बिहाइंड द कर्टन/फसल नुकसानी के मामले में नरोत्तम ने नाथ को घेरा

  • प्रणव बजाज
 नरोत्तम मिश्रा

फसल नुकसानी के मामले में नरोत्तम ने नाथ को घेरा  
फसल क्षति के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर सवाल खड़े करने वाले कमलनाथ अब इस मामले में स्वंय ही घिरते जा रहे हैं। इस मामले में उन्हें अब गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने घेरा है। मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। उन्होंने सवाल खड़ा करते  हुए कहा है कि कभी किसी ने ऐसा देखा क्या कोई नेता प्रतिपक्ष इतनी भीषण ओलावृष्टि में भी किसी भी किसान के खेत पर नही गया हो। कमलनाथ पहले नेता प्रतिपक्ष हैं जो संकट के समय में कभी भी जनता के बीच नहीं जाते हैं। वे सिर्फ ट्वीट से ही राजनीति करते हैं। उन्होंने इस प्रदेश के साथ ही विपक्ष का भी दुर्भाग्य बताया है। उनका कहना है कि इसमें भी खास बात यह है कि कांग्रेस का एक भी नेता फसलों को जायजा लेने नहीं गया। इस दौरान उनके निशाने पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी रहें। मिश्रा का कहना है कि वे भी आपदा और विपदा की घड़ी में कभी नहीं दिखते। कोरोना में वह किसी भी अस्पताल में भी नहीं दिखे और न ही कहीं अनाज बंटाते दिखे। दिग्विजय सिंह पॉलिटिकल पाखंड करते हैं। वे पत्र तो कमलनाथ जी को और उमंग सिंगार जैसे अपने मंत्रियों को भी
लिखते रहे हैं।

सात अफसरों की आईएएस बनने की मंशा पर फिरा पानी  
राज्य प्रशासनिक सेवा के सात अधिकारियों की आईएएस बनने की मंशा पर इस बार पानी फिर गया है अब उन्हें अगली साल तक का इंतजार करना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने बीते रोज 17 अधिकारियों को आईएएस संवर्ग में नियुक्त करने की अधिसूचना जारी कर दी। कुल 18 पदों के लिए संघ लोक सेवा आयोग द्वारा की गई  विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में एक पद फिलहाल रोक लिया गया है। इस पर निर्णय अगले सप्ताह हो सकता है। पदोन्नत किए गए दो अफसरों में शामिल डॉ. वरदमूर्ति मिश्रा और विनय निगम की आईएएस संवर्ग में नियुक्ति उनकी वरिष्ठता से जुड़े एक निर्णय के अध्याधीन रखने का निर्णय लिया गया है। इस बैठक में विवेक सिंह, पंकज शर्मा, त्रिभुवन नारायण सिंह, नारायण प्रसाद नामदेव, जयेन्द्र कुमार विजयस्त, मनोज मालवीय और डॉ. कैलाश देला को पदोन्नति के लिए आयोग्य माना गया है।

अब मैहर विधायक ने उठाया सामान्य वर्ग के आरक्षण का मुद्दा
समय-समय पर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाले मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने अब सामान्य वर्ग को आरक्षण दिए जाने का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग को आरक्षण दिए बिना सामाजिक न्याय संभव नहीं है। इस बार उनके द्वारा पत्र राज्यपाल मंगू भाई पटेल को लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा है कि वर्तमान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है, जो इन वर्गों की उन्नति के लिए जरुरी है, लेकिन यह भी जरुरी है कि सामान्य वर्ग में शामिल एक बड़ी जनसंख्या आरक्षण की सुविधा से वंचित है। इस वर्ग में भी पिछड़े, निर्धन और वंचित लोग हैं, जिन्हें सामाजिक न्याय के तहत समाज की मुख्यधारा में लाना जरूरी है। आरक्षण से ही इस वर्ग की उन्नति हो सकती है। केंद्र सरकार ने सामान्य वर्ग को आर्थिक आधार पर दस प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है, लेकिन सामान्य वर्ग को वर्तमान में अन्य वर्गों की तरह ही निश्चित प्रतिशत में आरक्षण की आवश्यकता है, ताकि शासकीय सेवाओं व अन्य अवसरों में इस वर्ग की भी आनुपातिक भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

बंगलों के बाद अब मंत्री का कक्ष एक पर उमड़ा प्रेम
प्रदेश के एक मंत्री का अभी तक बंगला प्रेम ही जगा हुआ था, जिसकी वजह से उनके द्वारा अब तक चार बंगलों पर कब्जा किया जा चुका है। इनमें से एक बंगला तो मंत्री होने के नाते पहले से ही आवंटित था। इसके बाद वे प्रभार वाले जिलों में भी सरकारी आवास पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर कब्जा कर चुके हैं। यह बात अलग है कि जब भी प्रवास पर जाते हैं तो उनके लिए रेस्टहाउस की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की जाती है, लेकिन उन्हें तो एकांतवास प्रिय है। उनका यह एकांतवास चर्चा में रहता है। अब उनका विभाग के तहत आने वाले रेस्ट हाउसों के कमरा नंबर एक पर दिल आ गया है सो उन्होंने विभाग के सभी रेस्टहाउसों में अपने लिए हमेशा एक नम्बर कक्ष आरक्षित रखने का स्थाई आदेश अघोषित रुप से दे दिया है। खास बात यह है कि इस कक्ष में विभाग के अधिकारियों को भी नहीं रहने को कह दिया गया है। अब इन सभी आरक्षित कक्षों को विशेष तौर पर संधारित किया जा रहा है। मंत्री जी की वजह से अब विभाग के अफसर हैरान परेशान बने हुए हैं।

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