- नगीन बारकिया

योगी की दिल्ली यात्रा ने उप्र की सियासी गर्मी बढ़ाई
पिछले कुछ दिनों से उप्र में राजनीतिक माहौल अचानक गर्मा गया है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर यह गर्मी बढ़ना स्वाभाविक था। अभी तक यह माना जा रहा था कि योगी के नेतृत्व में सब कुछ ठीक चल रहा है और उनकी अगुवाई में ही चुनाव लड़ा जाएगा लेकिन धीरे धीरे यह मामला उजागर हुआ कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व योगी की कार्यशैली से नाराज है तबसे माहौल में गर्माहट बढ़ गई है। विशेषकर गुजरात कैडर के 1988 बैच के आईएएस अरविंद कुमार शर्मा को केशवप्रसाद मौर्य के स्थान पर डिप्टी सीएम बनाए जाने के सवाल पर योगी का नकारात्मक रुख इस फसाद की जड़ माना जा सकता है। इसके साथ ही हाल ही में कांग्रेस से बीजेपी में आये जितिन प्रसाद को लेकर बीजेपी के शीर्ष नेताओं का मास्टर प्लान क्या है, वह भी कई सवाल खड़े कर रहा है। इन सब मुद्दों के चलते कल जब अचानक योगी आदित्यनाथ दिल्ली पहुंचे तो गर्म हो रहे इस पानी में उबाल आ गया। गुरुवार को उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। आज वो पहले पीएम से मिलने के बाद जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। योगी के दिल्ली कूच से बीजेपी के प्रदेश संगठन और सरकार में फेरबदल की आहट जरूर एक बार तेज हो गई है। वैसे कल अमित शाह से हुई मुलाकात को योगी ने शिष्टाचार भेंट बताया लेकिन, दोनों नेताओं के बीच करीब डेढ़ घंटे तक हुई बातचीत को काफी अहम माना जा रहा है। इससे पहले बीजेपी की केंद्रीय टीम के लखनऊ दौरे से लेकर पार्टी के यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह के राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात ने सियासी तपिश को पहले ही बढ़ा दिया था। यह माना जा रहा है कि अब जब चुनाव में 6-7 महीनों से ज्यादा का समय नहीं बचा है, बीजेपी अपनी तैयारी पुख्ता करना चाहती है. क्योंकि, पंचायत चुनाव में मिली करारी हार ने यह तो साफ कर दिया है कि पार्टी के लिए यूपी में आगे की राह आसान नहीं होगी।
राजस्थान में वसुंधरा राजे हुईं लापतातलाश रही जनता
नेताओं की लंबे समय तक अपने निर्वाचन क्षेत्र से अनुपस्तिथि जनता को नाराज कर देती है और फिर वह अपने उसी नेता की इज्जत खराब करने पर उतारू हो जाती है जिसे उसने बड़े ही प्रेम और विश्वास के साथ चुना था। ऐसा ही एक वाक्या राजस्थान का सामने आ रहा है जहां झालावाड़ और झालरापाटन शहरों की दीवारों पर गुरुवार की सुबह पोस्टर लगे दिखे जिनमें कहा गया था कि भाजपा विधायक वसुंधरा राजे और उनके सांसद बेटे दुष्यंत सिंह ‘लापता हो गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे झालरापाटन विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, वहीं दुष्यंत सिंह झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सांसद हैं। पोस्टरों में ‘लापता की तलाश शीर्षक के साथ दोनों भाजपा नेताओं की तस्वीरें थीं। पोस्टरों पर लिखा था, ” इस गंभीर कोरोना काल में पूरे झालावाड़ जिले के निवासियों को अकेला छोड़कर आप दोनों कहाँ चले गए हैं ?” पोस्टरों पर लिखा था, ”डरिए नहीं, घर आ जाइए। इसके साथ ही उपहास भरे लहजे में कहा गया था, ”लोगों का क्या है? वे इसे एक-दो दिन में भूल जाएंगे।” पोस्टरों में दोनों जनप्रतिनिधियों के बारे में जानकारी देने वालों को “आकर्षक इनाम देने का वादा किया गया था।
कोरोना पॉजिटिव रहे लोगों को वैक्सीन की जरूरत नहीं…।
बताया जाता है कि पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स के एक ग्रुप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि जो लोग कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, उन्हें वैक्सीन देने की कोई जरूरत नहीं है। साथ ही इस समूह ने सरकार को चेताया है कि बड़े पैमाने पर, अंधाधुंध और अपूर्ण टीकाकरण कोरोना वायरस के उत्परिवर्तित स्वरूपों के उभार की वजह बन सकता है। उन्होंने सुझाव दिया है कि जो लोग कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं, उनके टीकाकरण की कोई आवश्यकता नहीं है। समूह ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि बड़े पैमाने पर लोगों के टीकाकरण की जगह केवल उन लोगों का टीकाकरण किया जाना चाहिए जो संवेदनशील और जोखिम श्रेणी में शामिल हैं। इस समूह में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टर कोविड-19 संबंधी राष्ट्रीय कार्यबल के सदस्य भी शामिल हैं।
असम के सीएम ने मुसलमानों को दी सीख
अपने मुख्यमंत्रित्व काल का एक माह पूरा करने के अवसर पर भाजपा नेता हिमंत बिस्वा सरमा ने मुसलमानों को जनसंख्या विस्फोट मामले में सीख दी है। उन्होंने असम के अप्रवासी मुस्लिमों से कहा कि वो जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक सभ्य परिवार की नीति अपनाएं। साथ ही कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को सामने आकर इसके लिए पहल करनी चाहिए और इस समुदाय में गरीबी कम करने के अभियान में सरकार की मदद करनी चाहिए. क्योकि जनसंख्या वृद्धि का एक बड़ा कारण गरीबी है।