यथार्थवादी बनें और आत्मतुष्टि से बचें: क्रिस्टलिना जॉर्जीवा

क्रिस्टलिना जॉर्जीवा

दावोस/बिच्छू डॉट कॉम। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के समापन सत्र में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने कहा कि दुनिया के नेताओं को मेरा संदेश है कि यथार्थवादी बनें और आत्मतुष्टि से बचें। आर्थिक विकास, मुद्रास्फीति के दबाव और यूक्रेन युद्ध जैसे कारक बताते हैं कि हमें बहुत ही सावधानी के साथ आगे बढ़ना है। इस समय वैश्विक स्तर पर नेताओं के व्यावहारिक और सहयोगी होने की जरूरत है। विखराव से वैश्विक अर्थव्यवस्था को 7 प्रतिशत तक की मार पड़ सकती है। उन्होंने पश्चिमी देशों की तरफ से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए दी जा रही सब्सिडी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इससे उभरते बाजारों और विकासशील दुनिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक जलवायु, युद्ध और आर्थिक मुद्दों पर पांच दिनों तक गंभीर चर्चा के बाद शुक्रवार को और अधिक वैश्विक सहयोग के आह्वान के साथ खत्म हुई। डब्ल्यूईएफ के प्रेसिडेंट बोर्ग ब्रेंडे ने अपनी समापन टिप्पणी में कहा, जलवायु कार्रवाई और न्यायसंगत विकास लक्ष्यों पर महत्वपूर्ण प्रगति के साथ यह एक उल्लेखनीय सप्ताह रहा। आज भले ही दुनिया बंटी हो सकती है, लेकिन यहां से उम्मीदें उभरी हैं कि शायद कल ऐसा न हो। भारत की निजी क्षेत्र की प्रमुख दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी रिलायंस जियो दुनिया के शीर्ष 25 मजबूत ब्रांड में शामिल है। ब्रांड फाइनेंस की प्रकाशित नवीनतम ‘ग्लोबल 500-2023’ रिपोर्ट के अनुसार जियो भारत की सबसे मजबूत ब्रांड है और दुनिया के सबसे मजबूत 25 ब्रांडों में वह नौवें स्थान पर है। जियो से पहले ईवाई, कोकाल कोला, एसेंचर, पोर्श और गूगल जैसे ब्रांड हैं। मजबूत ब्रांड सूचकांक में जियो को 90.2 अंक हैं। यह सूचकांक मार्केटिंग पर खर्च, जागरूकता, विचार, भरोसा और बाजार हिस्सेदारी जैसे कुछ मानकों के आधार पर तैयार होता है।

डब्ल्यूईएफ की बैठक में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि भविष्य में किसी महामारी से निपटने के लिए विभिन्न संगठनों के बीच सहयोग आवश्यक है। उन्होंने इसके लिए वैश्विक सामंजस्य या नियामक मानकों का भी आह्वान किया। उन्होंने वैश्विक सहयोग को लेकर उम्मीद भी जताई। उन्होंने दुनियाभर के नेताओं से लोगों को वैक्सीन को लेकर जागरूक करने और उनके टीके प्रति उनकी भ्रांतियों को दूर करने भी अपील की।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि मौजूदा वैश्विक व्यवस्था पश्चिमी देशों के हितों को ध्यान में रखकर बनाईं गई थी। दुनिया को अब एक नई व्यवस्था की जरूरत है, जिसमें दुनिया के दक्षिणी देशों (वैश्विक दक्षिण) की आवाज भी सुनी जाए। उन्होंने यूक्रेन संकट के समाधान के लिए शांति वार्ता का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा कि विवादों को सुलझाने की पुरानी अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था निश्चित रूप से विफल हो गई है, इसलिए ऐसे मुद्दों के समाधान के लिए नए नियमों की जरूरत है।

Related Articles