- प्रणव बजाज

स्वागत पोस्टरों से खफा हैं मुरलीधर राव
नेतागिरी में स्वागत पोस्टरों का बड़ा महत्व माना जाता है। यही वजह है की जब भोपाल में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह आए तो पार्टी की तरफ से तमाम नेताओं के कटआउट वाले पोस्टर पूरे शहर में लाखों रुपए खर्च कर लगाए गए थे। ऐसे में अब प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव राजगढ़ जिले के दौरे पर पहुंचे तो जिले के भाजपा नेताओं ने भी अनुसरण करते हुए तमाम स्वागत पोस्टरों को लगा डाला। अंतर इतना था की उनमें प्रदेश के तमाम नेताओं के भी फोटो लगाए गए थे। जिन्हें देखकर राव ने बैठक में अपनी गुस्सा का इजहार करते हुए कहा कि पोस्टर में फोटो दशानन की तरह दिख रहे हैं। न तो मै उन्हें देख पा रहा हूं और न ही उनमें लोगों को दिलचस्पी है। उसमें फोटो भी जिस तरह से लगा रखे हैं, उससे वे दशानन की तरह लग रहे हैं। मेरी सूरत भी ऐसी नही है की लोग मेरा पोस्टर देखें। यह बात अलग है की कार्यकर्ताओं व संगठन के लोगों को तो सभी तरह की घुट्टी पिलाई जाती है , लेकिन माननीयों के पोस्टरों पर अब तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आयी है।
चर्चा में है छोटे साहब का फार्म हाउस खरीदना
वैसे तो भोपाल के आसपास जंगलों के बीच कई प्रदेश के आला अफसरों ने फार्म हाउस और बंगले बना रखे हैं। इसके लिए जमकर नियमों की धज्जियां भी उड़ाई गई हैं, लेकिन मजाल है की सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करे, ऐसे में एक जूनियर अफसर द्वारा कुछ दिनों पहले ही एक कृषि फार्म हाउस इन आला अफसरों के फार्म हाउस के पास खरीदा गया है। इसकी वजह से वे आला अफसरों की नजरों में चढ़ गए हैं। यह बात अलग है की इसमें भी आला अफसरों की ही तरह मकान बनाने में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के नियमों का खुलकर उल्लंघन किया गया है। खास बात यह है कि अब तक इस तरह के मामलों में प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों के नाम ही सामने आते रहे हैं, लेकिन अब एक जूनियर स्तर के अफसर का नाम भी चर्चा में बना हुआ है। सतपुड़ा भवन के एक दफ्तर में पदस्थ इन अफसर के चर्चा में आने की वजह है उनका दो साल से एक मलाईदार विभाग की कमान संभालना।
सीधी में बनी एंबुलेंस भाजपा में अखाड़े की वजह
टीकमगढ़ के बाद अब सीधी जिले में भी एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने का मामला अखाड़ा बन गया है। जिले में इसको लेकर विधायक और सांसद आमने सामने आ चुके हैं। दरअसल दो मई को 16 एंबुलेंस का पूजन कर उन्हें हरी झंडी दिखाकर विधायक केदारनाथ श्ुाक्ल ने रवाना किया था। इससे स्थानीय सांसद रीति पाठक नाराज हो गईं, बेचारे स्वास्थ्य विभाग के अमले को उनकी नाराजगी दूर करने के लिए दोबारा से छह दिन बाद 8 मई को सांसद महोदया से न केवल उनका पूजन दोबारा कराना पड़ा बल्कि उन्हें हरी झंडी दिखाकर रवाना करवाना पड़ा। इसके लिए बाकायदा सभी जगहों से एंबुलेंसों को बुलवाना पड़ा। सांसद के सोशल मीडिया अकाउंट पर जैसे ही इसकी जानकारी और फोटो नुमाया होना शुरू हुए, लोगों की तीखी प्रतिक्रिया आना शुरू हो गईं। फिलहाल इस मामले में कांग्रेस अब तंज कस रही है।
सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों को पंगु बनाया
हाल ही में सरकार द्वारा अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों को लेकर जारी किया गया एक आदेश उसके लिए मुसीबत बनता जा रहा है। इस मामले को अब कांग्रेस ने मुद्दा बनाने का प्रयास जो शुरू कर दिया है। दरअसल यह मामला इन सेवाओं के अफसरों को भ्रष्टाचार के मामलों की जांच से जुड़ा हुआ है। जनता तो पहले से ही भ्रष्टाचार की वजह से परेशान है, ऐसे में सरकार ने जांच शुरू करने के पहले उसके लिए मंत्री के साथ ही मुख्यमंत्री की अनुमति अनिवार्य करने का आदेश जारी कर दिया। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सवाल उठाते हुए कहा है कि चुनाव के समय न खाऊंगा और न खाने दूंगा का नारा देने वालों ने भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के सरंक्षण का पूरा इंतजाम कर दिया है। इस निर्णय से जांच एजेंसियां पूरी तरह से पंगु हो जाएंगी। उनका कहना है की इससे भाजपा का नया नारा अबकी बार भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाली सरकार बन गया है।