बिहाइंड द कर्टन/दिग्विजय अब दे रहे सरकार को धमकी

  • प्रणव बजाज
दिग्विजय सिंह

दिग्विजय अब दे रहे सरकार को धमकी
राजनीति भी बड़ी अजीब चीज है, जिस काम को खुद के प्रयासों से कराया जा सकता है उसके लिए विरोध प्रर्दशन किया जाता है और उसका ढिंढोरा भी पीटा जाता है। अगर बात पूर्व सीएम व सांसद दिग्विजय सिंह की हो तो चर्चा में मामला तो आना ही है। अब उनके द्वारा सुठालिया व टेम परियोजना से प्रभावित परिवारों की सुविधाओं को लेकर सरकार को धमकी दी जा रही है। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है। उनका कहना है कि अगर सीएम ने उन्हें 20 जनवरी तक मिलने का समय नहीं दिया तो वे सीएम हाउस के सामने धरने पर बैठ जाएंगे। यह चेतावनी उनके द्वारा पत्र लिखकर दी गई है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि विस्थापित परिवारों व किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए वे सीएम से मिलना चाहते हैं। उनका आरोप है कि एक माह बाद भी उन्हें मिलने का समय नहीं दिया गया है। यह बात अलग है कि यह मामला काफी पुराना है और दो साल पहले तक उनकी ही सरकार थी, लेकिन तब उन्हें इन पीड़ितों की याद क्यों नहीं आयी यह सवाल अब भाजपा नेता कर रहे हैं।

आखिर क्यों गायब हो गए माननीय
बीते दिनों सत्तारूढ़ दल के एक माननीय ने अचानक मीडिया को बात करने के लिए आंमत्रण देकर बुला लिया , लेकिन खुद गायब हो गए। मीडिया पहुंची तो नेता जी नदारत मिले । काफी इंतजार के बाद जब उनकी खोज खबर ली गई तो पता चला की अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द कर दी गई है। अचानक हुए इस बाकए को लेकर अब तरह -तरह की चर्चाएं चल रही हैं। कहा जा रहा है कि वे बड़ा खुलासा करने वाले थे, जिसकी भनक सत्ता व संगठन को लग गई थी , जिसके चलते उन पर दबाब बनाकर उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से रोक दिया गया, तो कोई अन्य तरह के अनुमान जता रहे हैं। फिलहाल हकीकत तो माननीय ही बता सकते हैं, लेकिन यह तो तय है कि वे जो भी खुलासा करते उसकी आंच बहुत दूर तक जाने वाली थी। वैसे बता दें की यह वे ही नेता जी हैं, जो दो मंत्रियों के बीच इन दिनों चर्चा का केन्द्र बने हुए हैं। इनमें से एक के वे बेहद खास बताए जा रहे हैं।

निकाले जा रहे हैं मंत्री की टिप्पणी के मायने  
नए साल के आगाज के मौके पर वन महकमे के लगभग सभी बड़े अफसर मंत्री के दर पर शुभकामनाएं देने में व्यस्त थे, तभी एक वरिष्ठ महिला आईएफएस अफसर ने भी वहां दस्तक दे दी। वे अपनी बारी का इंतजार कर ही रही थीं, तभी मंत्री जी की नजर उन पर पड़ गई। वे  मंत्री को शुभकामनाएं और बधाई दे पातीं इसके पहले ही मंत्री जी उनकी ओर मुखातिब हुए और उन्हें सलाह देने लग गए। उन्होंने महिला अफसर से कहा कि आपको तो हेड (वन बल प्रमुख) बनना, हाफ नहीं। कहा जा रहा है कि दरअसल मंत्री जी का इशारा उनके कामकाज को लेकर था, कि जिस कुर्सी पर बैठो तो उसके हिसाब से पूरी ताकत से काम करो, आधे-अधूरे मन से नहीं। दरअसल  वे अभी जिस कुर्सी पर हैं, उस पर अब तक जो भी अफसर बैठा है, वह हाफ बनकर ही काम करता रहा है। खैर इसके बाद से ही मंत्री की टिप्पणी के मायने तलाशे जा रहे हैं। चर्चा अब इस बात की हो रही है कि जल्द ही शायद मैडम को महकमे में अहम जिम्मेदारी मिल सकती है।

खुद पर बीती तो हुआ दर्द का अहसास
करैरा की पूर्व विधायक शकुंतला खटीक भी निजी चिकित्सकों का शिकार हो गई हैं। अब जब वे खुद इसका शिकार बनी तो उन्हें आम लोगों को होने वाले दर्द का अहसास हुआ है। अब इस दर्द की वजह से उनके आंसू तक छलक उठे। दरअसल उन्होंने अपनी पुत्र वधू मधु को प्रसव के लिए एक निजी अस्पताल सिद्धि विनायक हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। उनका कहना है कि हमें नॉर्मल डिलीवरी का आश्वासन दिया गया था, लेकिन रात 3 बजे बहू को उठाकर अचानक ओटी में ले लगे, जबकि  बच्चा बाहर आ गया था लेकिन हाथ से उसका सिर अंदर कर आनन फानन में बेटे कपिल से साइन कराए और उसका प्रसव ऑपरेशन के माध्यम से कर दिया गया। अब उनके द्वारा इस मामले में कलेक्टर से शिकायत की गई है। उनका कहना है कि हम जैसे लोगों के साथ ऐसा किया जा रहा है तो गरीबों को कैसे लूटा जा रहा होगा। खास बात यह है कि इस दौरान उनका दर्द आंखो से छलक उठा।

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