
अब कोरोना के ‘सुपर म्यूटेंट वेरिएंट’ का खतरा
दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण अब भी चिंता का सबब बना हुआ है। कई देशों में इसके नए-नए वेरिएंट अधिक कहर बरपा रहे हैं। इस बीच ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने अपने शोध में दावा किया है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) का अगला वेरिएंट अधिक जानलेवा हो सकता है। उनके अनुसार यह इतना जानलेवा होगा कि इससे हर तीन में से एक व्यक्ति की जान जा सकती है। लंदन स्थित साइंटिफिक एडवाइजरी ग्रुप फॉर इमरजेंसी ने शोध के संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की है। प्रकाशित की गई शोध रिपोर्ट में चेताया गया है कि कोरोना वायरस का जो वेरिएंट अब भविष्य में आएगा, वो मर्स वेरिएंट से भी अधिक घातक होगा। इस वेरिएंट की इस समय मृत्यु दर 35 फीसदी है। शोध पत्र में वैज्ञानिकों की टीम ने सुझाव दिया है कि जिन जानवरों के जरिये कोरोना वायरस का नया वेरिएंट उत्पन्न होने की आशंका है, उन्हें या तो मार देना चाहिए या फिर उनका टीकाकरण करना चाहिए। ऐसे में इन जानवरों में वायरस के नए वेरिएंट को पनपने से रोका जा सकता है। इन्हीं जानवरों के जरिये नया वेरिएंट इंसानों में फैलता है।
आज से भारत करेगा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अगुआई
भारत एक अगस्त को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभालेगा। इसका पहला कार्यकारी दिवस सोमवार, दो अगस्त को होगा। इस दौरान वह तीन प्रमुख क्षेत्रों समुद्री सुरक्षा, शांतिरक्षा और आतंकवाद को रोकने संबंधी विशेष कार्यक्रमों की मेजबानी करने के लिए तैयार है। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने 15 देशों के शक्तिशाली विश्व निकाय की भारत द्वारा अध्यक्षता संभाले जाने की पूर्व संध्या पर एक वीडियो संदेश जारी किया। अपने वीडियो संदेश में तिरुमूर्ति ने कहा, हमारे लिए उसी माह में सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता संभालना विशेष सम्मान की बात है जिस माह हम अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। दो अगस्त को पहले दिन तिरुमूर्ति महीने भर के लिए परिषद के कार्यक्रमों पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पत्रकार वार्ता करेंगे। इस दौरान कुछ लोग वहां मौजूद होंगे जबकि अन्य वीडियो कॉफ्रेंस के जरिये जुड़ सकते हैं। वे संयुक्त राष्ट्र के उन सदस्य देशों को भी कार्य विवरण मुहैया कराएंगे जो परिषद के सदस्य नहीं हैं। परिषद के अस्थायी सदस्य के बतौर भारत का दो साल का कार्यकाल एक जनवरी, 2021 को शुरू हुआ था। भारत अपने दो साल के कार्यकाल के अंतिम माह यानी अगले साल दिसंबर में फिर से परिषद की अध्यक्षता करेगा।
आज से लागू होंगे सैलरी, पेंशन और ईएमआई पेमेंट के नए नियम!
1 अगस्त यानी आज से बैंकिंग सेक्टर में कई बदलाव हो रहे हैं। इसके साथ ही सैलरी, पेंशन और ईएमआई पेमेंट जैसे जरूरी ट्रांजैक्शंस के लिए अब वर्किंग डेज का इंतजार नहीं करना होगा। आरबीआई के नियमों में संशोधन किया है। इस नए नियम के तहत अब आपको अपनी सैलरी के लिए या पेंशन के लिए शनिवार और रविवार यानी वीकेंड के गुजरने का इंतजार नहीं करना होगा। ये बदलाव 1 अगस्त, 2021 आज से लागू हो जाएंगे। अगर महीने की पहली तारीख वीकेंड पर पड़ जाती है, तो सैलरीड क्लास को अपनी सैलरी अकाउंट में क्रेडिट होने के लिए सोमवार तक का इंतजार करना पड़ता है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने पिछले महीने जून की क्रेडिट पॉलिसी रिव्यू के दौरान ऐलान किया था कि ग्राहकों की सुविधाओं को और बढ़ाने के लिए और 24-7 मौजूद रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट का लाभ उठाने के लिए, ठअउऌ जो अभी बैंकों में कार्य दिवसों में उपलब्ध है, इसे हफ्ते के सभी दिनों लागू करने का प्रस्ताव दिया गया है, जो 1 अगस्त, 2021 से प्रभावी होगा।
भाजपा मंत्री बोले- चिकन, मटन और मछली की तुलना में ज्यादा खाएं बीफ
मेघालय की भाजपा सरकार में मंत्री सनबोर शुल्लई ने राज्य के लोगों को बीफ ज्यादा खाने के लिए प्रेरित किया है। पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री सनबोर शुल्लई ने कहा कि लोगों को चिकन, मटन और मछली से ज्यादा बीफ खाने के लिए प्रेरित करें, इससे अल्पसंख्यक लोगों में ये धारणा दूर हो जाएगी कि भाजपा गोहत्या पर प्रतिबंध लगाएगी। सनबोर शुल्लई ने पिछले हफ्ते ही कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है। समाचार एजेंसी के मुताबिक, उन्होंने कहा, मैं लोगों को चिकन, मटन और मछली से ज्यादा बीफ खाने के लिए प्रेरित करता हूं, ताकि अल्पसंख्यक लोगों में जो गलत जानकारी है कि भाजपा गोहत्या पर प्रतिबंध लगाएगी, यह दूर हो जाएगी। सनबोर शुल्लई ने कहा, भारत एक लोकतांत्रिक देश है। ऐसे में यहां हर कोई जो खाना चाहता है, वह खाने के लिए स्वतंत्र है। इतना ही नहीं उन्होंने लोगों को भरोसा दिया कि वे असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बात करेंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि असम के नए गाय कानून से मेघालय में मवेशी परिवहन प्रभावित ना हो। वहीं, असम-मेघालय के बीच सीमा विवाद को लेकर सनबोर शुल्लई ने कहा, ये सही समय है कि राज्य सीमा और अपने लोगों को रक्षा के लिए पुलिस फोर्स का इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा, असम के लोग सीमा क्षेत्रों में हमारे लोगों का उत्पीड़न करते रहेंगे, तो समय सिर्फ बात करने या चाय पीने का नहीं होगा। हमें जवाब देना होगा। हमें मौके पर कार्रवाई करनी होगी।