सीएस बैंस के सम्मान में होगी कल कैबिनेट, दी जाएगी विदाई
मप्र के मौजूदा मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। सेवानिवृत्ति के दिन ही 30 नवंबर को प्रात: 11.15 बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। बैठक में बैंस को औपचारिक विदाई दी जाएगी। मुख्य सचिव कार्यालय ने मंगलवार को सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव को पत्र लिखा है, जिसमें उन्हें 30 नवंबर को कैबिनेट की बैठक की औपचारिक सूचना दी गई है। इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान तो मौजूद रहेंगे ही, लगभग एक दर्जन से अधिक मंत्री भी हिस्सा ले सकते हैं। हालांकि अभी मंत्री विधानसभा चुनाव के तहत मतगणना के लिए अपने क्षेत्रों में जमे हुए हैं।
कोई कांटे-फांटे की टक्कर नहीं भाजपा जीत रही है: शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मतदान के बाद बीते रोज अपने विधानसभा क्षेत्र बुदनी पहुंचे। यहां एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में पांचवीं बार भाजपा की सरकार बन रही है। मुख्यमंत्री ने अपनी चिर-परिचित शैली में कहा, – कोई कांटे-फांटे की टक्कर नहीं है। लाड़ली बहना योजना ने सारे कांटे निकाल दिए हैं। मुख्यमंत्री ने फिर दोहराया कि उन्हें भाजपा की सरकार बनने को लेकर कोई संदेह नहीं है। मैंने जो कहा था वही होगा, फिर से भाजपा की सरकार बनने जा रही है। गौरतलब है कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र बुदनी पहुंचे थे। वे इस दौरान उस महिला प्रेम बाई के घर भी गए, जिसने उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान अपनी अंगूठी भेंट की थी।
किसी के भी गैरकानूनी आदेश का पालन न करें कर्मचारी: नाथ
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अधिकारी, कर्मचारियों से आग्रह किया है कि वे किसी भी पार्टी, मंत्री के मातहत काम नहीं कर रहे। किसी के भी गैरकानूनी आदेश का पालन न करें। नाथ ने ट्वीट किया कि बालाघाट में डाक मतपत्रों को जिस तरह से खोला गया, वह गंभीर कदाचरण है। नाथ ने कार्यकर्ताओं से भी आग्रह किया कि संवैधानिक अधिकारों के लिए कड़े संघर्ष के लिए तैयार रहें। तीन दिसंबर को मप्र में कांग्रेस सरकार पर जनता की मुहर लग जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष बोले- सीएस को आज ही हटाए निर्वाचन आयोग
बालाघाट में ट्रेजरी से पोस्टल बैलेट निकालने के मामले पर बवाल बढ़ता जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने मप्र के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को तत्काल हटाने की मांग की है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा- अकेले बालाघाट नहीं, सभी जगह ऐसा हुआ है। हमारे लहार में भी हुआ है। मैंने पूरा लिखकर दिया था कि, कर्मचारी मतदान से वंचित किए गए। स्ट्रांग रूम में रखी सील्ड मतपेटियां तोड़ी गई। बंडल किसके आदेश से बनाए गए? शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है। मैं मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन को दोबारा पत्र लिख रहा हूं। पहले ही कहा था-बैंस के रहते निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते हैं। ये भाजपा के एजेंट बनकर काम करेंगे उन्होंने ये करके दिखा दिया। आज निर्वाचन आयोग से अनुरोध है कि इनको आज ही तत्काल पद से हटा दिया जाए। वरना जो कुछ दिन बचे हैं उनमें ये मप्र के चुनाव का पूरी तरह से भट्टा बैठा देंगे।