संसद में हो पेगासस केस पर बहस: नीतीश कुमार

 नीतीश कुमार

बिच्छू डॉट कॉम।   पेगासस जासूसी मामले पर अब विपक्ष को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी साथ मिल गया है। सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि पेगासस केस की निश्चित तौर पर जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम टेलीफोन टैपिंग के मामले कई दिनों से सुन रहे हैं। ऐसे में जांच होनी चाहिए। सोमवार को जनता दरबार खत्म होने के बाद सीएम नीतीश ने मीडिया के साथ बातचीत के दौरान ये बातें कहीं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य स्तर से जातीय जनगणना कराने का हमलोगों का विकल्प हमेशा खुला रहेगा। लोगों को तो इसका फायदा होगा ही, साथ ही गवर्नेंस को भी होगा। सोमवार को जनता के दरबार कार्यक्रम के बाद एक अणे मार्ग में पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार तो जरूर जातीय जनगणना हो जानी चाहिए। यह सबके हित में हैं। हम तो पहले ही सबकुछ बता चुके हैं। वर्ष 1990 से यह विचार हमलोगों के मन में है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना कराने से समाज में तनाव होगा यह बिल्कुल गलत बात है। इससे तो समाज में खुशी होगी। यह सबकी इच्छा है। अगर कोई यह बोल रहा है तो वह उनका व्यक्ति मामला है। जातीय जनगणना की बात तो अन्य राज्य भी कर रहे हैं। सब जाति के लोग यह चाहते हैं।

पेगासस जासूसी मामले को लेकर पूछे गए सवाल पर सीएम नीतीश ने कहा कि लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में इसकी सही तरीके से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि सावधानी से पूरे मामले की जांच हो सकती है। सीएम नीतीश ने आगे कहा है कि जांच के बाद ही सही कदम उठाया जाए। क्या हुआ है, क्या नहीं हुआ है, इसे संसद में कुछ लोग भूल रहे हैं। समाचार पत्रों में लगातार खबरें सामने आ रही हैं। किसी को लोग किस तरह से सुन रहे हैं, उस पर कब्जा कर रहे हैं, इसकी जांच होनी चाहिए। सीएम नीतीश ने कहा कि संसद में पेगासस जासूसी केस पर बहस भी होनी चाहिए, जांच भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब इतने दिनों से लोग संसद में मुद्दा उठा रहे हैं, तो इसकी जांच होनी चाहिए, जिससे सच्चाई सामने आए। अगर कोई किसी को भी परेशान करने की कोशिश कर रहा है, तो जांच तो होना ही चाहिए।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना कराने को लेकर विधानसभा से वर्ष 2019 और 2020 में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हुआ, जिसे केंद्र सरकार के पास भेजा गया। इसको लेकर विपक्ष की ओर से सुझाव आया है कि सबको मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहिए और अपनी कहनी चाहिए। हम लोग इसके लिए राजी हैं। सभी दलों से इस पर बात हुई है। भाजपा को भी इसकी सूचना दी गई है। पीएम से समय के लिए पत्र लिखेंगे। पीएम मैटेरियल के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी कोई इच्छा-आकांझा नहीं है। अपनी पार्टी के साथी कुछ भी बोल देते हैं। पर, हमारे बारे में ऐसा कुछ भी बोलने की जरूरत नहीं है। हम तो सेवक हैं और यहां सेवा कर रहे हैं। जहां तक ओमप्रकाश चौटाला साहब की बात है तो उनके प्रति जमाने से हम लोगों के मन में सम्मान है। इतने दिनों तक वे जेल में थे, अब सजा समाप्त हो गई। केसी त्यागी भी उनसे मिलने गए थे। हमारी बातचीत भी हुई। हमने बता दिया कि हम उस दिन आएंगे। पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी को इसमें क्या नाराजगी हो सकती है। हमलोगों की पृष्ठभूमि समाजवादी है। राजनैतिक रूप से भले हम साथ नहीं है, लेकिन व्यक्तिगत संबंध तो है। इसको लेकर कोई राजनैतिक बात नहीं है। एक सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि गठबंधन इतने दिनों से कितना बढ़िया से चल रहा है। यहां तो कोई बात नहीं है, लेकिन किसी नेता के मन में कोई बात है, तो उन्हें अपनी पार्टी के लोगों के समक्ष रखनी चाहिए।

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