क्वाड सम्मेलन: संबंध को और मजबूत करेंगे : पीएम मोदी

पीएम मोदी

नई दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान की यात्रा पर जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने जापान की यात्रा से पहले कहा है कि क्वाड देशों के नेता हिंद-प्रशांत क्षेत्र में घट रहे घटनाक्रम और आपसी हित के वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा करेंगे। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन से क्वाड देशों के नेताओं को उठाए गए कदमों की प्रगति की समीक्षा करने का मौका मिलेगा। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि इस दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बैठक भी होगी, इसमें हम अमेरिका के साथ बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा करेंगे। दरअसल, क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के लिए रवाना हो रहे हैं। पीएम मोदी की यह तीसरी जापान यात्रा होगी। जापान में पीएम मोदी क्वाड सम्मेलन में नेताओं से चर्चा के अलावा नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। इसमें व्यापार, निवेश, सुरक्षा, तकनीक समेत कई मुद्दे शामिल रहेंगे। पीएम मोदी 23 और 24 मई को जापान में आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

क्वाड सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ऑस्ट्रेलिया के नए प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस से भी मुलाकात करेंगे। यात्रा से पहले पीएम मोदी के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि क्वाड सम्मेलन का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता को लेकर सकारात्मक और क्रिएटिव एजेंडे को लागू करने पर जोर देना है। सम्मेलन के दौरान इस बात पर भी फोकस किया जाएगा कि इस क्षेत्र में कितनी प्रगति हुई है। साथ ही भविष्य में कौन-कौन से कदम उठाए जा सकते हैं। पीएम मोदी के हवाले से यह भी बताया गया है कि भारत-जापान के बीच विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक भागीदारी को और मजबूत करने के उद्देश्य से जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ बातचीत को लेकर उत्साहित हूं।

वहीं इससे पहले विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि पीएम मोदी जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा के निमंत्रण पर क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लेने जापान जा रहे हैं। क्वाड सम्मेलन में कई विषयों पर बातचीत होगी। क्वात्रा ने कहा कि क्वाड सम्मेलन में इंडो-पैसिफिक में एक डी-कार्बोनाइज्ड ग्रीन शिपिंग नेटवर्क तैयार करना, स्वच्छ हाइड्रोजन का उपयोग करने के साथ ही इसे और अधिक सुलभ बनाना, इंडो-पैसिफिक देशों की जलवायु निगरानी पर मंथन किया जाएगा।

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