
मुंबई/बिच्छू डॉट कॉम। अपने अभिनय से बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक में एक खास पहचान बनाने वाले अभिनेता इरफान खान को भले ही कैंसर ने हमसे छीन लिया हो लेकिन उनकी अदाकारी के चर्चे हमेशा हर किसी के जेहन में बनें रहेंगे…….मुस्लिम परिवार में जन्में इरफान को लोग मुसलमान नहीं बल्कि ब्राह्मण पठान भी कहते थे…… आज इरफान की बर्थ एनिवर्सरी है…. आईए उन्हें याद करते हुए बताते हैं उनकी जिंदगी के कुछ खास राज….. इरफान 29 अप्रैल 2020 में दुनिया को अलविदा कह कहकर चले गए। वे कैंसर से पीड़ित थे लेकिन आज भी उनके फैंस उन्हें याद करते हैं। इरफान की फिल्मों ने हर वर्ग के दर्शकों को प्रभावित किया है। इरफान खान का जन्म 7 जनवरी 1967 को जयपुर के एक मुस्लिम पठान परिवार में हुआ था। उनका पूरा नाम साहबजादे इरफान अली खान था। उनके पिता टायर का व्यापार करते थे। पठान परिवार के होने के बावजूद इरफान बचपन से ही शाकाहारी थे। उनके परिवार वाले उन्हें हमेशा यह कहकर चिढ़ाते थे कि पठान परिवार में ब्राह्मण लड़का पैदा हो गया। इरफान खान का शुरुआती दौर संघर्षों से भरा था। जब उनका एनएसडी में प्रवेश हुआ, उन्हीं दिनों उनके पिता की मृत्यु हो गई। परिवार का खर्च चलाने के लिए उन्होंने एस रिपेयरिंग का काम चालू किया। इसी दौरान उनकी मुलाकात राजेश खन्ना से हुई। इरफान राजेश खन्ना का एसी ठीक करने उनके घर गए हुए थे। उनकी शानो शौकत देख इरफान बहुत प्रभावित हुए। इरफान जब नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में पढ़ाई कर रहे थे तभी उन्हें मीरा नायर ने सलाम बॉम्बे में एक बड़े रोल के लिए चुना था। वे उनदिनों मुंबई आकर वर्कशॉप में शामिल भी हुए लेकिन बाद में उनसे कह दिया गया कि वे फिल्म का हिस्सा नहीं हैं। बीबीसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वो रात भर रोते रहे। बदले में उन्हें छोटा से रोल दे दिया गया। हालांकि इसका कर्ज मीरा नायर ने 18 साल बाद इरफान खान को द नेमसेक में अशोक गांगुली का रोल देकर चुकाया। इरफान खान ने एनएसडी की दोस्त सुतापा सिकदर से 23 फरवरी 1995 को शादी की। इरफान के संघर्ष के दिनों में सुतापा हमेशा उनके साथ खड़ी रहीं। ये वही सुतपा हैं, जिन्होंने सुपारी और शब्द जैसी फिल्में लिखी हैं। इरफान ने जब सुतापा से शादी का फैसला किया तो वे उनके लिए धर्म बदलने के लिए भी तैयार हो गए थे लेकिन सुतापा के घरवाले दोनों की शादी के लिए तैयार हो गए, जिसके बाद इरफान को धर्म बदलने की जरूरत नहीं पड़ी। इरफान खान ने अपने करियर में कई यादगार फिल्मों में काम किया है। 32 साल के करियर में इरफान ने कुछ ऐसी फिल्में की हैं जो मील का पत्थर साबित हुईं। खास बात है कि इरफान को पान सिंह तोमर फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। इरफान हमेशा अलग तरह के किरदार करने के लिए मशहूर रहे। आज इरफान बेशक हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी फिल्में उनके फैंस का मनोरंजन और उनकी यादें जरूर ताजा करती हैं।