किसानों की ज्यादातर मांगें मान ली गईं, तुरंत लागू किए जाएंगे फैसले: शिंदे

एकनाथ शिंदे

 मुंबई । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार ने नासिक से मुंबई मार्च कर रहे किसानों की अधिकतर मांगों को स्वीकार कर लिया है और प्याज की खेती करने वालों को 350 रुपये प्रति क्विंटल की वित्तीय राहत दी जाएगी। इससे पहले दिन में आंदोलनकारी किसानों और आदिवासियों के प्रतिनिधियों ने कहा कि उनका 200 किलोमीटर लंबा मार्च फिलहाल रोक दिया गया है, लेकिन अगर राज्य सरकार उनकी मांगों के समाधान के लिए ठोस कदम नहीं उठाती है तो वे मुंबई के लिए अपनी पैदल यात्रा फिर से शुरू करेंगे।

पिछले रविवार को उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक जिले के डिंडोरी शहर से शुरू हुआ हजारों किसानों और आदिवासियों का पैदल मार्च मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर दूर वासिंद शहर तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री ने सदन को सूचित किया कि उन्होंने किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ वन अधिकारों, वन भूमि के अतिक्रमण, मंदिर ट्रस्टों से संबंधित भूमि और चराई के मैदानों को खेती के लिए किसानों को हस्तांतरित करने सहित 14 बिंदुओं पर चर्चा की है। किसानों से अपना लंबा मार्च वापस लेने की अपील करते हुए शिंदे ने कहा कि लिए गए फैसलों को तुरंत लागू किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्याज की कम कीमतों और बेमौसम बारिश से फसल को हुए नुकसान के कारण परेशानी का सामना कर रहे उत्पादकों को वित्तीय राहत के रूप में 350 रुपये प्रति क्विंटल दिए जाएंगे। शिंदे ने कहा कि किसानों के कब्जे में चार हेक्टेयर तक की वन भूमि की मांग से संबंधित अपीलों और दावों की निगरानी के लिए एक कैबिनेट उप-समिति का गठन किया जाएगा। पैनल एक महीने में रिपोर्ट तैयार करेगा। शिंदे ने कहा कि समिति वन अधिकार अधिनियम के तहत किसानों के लंबित दावों की निगरानी करेगी और पूर्व विधायक जीवा पांडु गावित और मौजूदा विधायक विनोद निकोले समिति का हिस्सा होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का प्रदर्शन गैर राजनीतिक प्रकृति का है और उनकी वाजिब मांगें हैं।

इससे पहले माकपा विधायक निकोले ने कहा कि सरकार से आश्वासन मिलने के बाद किसानों और आदिवासियों का मार्च रोक दिया गया है, लेकिन अगर उन्हें अपने मुद्दों के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं दिखता है तो आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हमने पैदल मार्च को रोक दिया है। लेकिन हमें सरकार से ठोस कार्रवाई देखने की जरूरत है कि हमारे मुद्दों को संबोधित किया जाएगा अन्यथा हम मुंबई जाएंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी तब तक डटे रहेंगे जब तक सरकार उनकी मांगों पर आधिकारिक आदेश जारी नहीं करती।

किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में बीते रविवार को अपना मार्च शुरू किया, जिसमें प्याज किसानों को 600 रुपये प्रति क्विंटल राहत, किसानों को 12 घंटे की निर्बाध बिजली आपूर्ति और कृषि ऋण माफ करना शामिल था। इस बीच, मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया जाएगा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के 20,000 रिक्त पदों को भरा जाएगा। 

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