत्व करते हैं और यह उचित होगा कि राहुल गांधी लोकसभा में भी ऐसा ही करें। मैंने इस संबंध में सार्वजनिक और निजी तौर पर भी अपनी बात रख दी है।’ उन्होंने राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा, ‘मुझे लगता है कि अब हमारे पास सरकार के खिलाफ खड़े होने के लिए एक मजबूत संख्या है और विपक्ष का नेता ऐसा होना चाहिए जो नि:संदेह पार्टी में सबसे लोकप्रिय हो।’ थरूर ने आगे कहा कि गांधी इस चुनाव में निश्चित रूप से ‘मैन ऑफ द मैच’ थे और कई स्थानों पर कांग्रेस ने ‘गेंद को मैदान से बाहर पहुंचा दिया है।’
लोकसभा में कांग्रेस की सीटें बढ़कर 99 हो जाने की सराहना करते हुए थरूर ने कहा कि यह बहुत अच्छा प्रदर्शन है और नेता इस बात से बहुत खुश हैं कि जमीन पर जो देखा गया है, यह संख्या के उसके मुताबिक है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है। निश्चित रूप से हमें दिल्ली, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में सभी सीट हारने की उम्मीद नहीं थी। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां उन राज्य इकाइयों के भीतर कुछ आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता होगी कि क्या ग़लत हुआ और मुख्यालय को भी इस पर विचार करना होग।’ थरूर ने पार्टी के प्रदर्शन के लिए गांधी की दो ‘भारत जोड़ो यात्राओं’ और उसकी गठबंधन रणनीतियों को भी श्रेय दिया।
शशि थरूर ने कहा ‘अगर अगला लोकसभा चुनाव पांच साल बाद होता है तो वह खुद को चुनावी मैदान में नहीं देखते, क्योंकि उनका मानना है कि हर किसी को युवाओं के लिए जगह छोड़नी चाहिए।’ केरल की तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट पर थरूर ने केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर को 16,077 मतों के अंतर से हराकर निर्वाचन क्षेत्र से अपनी लगातार चौथी जीत दर्ज की। उन्होंने कहा, ‘चुनावी राजनीति नहीं, लेकिन निश्चित रूप से लोकसभा का। मुझे लगता है कि मैंने अपना काम किया है और मैं ईमानदारी से महसूस करता हूं कि किसी मोड़ पर हम सभी को यह महसूस करने की जरूरत है कि युवाओं के लिए जगह छोड़नी है।’