चेन्नई। कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उनके लगातार तीसरे कार्यकाल की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित रिकॉर्ड से करने को खारिज कर दिया। चिदंबरम ने कहा कि तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे मोदी ने अपनी तुलना नेहरू से की है। उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने 2014 में 282 सीट, 2019 में 303 सीट और अब 240 सीट (बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े से 32 कम) हासिल की हैं। लेकिन नेहरू की कांग्रेस को क्रमशः 361, 374 और 364 सीट मिलीं। चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा कि हम मोदी द्वारा खुद की तुलना नेहरू से करने को खारिज करते हैं। लोग भी इसे खारिज करेंगे।
अपने विजय भाषण में मोदी ने कहा था, “वर्ष 1962 के बाद पहली बार कोई सरकार लगातार तीसरी बार सत्ता में आई है।” चिदंबरम ने एग्जिट पोल के बारे में कहा कि लोगों को अनुमानों के माध्यम से मूर्ख बनाया गया, जो (सर्वेक्षण) चुनाव परिणामों से झूठे साबित हुए। उन्होंने दावा किया, “कोई भी मतदान केंद्र के बाहर रुझान पूछने के लिए खड़ा नहीं था, लेकिन अचानक उन्होंने अपने सर्वेक्षण के माध्यम से दावा किया कि भाजपा 350 या उससे अधिक सीट जीतेगी। वे सब इस संख्या पर कैसे पहुंचे? इसका कारण यह है कि इसे एक जगह बनाया गया था और फोटोस्टेट प्रतियों को अन्य लोगों को वितरित किया गया था।” उन्होंने तमिलनाडु और पुडुचेरी के लोगों को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की शानदार जीत सुनिश्चित करने के लिए धन्यवाद दिया।
इसके अलावा, चिदंबरम ने कहा कि ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गठबंधन सरकार बनाने के लिए बाध्य हैं, तो यह समय ही बताएगा कि क्या वे स्थिर सरकार चला पाएंगे या नहीं। मोदी हमेशा से ही “एक व्यक्ति सरकार” वाले रहे हैं, चाहे वे 12 वर्षों तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हों या 10 वर्षों तक प्रधानमंत्री रहे हों। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने संवाददाताओं को बताया, “अब वह गठबंधन सरकार बनाने को मजबूर हैं। यह सरकार स्थिर होगी या नहीं, इसका जवाब उन्हें देना चाहिए, नहीं तो समय ही बताएगा। मैं या आप कुछ नहीं कह सकते।”
उन्होंने कहा कि चुनावी गठबंधन बनाना आसान नहीं है क्योंकि कई क्षेत्रीय दलों की अपनी विचारधारा और इतिहास है। उन्होंने कहा, “सभी क्षेत्रीय दलों को एकजुट करना और गठबंधन बनाना आसान नहीं है। और गठबंधन चलाना बहुत मुश्किल काम है। कांग्रेस के पास इसका अनुभव है। कल मोदी को भी यह अनुभव मिलने लगेगा। देखते हैं वह इसे कैसे संभालते हैं।” कांग्रेस के राज्य मुख्यालय सत्यमूर्ति भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि संबंधित राज्यों में मौजूदा परिस्थितियों के आधार पर गठबंधन बनाए जा सकते हैं। उन्होंने पूछा, “उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश में कांग्रेस किसके साथ गठबंधन करेगी? क्या वह वाईएसआरसीपी या तेदेपा के साथ गठबंधन करेगी, जो इसके लिए तैयार नहीं हैं?”
उन्होंने कहा कि इसलिए, राज्यों में मौजूदा परिस्थितियों के आधार पर चुनावी गठबंधन बनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि “संबंधों को मजबूत करना और गठबंधन सरकार चलाना न केवल कठिन है, बल्कि जटिल भी है।” कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में हार मिली है इसे अस्वीकार करते हुए चिदंबरम ने कहा कि जनादेश से पता चलता है कि उनकी पार्टी ने “नैतिक जीत” हासिल की है, जबकि मोदी की भाजपा को “नैतिक हार” का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा, “यदि हम अपनी जीत का जश्न मनाएं तो मोदी को ईर्ष्या या दुख क्यों होना चाहिए।”